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International Mother Language Day: जानिए राष्ट्रभाषा-राजभाषा और मातृभाषा में क्या है अंतर

International Mother Language Day 2023: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार बांग्लादेश का था. क्योंकि 21 फरवरी वह दिन है जब बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) के लोगों ने बांग्ला भाषा की मान्यता के लिए संघर्ष किया था. यह दिन भारत के पश्चिम बंगाल में भी मनाया जाता है.

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International Mother Language Day 2023
International Mother Language Day 2023

International Mother Language Day 2023: हर साल 21 फरवरी को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है. इस दिन का मकसद भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देना और बहुभाषावाद को बढ़ावा देना है. यह पहली बार 17 नवंबर, 1999 को यूनेस्को द्वारा घोषित किया गया था, और फिर 2002 में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को अपनाने के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता मिली थी. 

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार बांग्लादेश का था. क्योंकि 21 फरवरी वह दिन है जब बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) के लोगों ने बांग्ला भाषा की मान्यता के लिए संघर्ष किया था. यह दिन भारत के पश्चिम बंगाल में भी मनाया जाता है. आइए जानते हैं राष्ट्रभाषा-राजभाषा और मातृभाषा में क्या अंतर है.

मातृभाषा किसे कहते हैं?
मातृभाषा वह भाषा है जो हम जन्‍म के साथ सीखते हैं. जहां हम पैदा होते हैं, वहां बोली जाने वाली भाषा खुद ही सीख जाते हैं. आसान भाषा में समझें तो जो भाषा हम जन्‍म के बाद सबसे पहले सीखते हैं, उसे ही अपनी मातृभाषा मानते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर कोई पंजाब में पैदा हुआ है तो पंजाबी इसकी मातृभाषा होगी.

राष्‍ट्रभाषा किसे कहते हैं?
राष्‍ट्रभाषा वह भाषा है जिसका किसी देश में सबसे अधिक प्रयोग होता है. यह देश की आधिकारिक भाषा होती है और देश का प्रतिनिधित्‍व करती है. जैसे अंग्रेजी अमेरिका की राष्‍ट्रभाषा है, जिसे मई 2006 में सीनेट ने एक विधेयक पारित किया था.

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राष्‍ट्रभाषा नहीं है हिंदी
भारत एक विविधताओं का देश है और यही इसकी सबसे बड़ी पहचान है. यहां अनेक भाषाएं और बोलियां बोली, लिखी और पढ़ी जाती हैं. ऐसे में किसी भी एक भाषा को राष्‍ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया है. भारत की एक बड़ी आबादी हिंदी भाषी है मगर बड़ी संख्‍या में लोग हिंदी न बोलते हैं न समझते हैं. न ही सभी को एक राष्‍ट्रभाषा सीखने और बोलने की कोई बाध्‍यता है.

राजभाषा किसे कहते हैं?
राजभाषा वह भाषा है जिसका इस्तेमाल प्रशासनिक कार्यों और सरकारी कामकाज में होता है. भारत में हिंदी हमारी राजभाषा है. यहां सरकारी दफ्तरों और अन्य जगहों पर अधिकतर हिंदी में ही काम होते हैं. हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर 1949 को मिला. इसके बाद 1953 से राजभाषा प्रचार समिति द्वारा हर साल 14 सितंबर को हिंदी द‍िवस का आयोजन किया जाने लगा. भारत के संविधान के भाग 17 के अनुच्‍छेद 343(1) में कहा गया है कि राष्‍ट्र की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागिरी होगी.

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