पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर पड़ोसी मुल्क के दांत खट्टे किए. इस सैन्य कार्रवाई में भारत की तीनों सेनाओं ने अद्भुत शौर्य दिखाया था. इस बीच रक्षा मंत्री ने भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत का दौरा किया और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना के अदम्य साहस का परिचय दिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की एक तस्वीर सामने आई हैं, जिसमें वह भारतीय नौसेना के बेडे़ में शामिल युद्धपोत INS विक्रांत पर सवार दिखाई दे रहे हैं. इस तस्वीर में उनके साथ नौसेना के अधिकारी और जवान भी हैं. अरब सागर में तैनात INS विक्रांत पर रक्षा मंत्री ने नौसेना के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात की है, उनका हौसला बढ़ाया है और ऑपरेशन की सफलता पर चर्चा की है.
यहां पहुंचकर राजनाथ सिंह ने कहा कि आज आईएनएस विक्रांत पर अपने नौसैनिक वॉरियर्स के बीच आकर मुझे बड़ी खुशी हो रही है. जब मैं भारत की समुद्री शक्ति के गौरव INS विक्रांत पर खड़ा हूं तो मेरे अंदर खुशी के साथ-साथ गर्व और विश्वास का भी भाव है कि जब तक राष्ट्र की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा आपके मजबूत हाथों में है, तब तक भारत को कोई तिरछी निगाहों से देख नहीं सकता. वैसे भी विक्रांत का अर्थ होता है- अदम्य साहस और अपराजेय शक्ति. आज आप भी जांबाजों के बीच खड़े होकर मैं इस नाम के अर्थ को साकार होते देख रहा हूं. आपकी आंखों में जो दृढ़ता है, उसमें भारत की असली शक्ति झलकती है. आज मैं यहां केवल रक्षा मंत्री के नाते हीं आया हूं बल्कि मैं यहां एक कृतज्ञ भारतीय के रूप में आया हूं.
उन्होंने कहा कि मैं आप सभी को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की बधाई देता हूं. पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया तो हमारी सेनाओं ने जिस गति और स्पषटता के साथ कार्रवाई की वह अद्भुत था. उसने न केवल आतंकियों को बल्कि उन्हें पालने-पोसने वाले सरपरस्तों को भी स्पष्ट संदेश दे दिया कि भारत अब सहन नहीं करता, भारत अब सीधा जवाब देता है. इस पूरे इंटेग्रेटेड ऑपरेशन में नौसेना की भूमिका गौरवशाली रही है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब वायुसेना ने पाकिस्तान की धरती पर आतंक के अड्डो को ध्वस्त किया, तब अरब सागर में आपकी आक्रामक तैनाती, बेजोड़ मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस और समुद्री वर्चस्व ने पाकिस्तानी नौसेना को उसके ही तटों के पास सीमित कर दिया. वे खुल समुद्र में आने का साहस तक नहीं जुटा सके.
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने महज कुछ ही समय में पाकिस्तान के आतंकी अड्डों और उनके इरादों को ध्वस्त कर दिया. हमारा प्रहार इतना तगड़ा था कि पाकिस्तान पूरी दुनिया से भारत को रोकने की गुहार लगाने लग गया. मैं फिर दोहरा रहा हूं कि अपनी शर्तों पर हमने अपने मिलिट्री एक्शंस को रोका है. अभी तो हमारी सेनाओं ने अपनी आस्तीनें पूरी मोड़ी भी नहीं थी. अभी तो हमने अपना पराक्रम दिखाना शुरू भी नहीं किया था.
उन्होंने कहा कि समुद्र में तैनात हमारे जहाजों के पश्चिमी बेड़े ने आतंकी हमले के 96 घंटों के भीतर पश्चिमी और पूर्वी तट पर सतह से सतह और सतह से हवा में मिसाइलें दागी थीं और टारपीडो से सफल फायरिंग की थी, जो हमारे प्लेटफॉर्म, सिस्टम और चालक दल की कॉम्बैट तत्परता को दिखाता है. लंबी दूरी के इन सटी हमलों ने दुश्मन के खिलाफ हमारे इरादों को भी दिखाया और दुश्मन इसी से डिफेंसिव मोड में गया.
