
चीन ने बुधवार को बीजिंग में अपने अब तक के सबसे बड़े सैन्य परेड का आयोजन किया. यह आयोजन द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के 80 वर्ष पूरे होने पर किया गया. इस विक्ट्री-डे मिलिट्री परेड में चीन ने अपनी नई सैन्य तकनीकों और आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया. परेड के दौरान दो बड़े सैन्य विमानों ने पहली बार आधिकारिक रूप से चीन की सेना में डेब्यू किया है.
पहला, KJ-600 कैरियर-बेस्ड अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट, जिसे नौसैनिक बेड़े की निगरानी और दुश्मन की गतिविधियों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह विमान चीन की नेवी को समुद्री रक्षा और अर्ली वार्निंग क्षमता में बड़ी ताकत देगा.

दूसरा, चीन का दो-सीटर J-20S फाइटर जेट, जो 5th जनरेशन का स्टेल्थ फाइटर जेट माना जाता है. इसे "चीन का आधुनिक युद्धक विमान" कहा जा रहा है, जिसमें अडवांस्ड स्टेल्थ टेक्नोलॉजी और हाई-एंड एवियोनिक्स सिस्टम मौजूद हैं.

इस भव्य आयोजन की अध्यक्षता राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने की. खास मेहमानों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन शामिल रहे.
इस मौके पर चीन ने अपने कई नए हथियारों का प्रदर्शन किया, जिनमें HQ-19 एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम, ड्रोन सिस्टम, टैंक, PCH-191 मॉड्यूलर लॉन्ग-रेंज रॉकेट लॉन्चर्स, एंटी-सबमरीन मिसाइल्स और नवीनतम अनमैन्ड ग्राउंड व्हीकल सिस्टम्स शामिल हैं.
बीजिंग में आयोजित परेड के दौरान चीन ने छह नए तरह की सरफेस-टू-एयर मिसाइल्स प्रदर्शित कीं, जिनमें HQ-19, HQ-12 और HQ-29 शामिल हैं.
चीन ने अपनी DF-5 स्ट्रेटेजिक इंटरकॉन्टिनेंटल न्यूक्लियर मिसाइल्स का भी प्रदर्शन किया, जिसके बारे में दावा है कि इसकी मारक क्षमता पूरी दुनिया को कवर करने में सक्षम है.
यह आयोजन उस समय हुआ है जब चीन और उसके पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. विश्लेषकों का मानना है कि शी जिनपिंग इस परेड के जरिए एक अमेरिका के बाद न्यू इंटरनेशनल ऑर्डर स्थापित करने का संदेश देना चाहते हैं.
दिलचस्प बात यह रही कि इस आयोजन में लगभग कोई भी पश्चिमी देश का नेता शामिल नहीं हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्यक्रम को लेकर चीन पर "साजिश रचने" का आरोप भी लगाया है.
इस परेड को चीन की सैन्य शक्ति और एयरोस्पेस महत्वाकांक्षा का प्रदर्शन माना जा रहा है. बीजिंग के ऐतिहासिक तियानमेन स्क्वायर में आयोजित यह परेड चीन की बढ़ती रक्षा क्षमता और वैश्विक प्रभाव को दिखाने की एक बड़ी कोशिश रही.