भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आज (29 अक्टूबर 2025) हरियाणा के अंबाला का दौरा करेंगी, जहां वे राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरेंगी. राष्ट्रपति भवन ने प्रेस रिलीज जारी करके इसकी जानकारी दी है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं, और यह उड़ान भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं को दर्शाएगी.
29 अक्टूबर 2025 को हरियाणा के अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर एक खास ऐतिहासिक पल होगा. राष्ट्रपति मुर्मू राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली पहली आदिवासी महिला और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी, जिन्होंने यह पद संभाला है.
इससे पहले, उन्होंने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर एयर फोर्स स्टेशन पर सुखोई 30 एमकेआई फाइटर एयरक्राफ्ट में उड़ान भरी थी. बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने 8 जून 2006 और 25 नवंबर 2009 को पुणे के पास लोहेगांव एयर फ़ोर्स स्टेशन पर सुखोई-30 MKI फाइटर एयरक्राफ्ट में उड़ान भरी थी.
रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन...
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राफेल में उड़ान भरना उनकी राष्ट्रपति पद की एक और बड़ी उपलब्धि है. यह उड़ान भारतीय वायुसेना की ताकत और भारत की आधुनिक रक्षा क्षमताओं को प्रदर्शित करेगी. राफेल भारत की रक्षा का एक मजबूत और आधुनिक हथियार है.
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पिछली उड़ान और ऐतिहासिक महत्व
राष्ट्रपति मुर्मू, सुखोई 30 एमकेआई में उड़ान भरने वाली तीसरी राष्ट्रपति थीं. अब वह राफेल में उड़ान भरने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी. यह ऐतिहासिक उपलब्धि महिलाओं को सेना में शामिल होने के लिए भी प्रोत्साहन देगी.
कहां से आया फाइटर जेट?
फ्रेंच एयरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाए गए राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट को सितंबर 2020 में अंबाला एयर फ़ोर्स स्टेशन पर इंडियन एयर फ़ोर्स में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था. पहले पांच राफेल एयरक्राफ्ट, जो 27 जुलाई, 2020 को फ्रांस से आए थे, उन्हें 17 स्क्वाड्रन, 'गोल्डन एरो' में शामिल किया गया था.
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राफेल जेट्स का इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था, जिसे 7 मई को पाकिस्तान के कब्ज़े वाले इलाकों में कई आतंकी ठिकानों को खत्म करने के लिए लॉन्च किया गया था. इन हमलों के बाद चार दिनों तक ज़बरदस्त झड़पें हुईं, जो 10 मई को मिलिट्री एक्शन रोकने की सहमति के साथ खत्म हुईं.