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पहले खराब मौसम और अब ऑक्सीजन लीक... शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन में बार-बार आ रही बाधा

LOX (लिक्विड ऑक्सीजन) रॉकेट इंजनों के लिए जरूरी है, लेकिन लीकेज से लॉन्च डिले हो सकता है. एक्स-4 मिशन 11 जून 2025 को LOX लीकेज की वजह से टला. लीकेज तापमान, मैकेनिकल फेल्योर या कॉरोशन से हो सकता है. जुलाई 2024 में स्टारलिंक मिशन भी लीकेज से फेल हुआ था. इसका लीकेज खतरनाक होता है.

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फ्लोरिडा के केप केनवरल लॉन्च स्टेशन पर LOX लीक की वजह से शुभांशु शु्क्ला का रॉकेट टेकऑफ नहीं कर पाया. (फोटोः गेटी)
फ्लोरिडा के केप केनवरल लॉन्च स्टेशन पर LOX लीक की वजह से शुभांशु शु्क्ला का रॉकेट टेकऑफ नहीं कर पाया. (फोटोः गेटी)

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का एक्स-4 (Axiom 04) मिशन, जो 8 जून, 10 जून और 11 जून को टाला जा चुका है. लॉन्च की अगली तारीख अब स्पेसएक्स की टीम बताएगी. पहले मौसम वजह बना, फिर LOX लीकेज. जिसकी वजह से बार-बार देरी का सामना कर रहा है. आइए समझते हैं कि LOX क्या है? क्यों लीक होता है? इसका उपयोग क्या है?  

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LOX क्या है?

LOX का मतलब लिक्विड ऑक्सीजन (Liquid Oxygen) है. यह ऑक्सीजन का एक रूप है, जो बहुत कम तापमान (-183 डिग्री सेल्सियस) पर तरल अवस्था में होता है. अंतरिक्ष मिशनों में LOX रॉकेट इंजनों को चलाने के लिए ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. यह ऑक्सीजन प्रदान करता है, जो रॉकेट के ईंधन (जैसे केरोसिन या हाइड्रोजन) को जलाने के लिए जरूरी है.

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LOX leak Axiom mission

LOX का उपयोग

LOX का मुख्य उपयोग रॉकेट इंजनों में ऑक्सीडाइजर के रूप में होता है. जब रॉकेट लॉन्च होता है, तो LOX और ईंधन को मिलाकर जलाया जाता है, जिससे बहुत ज्यादा ऊर्जा पैदा होती है. रॉकेट ऊपर उठता है. LOX के बिना रॉकेट इंजन काम नहीं कर सकते, क्योंकि ऑक्सीजन की जरूरत होती है ईंधन को जलाने के लिए. उदाहरण के लिए...

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  • फाल्कन 9 रॉकेट: स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट LOX और RP-1 (रिफाइंड पेट्रोलियम) का इस्तेमाल करता है.
  • स्पेस शटल: नासा के स्पेस शटल्स LOX और हाइड्रोजन का इस्तेमाल करते थे.

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क्यों लीक होता है LOX?

LOX लीकेज की कई वजहें हो सकती हैं...

  • तापमान का अंतर: LOX बहुत ठंडा होता है (-183 डिग्री सेल्सियस), और जब इसे स्टोर या ट्रांसपोर्ट किया जाता है, तो पाइप्स या टैंकों में तापमान का अंतर लीकेज का कारण बन सकता है.
  • मैकेनिकल फेल्योर: पाइप्स, वॉल्व्स या सील्स में खराबी के कारण लीकेज हो सकता है.
  • वाइब्रेशन और प्रेशर: रॉकेट लॉन्च के दौरान वाइब्रेशन और प्रेशर के कारण लीकेज हो सकता है.
  • कॉरोशन: लंबे समय तक इस्तेमाल से पाइप्स या टैंकों में जंग लग सकता है, जो लीकेज का कारण बनता है.
  • मानव त्रुटि: इंस्टॉलेशन या मेंटेनेंस के दौरान गलतियां भी लीकेज का कारण हो सकती हैं.

LOX leak Axiom mission

हालिया LOX लीकेज

एक्स-4 मिशन में LOX लीकेज की समस्या 11 जून 2025 को सामने आई, जब लॉन्च से कुछ घंटे पहले फाल्कन 9 रॉकेट में LOX लीकेज की रिपोर्ट मिली. इसकी वजह से लॉन्च को टालना पड़ा. यह समस्या स्पेसएक्स के लिए नई नहीं है, क्योंकि पहले भी LOX लीकेज की घटनाएं हुई हैं...

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जुलाई 2024: फाल्कन 9 के दूसरे स्टेज में LOX लीकेज के कारण स्टारलिंक सैटेलाइट्स का मिशन फेल हो गया. इसने स्टारलिंक्स को बहुत नीचे की कक्षा में छोड़ दिया था. वे पृथ्वी पर गिर गए. 

यह भी पढ़ें: शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन भारत के लिए कितना अहम? जानिए ISRO साइंटिस्ट से

मई 2024: एक अन्य मिशन में LOX लीकेज की वजह से लॉन्च डिले हुआ, लेकिन बाद में इसे ठीक कर लिया गया.

2023: स्पेसएक्स ने LOX प्यूरिटी (शुद्धता) की जांच के लिए कई टेस्ट किए, क्योंकि कम प्यूरिटी वाले LOX से इंजन की परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है.

LOX leak Axiom mission

LOX लीकेज के प्रभाव

LOX लीकेज रॉकेट लॉन्च पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है...

  • लॉन्च डिले: लीकेज की वजह से लॉन्च को टालना पड़ता है, जैसे एक्स-4 मिशन में हुआ.
  • सुरक्षा जोखिम: LOX बहुत ज्वलनशील होता है. लीकेज से आग या विस्फोट का खतरा हो सकता है.
  • मिशन फेल्योर: अगर लीकेज को समय पर ठीक नहीं किया जाता, तो पूरा मिशन फेल हो सकता है, जैसे जुलाई 2024 में स्टारलिंक मिशन में हुआ.

LOX लीकेज एक गंभीर समस्या है, जो अंतरिक्ष मिशनों को प्रभावित कर सकती है. एक्स-4 मिशन में यह समस्या लॉन्च को टालने का कारण बनी, लेकिन स्पेसएक्स और नासा की टीमें इसे ठीक करने पर काम कर रही हैं. LOX रॉकेट इंजनों के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी लीकेज से सुरक्षा और मिशन की सफलता पर असर पड़ता है. आने वाले समय में, इन समस्याओं को दूर करने के लिए और तकनीकी सुधार किए जाएंगे.

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