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चीनी क्रांति का उदय और उससे जुड़े तथ्‍य और जानकारियां

सन् 1949 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अगुवाई में चीन कोमिंगतांग शासन से मुक्त हुआ और चीन लोक गणराज्य की स्थापना हुई. इस प्रकार चीन के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा जिसे चीनी क्रांति कहते है.

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चीन का लिखित इतिहास कोई 5 हजार साल पुराना है. ईसा से 221 वर्ष पूर्व छिन राजवंश की स्थापना हुई, जिस ने चीन का एकीकरण किया था. ईस्वी सन् 618 मे थांग राजवंश स्थापित हुआ. उस के शासनकाल में चीन पूर्वी एशिया में सर्वाधिक समृद्धिशाली देश था. चीन का अंतिम राजवंश छिंग था. उसी दौरान चीन की अधोगति होने लगी थी. सन् 1840 से ब्रिटेन आदि साम्राज्यवादी ताकतों ने चीन पर आक्रमण शुरू कर दिया और चीन क्रमश: एक अर्ध-सामंती और अर्ध-उपनिवेशी देश बन गया. फिर भी वह किसी विदेश के अधीन नहीं हुआ.

सन्1911 में डाक्टार सुन यात-सेन के नेतृत्व में हुई क्रांति ने छिंग राजवंश का तख्ता उलट दिया और चीन गणराज्य स्थापित हुआ था. लेकिन सत्तारुढ़ पार्टी कोमिंगतांग के कुशासन तले जनता मुसीबतों की चक्की में पिस रही थी. उस के विरूद्ध संघर्ष चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने ही छेड़ दिया था. सन् 1949 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अगुवाई में चीन कोमिंगतांग शासन से मुक्त हुआ और चीन लोक गणराज्य की स्थापना हुई. इस प्रकार चीन के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा

(1) मंचू राजवंश का पतन 1911 ई. में हुआ.

(2) चीनी क्रांति का आगाज 1911 ई. में हुआ.

(3) चीनी क्रांति का नायक सनयात सेन था.

(4) सनयात सेन ने तुंग-मेंग दल (1905 ई. में) की स्‍थापना की.

(5) तुंग-मेंग दल की स्‍थापना का मकसद चीन में मंजू वंश के शासक को खत्‍म करना था.

(6) क्रांतिकारियों ने सनयात सेन को अपनी सरकार का अध्‍यक्ष 29 दिसंबर 1911 ई. को चुना.

(7) चीन में गणतंत्र शासन पद्धति की स्‍थापना 1911 ई. की क्रांति के बाद हुई.

(8) कोवीनेड लीग सोसाइटी का संस्‍थापक सनयात सेन था.

(9) युआन शीह काई के समर्थन में सनयात सेन ने अपना नेतृत्‍व वापस लिया.

(10) 1912 ई. में सनयात सेन ने कुओ मिंगतांग पार्टी की नींव रखी.

(11) डॉ. सनयात सेन ने अपनी सेना की संगठन के लिए जनरल गैलेन को चुना.

(12) डॉ. सनयात सेन के तीन सिद्धांत राष्ट्रवाद, लोकतंत्रवाद और सामाजिक न्‍याय थे.

(13) चीन का राष्ट्रपिता डॉ. सनयात सेन को कहा जाता है.

(14) सनयात सेन की मृत्‍यु 1925 ई. में हुई.

(15) कुओ मिंगतांग पार्टी से साम्‍यवादी लोग 1927 ई. में अलग हुए.

(16) चीन में गृह युद्ध 1928 ई. में शुरू हुआ.

(17) 1925 ई. को हुनान के किसान आंदोलन का नेतृत्‍व माओत्‍से तुंग ने किया.

(18) माओत्‍से तुंग का जन्‍म 1893 ई. में हुनान में हुआ.

(19) च्‍यांग कोईशेक ने केंद्रीय सरकार की सत्‍ता नानकिंग में संभाली.

(20) च्‍यांग कोईशेक ने अपनी सरकार की स्‍थापना फॉमॉसा में की.

(21) साम्‍यवादियों का दमन करने के लिए च्‍यांग कोईशेक ने ब्‍लू शर्ट आंतकवादी दल का गठन किया.

(22) माओत्‍से तुंग के नेतृत्‍व में जनवादी गणराज्‍य की स्‍थापना चीन में 1 अक्‍टूबर 1949 ई. में की गई.

(23) चीनी साम्‍यवादी गणतंत्र का प्रथम अध्‍यक्ष माओत्‍से तुंग था.

(24) चीनी जनवादी गणराज्‍य का प्रथम प्रधानमंत्री चाउ-एन-लाई था.

(25) चीन के जनवादी गणराज्‍य की राजधानी हुनान थी.

(26) खुला दरवाजा की नीति चीन में अपनाई गई.

(27) चीन का दरवाजा खोलने का श्रेय ब्रिटेन को दिया जाता है.

(28) खुला दरवाजा की नीति का प्रतिपादक जॉन हे था.

(29) एशिया का मरीज चीन को कहा जाता था.

(30) चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की स्‍थापना 1921 ई. में हुई.

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