History of Bulldozer: बुलडोज़र का आविष्कार इंजीनियरिंग की दुनिया में एक महत्वपूर्ण घटना थी. हाल में चर्चा में आए बुलडोजर का आविष्कार खेती-किसानों के कामों के लिए किया गया, मगर समय के साथ इसके इस्तेमाल बदलते चले गए. दुनिया के पहले बुलडोज़र का आविष्कार जेम्स कमिंग्स और जे. अर्ल मैकलियोड ने 1923 में मोरोविल, कान्सास में किया था. उन्होंने एक ऐस बड़ा ब्लेड बनाया जो बड़ी मात्रा में मिट्टी को धक्का दे सकता था. इसे ट्रैक्टर के साथ जुड़कर चलाने के लिए बनाया गया था.
उस समय ट्रैक्टर का उपयोग खेतों की जुताई के लिए किया जाता था. इस "अटैचमेंट फॉर ट्रैक्टर्स" के लिए उनका पेटेंट 1925 में स्वीकृत किया गया था. बुलडोजर की मुख्य विशेषता उसका बड़ा, सामने का ब्लेड और एक शक्तिशाली इंजन है जो भारी-भरकम चीज़ों को धक्का देने का काम करता है. आज के समय में बुलडोज़र में रबड़ के पहिए इस्तेमाल होने लगे हैं मगर पूर्व में इसमें चेन ट्रेड का इस्तेमाल होता था. इससे बुलडोज़र एक समान रूप से फैलता था और वह ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर आसानी से चल सकता था.
हालांकि, पहले बुलडोज़र का ताकतवर आर्म केवल घोड़ों या ट्रैक्टर से जोड़कर इस्तेमाल किया जाता था क्योंकि यह मूव नहीं हो सकता था, मगर इसमें हाइड्रॉलिक्स को जोड़ने के बाद ये आर्म मूव करने लगा और इसके दूसरे इस्तेमाल भी होने लगे. पूरी दुनिया में बुलडोजर का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में गंदगी, पत्थर, मलबे को धकेलने के लिए किया जाता है. ये खानों, खदानों, खेतों और निर्माण स्थलों पर काम करने के लिए एक महत्वपूर्ण आविष्कार है.