उन्होंने कहा कि यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि आपकी मौजूदगी ने दुश्मन की गति को शुरू होने से पहले ही रोक दिया. मैं भारतीय नौसेना के प्रत्येक अधिकारी, प्रत्येक जवान और उससे जुड़े हर नागरिक को ह्रदय से बधाई देता हूं. एक रोचक बात ये है कि पाकिस्तान भी आपके शौर्य से भलीभांति वाकिफ है. पाकिस्तान को पता है कि जब भारतीय नौसेना पूरे जोर से चलती है तो उसका अंजाम क्या होता है. 1971 इसका गवाह है जब भारतीय नौसेना हरकत में आई थी तो पाकिस्तान एक से दो हो गया था. अगर ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय नौसेना अपने फॉर्म में आई होती तो पाकिस्तान के दो टुकड़े नहीं होते बल्कि मैं समझता हूं कि शायद चार टुकड़े हो जाते.
रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं आप सभी से कहना चाहता हूं कि आप अपनी तैयारियों में कोई कमी न रखें. अब तक जो हुआ वह तो वॉर्मअप था. अगर पाकिस्तान फिर से कोई जुर्रत करता है तो इस बार नैवी भी हरकत में आएगी और फिर भगवान ही जानता है कि पाकिस्तान का क्या होगा.
उन्होंने कहा कि जरा सोचिए कि जो खामोश रहकर भी किसी देश की फौज को बोतल में बंद रख सकता है, वह जब बोलेगा तो क्या नजारा होगा? इस बार तो पाकिस्तान को भारतीय नौसेना की फायर पावर का सामना नहीं करना पड़ा लेकिन दुनिया जानती है कि अगर पाकिस्तान ने इस बार कोई नापाक हरकत की तो हो सकता है कि इस बार ओपनिंग भी हमारी नेवी के हाथों से ही हो. पाकिस्तान को यह समझ लेने की जरूरत है कि आतंकवाद के जिस खतरनाक खेल को वह आजादी के समय से खेलता आ रहा है, उसकी मियाद अब खत्म हो चुकी है. अब जब भी पाकिस्तान भारत के खिलाफ किसी आतंकी हरकत को शह देगा, तो न केवल उसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा बल्कि हर बार की तरह उसे मात का भी सामना करना पड़ेगा.
क्या है INS विक्रांत?
राजनाथ सिंह का यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद हो रहा है, जिसमें भारतीय नौसेना ने अदम्य साहस का परिचय दिया था. मालूम हो कि पहलगाम आंतकी हमले के बाद भारतीय नौसेना ने अपने पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS Vikrant को अरब सागर में करवर तट के पास तैनात किया है. इस युद्धपोत के स्ट्राइक ग्रुप में एक विमानवाहक पोत, विध्वंसक, फ्रिगेट, पनडुब्बी रोधी युद्धपोत और अन्य सहायक जहाज शामिल हैं.
यह समूह एक शक्तिशाली इकाई के रूप में काम करता है, जो विभिन्न समुद्री अभियानों में भाग ले सकता है. ये ग्रुप एक मजबूत सुरक्षा कवच बनाती हैं जो वायु, सतह और पनडुब्बी से बचाव करती हैं. अगर ये स्ट्राइक ग्रुप किसी भी समय पाकिस्तानी नौसेना के छक्के छुड़ा सकती है. कराची और ग्वादर बंदरगाह तक और पूरे पाकिस्तान को तबाह कर सकता है.
आईएनएस विक्रांत का डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन है. यह 262 मीटर लंबा और 59 मीटर चौड़ा है. यह अपने ऊपर 40 फाइटर जेट्स को लेकर चल सकता है. INS विक्रांत में जनरल इलेक्ट्रिक के ताकतवर टरबाइन लगे हैं. जो इसे 1.10 लाख हॉर्सपावर की ताकत देते हैं. इस पर MiG-29K लड़ाकू विमान और 10 Kmaov Ka-31 हेलिकॉप्टर के दो स्क्वॉड्रन हैं. इस विमानवाहक पोत की स्ट्राइक फोर्स रेंज 1500 किलोमीटर है. इस पर 64 बराक मिसाइलें लगी हैं. जो पोत से हवा में मार करने में सक्षम हैं. ब्रह्मोस मिसाइलें भी लैस हैं, जिनसे पाकिस्तान डरता है.