scorecardresearch
 

Reliance ने जर्मनी से की ऐसे हथियार की डील... PAK की हालत हो जाएगी खराब

रिलायंस डिफेंस और डीहल डिफेंस ने वुल्कानो 155mm प्रिसिजन-गाइडेड मुनिशन सिस्टम बनाने का समझौता किया. रत्नागिरी में ग्रीनफील्ड फैसिलिटी में 50% स्वदेशी कंटेंट के साथ प्रोडक्शन होगा. 10000 करोड़ रुपये का बिजनेस, 2029 तक 50000 करोड़ रुपये निर्यात लक्ष्य का. लेजर और GPS-गाइडेड, सटीक स्ट्राइक्स के लिए ये जरूरी गोले हैं. इससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा.

Advertisement
X
ये है वुल्कानो प्रेसिशन एम्यूनिशन के मॉडल. (फाइल फोटोः Reuters)
ये है वुल्कानो प्रेसिशन एम्यूनिशन के मॉडल. (फाइल फोटोः Reuters)

रिलायंस डिफेंस ने जर्मनी की डीहल डिफेंस के साथ मिलकर भारत में अत्याधुनिक वुल्कानो 155mm प्रिसिजन-गाइडेड मुनिशन सिस्टम को बनाने का समझौता किया है. यह समझौता भारत की उस महत्वाकांक्षा को पूरा करने में मदद करेगा, जिसमें विदेशी सैन्य आयात पर निर्भरता कम करना और घरेलू रक्षा उत्पादन क्षमताओं को मजबूत करना शामिल है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: पर्दे में रहने दो: ऑपरेशन सिंदूर के हमलों के बाद पाकिस्तान का कवर-अप ऑपरेशन

10 जून को घोषित इस रणनीतिक सहयोग में रिलायंस डिफेंस मुख्य निर्माता के रूप में काम करेगा, जबकि डीहल डिफेंस कोर टेक्नोलॉजीज और गाइडेंस सिस्टम्स प्रदान करेगा. ये अत्याधुनिक आर्टिलरी शेल्स है, जो लंबी दूरी और हाई-प्रिसिजन स्ट्राइक्स के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. रत्नागिरी के वटाड इंडस्ट्रियल एरिया में एक ग्रीनफील्ड फैसिलिटी में बनाए जाएंगे, जो आगामी धीरुभाई अंबानी डिफेंस सिटी का हिस्सा है.

यह भी पढ़ें: पहले खराब मौसम और अब ऑक्सीजन लीक... शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन में बार-बार आ रही बाधा

Vulcano 155mm

वुल्कानो 155mm सिस्टम

वुल्कानो 155mm सिस्टम लेजर और GPS-गाइडेड नेविगेशन से लैस है, जो टारगेट्स को असाधारण सटीकता के साथ हिट कर सकता है. भारतीय सशस्त्र बलों की ऑपरेशनल क्षमताओं को इससे काफी बढ़ावा मिलेगा, खासकर उन लड़ाई की स्थितियों में जहां प्रिसिजन की जरूरत होती है, न कि मात्रा की.

Advertisement

आर्थिक और रणनीतिक महत्व

रिलायंस डिफेंस का अनुमान है कि इस पार्टनरशिप से 10,000 करोड़ रुपये का बिजनेस हो सकता है, जो प्रिसिजन अम्मुनिशन के बढ़ते बाजार और ऐसी टेक्नोलॉजीज को स्थानीय स्तर पर बनाने के रणनीतिक मूल्य को दर्शाता है.

Vulcano 155mm

इस प्रोजेक्ट से 50% से ज्यादा स्वदेशी होगा, जो भारत की 'आत्मनिर्भर भारत' दृष्टि को सपोर्ट करेगा. 2029 तक सरकार के 50,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा. रिलायंस डिफेंस भारत के नेक्स्ट-जेन अम्मुनिशन मैन्युफैक्चरिंग ड्राइव के अगुआ बन गया है. 

Live TV

Advertisement
Advertisement