श्रीनगर की मशहूर डल झील में रविवार को एक सफाई अभियान के दौरान पाकिस्तान द्वारा दागे गए फतह-1 रॉकेट मिला. यह रॉकेट इस साल मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान झील में गिरा था. रक्षा सूत्रों के अनुसार यह हमला श्रीनगर के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए था, लेकिन चूक गया. बरामद राकेट के खोल को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है.
ऑपरेशन सिंदूर भारत की सेना का एक बड़ा जवाबी कदम था. इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष भारतीयों पर कायराना हमला हुआ. इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ सटीक कार्रवाई की. यह ऑपरेशन सीमित लेकिन मजबूत था.
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सेना ने पाकिस्तानी ठिकानों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन युद्ध बढ़ाने की कोशिश नहीं की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि भारत ने कर्म देखकर मारा यानी गलत काम करने वालों को सजा दी, लेकिन संयम बरता.
इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान ने जवाबी हमला किया. 10 मई 2025 को फतह-1 रॉकेट दागा गया. यह पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 70-100 किमी दूर तक मार कर सकती है. लेकिन यह श्रीनगर के सैन्य केंद्र को निशाना बनाने में नाकाम रही.

डल झील श्रीनगर की जान है. यह पर्यटन का केंद्र है, जहां शिकारे घूमते हैं. लेकिन सीमा तनाव से यहां कभी-कभी खतरा आ जाता है. यह बरामदगी झील की सफाई के महत्व को भी दिखाती है.
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रक्षा विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे अवशेषों से सीख मिलती है. भारत को अपनी सीमा पर नजर रखनी चाहिए. यह घटना हमें याद दिलाती है कि शांति के लिए सतर्क रहना जरूरी है.