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न अमेरिकी, न रूसी जेट...नॉर्थ कोरिया के दुश्मन देश के स्टील्थ फाइटर जेट पर है भारत की नजर

भारत, जो अब तक अमेरिकी और रूसी जेट्स पर भरोसा करता आया है, अब दक्षिण कोरिया के नए KF-21 Boramae फाइटर जेट पर नजर डाल रहा है. अगर भारत ये सौदा करता है तो अमेरिकी टैरिफ और रूस से पुरानी दोस्ती पर असर पड़ सकता है.

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ये है साउथ कोरिया का KF-21 Fighter Jet. (File Photo: Getty)
ये है साउथ कोरिया का KF-21 Fighter Jet. (File Photo: Getty)

दक्षिण कोरिया का KF-21 Boramae मेटियोर मिसाइल के साथ एक शक्तिशाली जेट बनकर उभर रहा है. भारत इसके लिए रुचि दिखाकर सही दिशा में कदम बढ़ा रहा है, खासकर जब चीन और पाकिस्तान जैसे खतरे बढ़ रहे हैं. यह जेट न सिर्फ हवा में ताकत देगा, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता को भी बढ़ाएगा. हालांकि, डील को फाइनल करने में समय और बातचीत लगेगी, लेकिन यह भविष्य की रक्षा के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है.

KF-21 Boramae क्या है?

KF-21 Boramae दक्षिण कोरिया का एक नया मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे कोरिया एयरोस्पेस इंडस्ट्रीस ने बनाया है. इसे पहली बार 2021 में दुनिया के सामने पेश किया गया था. अभी इसके ट्रायल चल रहे हैं. इसे 2026 में दक्षिण कोरिया की वायुसेना में शामिल करने की योजना है. यह जेट हल्का और स्टील्थ फीचर्स वाला है, यानी यह दुश्मन की रडार से बच सकता है. इसका मकसद पुराने जेट्स को बदलना और हवा में ताकत बढ़ाना है.

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KF-21 Fighter Jet

KF-21 की खूबियां

यह जेट कई लाजवाब खूबियों से लैस है...

  • गति और दूरी: 2200 किमी/घंटा की रफ्तार से 1000 किमी तक उड़ सकता है.
  • आकार: 55.5 फीट लंबा, 15.5 फीट ऊंचा और टेकऑफ वजन 25,600 किलोग्राम.
  • पायलट: इसे 1 या 2 पायलट चला सकते हैं- 1 लड़ाई के लिए, 2 ट्रेनिंग के लिए.
  • तोप: 20 मिमी की वल्कन तोप, जो एक मिनट में 480 गोलियां दाग सकती है.
  • हथियार: 10 जगहें (हार्ड प्वाइंट्स) हैं, जहां 5 एयर-टू-एयर (मेटियोर, साइडविंडर) और 5 एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलें, एंटी-शिप मिसाइलें या बम लगाए जा सकते हैं.

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भारत क्यों दिलचस्पी ले रहा है?

भारत की वायुसेना को नए जेट्स की सख्त जरूरत है, क्योंकि पुराने MiG-21 और जगुआर अब पुराने पड़ गए हैं. MRFA डील के तहत भारत 100 से ज्यादा नए जेट्स लेना चाहता है. अमेरिकी F-35 और रूसी Su-57 जेट्स महंगे हैं. इन पर निर्भरता बढ़ रही है. वहीं, KF-21 सस्ता (लगभग 87-110 मिलियन डॉलर प्रति जेट) और आधुनिक है.

KF-21 Fighter Jet

  • मेक इन इंडिया: भारत इसे अपने यहां बनाना चाहता है, जिसमें अपनी तकनीक (जैसे रडार) जोड़ सकता है.
  • चीन का खतरा: भारत-चीन सीमा विवाद को देखते हुए यह जेट रणनीति में मददगार होगा.
  • कम खर्च: यह राफेल या F-35 से सस्ता है, जो भारत के बजट के लिए अच्छा है.

क्या दिक्कतें हो सकती हैं?

  • ट्रायल: KF-21 अभी टेस्टिंग में है. 2026 तक तैयार नहीं होगा.
  • तकनीक: दक्षिण कोरिया को भारत के साथ तकनीक शेयर करनी होगी.
  • दुश्मन की नाराजगी: चीन और उत्तर कोरिया इस डील को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मान सकते हैं.
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