अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन और टाटा ग्रुप की संयुक्त कंपनी ने बड़ा कीर्तिमान बना दिया है. भारत में बने C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान का 250वां पूंछ हिस्सा (एम्पेनेज) पूरा करके अमेरिका भेज दिया गया.
यह पूंछ हिस्सा हैदराबाद स्थित टाटा लॉकहीड मार्टिन एयरोस्ट्रक्चर्स लिमिटेड (TLMAL) फैक्ट्री में बनाया गया है. TLMAL साल 2010 में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लॉकहीड मार्टिन की जॉइंट वेंचर कंपनी के रूप में शुरू हुई थी.
यह भी पढ़ें: पुतिन की गुप्त सुरक्षा: फूड की मोबाइल लैब से पूप सूटकेस तक – कैसे बनी दुनिया की सबसे अजीब और सख्त सिक्योरिटी
C-130J का यह एम्पेनेज विमान के लिए बहुत जरूरी होता है. इसमें ऊपर-नीचे और दाएं-बाएं की पूंछ (हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल स्टेबलाइजर) शामिल होती है, जो उड़ान के दौरान विमान को स्थिर और नियंत्रित रखती है.

हैदराबाद में बना यह हिस्सा अब जहाज से अमेरिका के जॉर्जिया राज्य स्थित लॉकहीड मार्टिन की फैक्ट्री में जाएगा, जहां इसे पूरा C-130J विमान बनाकर दुनिया के अलग-अलग देशों की वायुसेना को दिया जाएगा.
लॉकहीड मार्टिन के वाइस प्रेसिडेंट रॉड मैकलीन ने कहा कि 250वां पूंछ हिस्सा भारत-अमेरिका की गहरी दोस्ती और सहयोग का प्रतीक है. भारत अब वैश्विक एयरोस्पेस सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन चुका है. हमारे भारतीय साथियों की गुणवत्ता और सटीकता की वजह से ही दुनिया के 23 देशों की वायुसेना को भरोसेमंद C-130J मिल पा रहा है.
यह भी पढ़ें: आर्कटिक पर होगा कब्जा...रूस ने भारत को दिया आइसब्रेकर जहाज निर्माण का प्रस्ताव

यह दुनिया का सबसे भरोसेमंद सैन्य परिवहन विमान है. भारत ने 2011 में पहला C-130J लिया था. भारतीय वायुसेना इसके जरिए लद्दाख की ऊंची एयरस्ट्रिप दौलत बेग ओल्डी पर लैंडिंग से लेकर रात में खराब मौसम में भी ऑपरेशन कर चुकी है.
दुनिया भर में 560 से ज्यादा C-130J उड़ रहे हैं. इन्होंने 30 लाख घंटे से ज्यादा उड़ान भरी है. ये विमान राहत कार्य, सैन्य माल ढोना, स्पेशल ऑपरेशन, समुद्री निगरानी, हवाई ईंधन भराई – हर काम करते हैं.