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पश्चिम बंगाल: कीटनाशक खाने से व्यक्ति की मौत, SIR को लेकर तनाव में होने का दावा

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में 58 वर्षीय सोफिकुल मोंडल की कथित रूप से कीटनाशक खाने से मौत हो गई. परिजन का दावा है कि चुनावी मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) के दौरान परिवार के नाम गायब मिलने से वह गहरी चिंता में थे. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. हाल में कई जिलों से ऐसी घटनाएं सामने आई हैं.

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परिवार के कई नाम मतदाता सूची से गायब पाए गए इसलिए तनाव में था. (Photo: Representational)
परिवार के कई नाम मतदाता सूची से गायब पाए गए इसलिए तनाव में था. (Photo: Representational)

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक 58 वर्षीय व्यक्ति की कीटनाशक खाने से मौत का मामला सामने आया है. मृतक की पहचान जादुरहाटी पूर्वा निवासी सोफिकुल मोंडल के रूप में हुई है. परिवार का कहना है कि मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (Special Intensive Revision- SIR) को लेकर वह पिछले कई दिनों से तनाव में थे.

परिवार के कई नाम मतदाता सूची से गायब पाए गए
SIR प्रक्रिया शुरू होने के बाद सोफिकुल मोंडल ने 2002 की वोटर लिस्ट की जांच की थी. पुलिस के अनुसार, उन्हें सूची में अपना नाम तो मिला, लेकिन परिवार के कई अन्य सदस्यों के नाम गायब थे.
परिजन का दावा है कि इसी बात से वह बेहद परेशान हो गए और उन्हें डर था कि नाम हटने से उनके परिवार का अधिकार प्रभावित हो सकता है या उन्हें किसी तरह का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
मंगलवार को सोफिकुल ने कथित तौर पर कीटनाशक खा लिया. जब परिवार वालों ने उन्हें बेहोश पाया तो तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. बाद में हालत बिगड़ने पर उन्हें कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

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स्थानीय विधायक ने परिवार से की मुलाकात
बुधवार सुबह बदुरिया के TMC विधायक काज़ी अब्दुर रहीम दिलु पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. उन्होंने परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया और पूरी घटना की जानकारी ली.

राज्य के कई जिलों में बढ़ रही ऐसी घटनाएं
हाल के हफ्तों में इसी तरह SIR प्रक्रिया से जुड़ी चिंता और तनाव के चलते मौत की खबरें कई जिलों जैसे कि उत्तर 24 परगना, मुर्शिदाबाद, बीरभूम और नदिया से सामने आई हैं.

क्या है SIR प्रक्रिया?
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने SIR यानी Special Intensive Revision की शुरुआत कई राज्यों में की है.
इस प्रक्रिया के तहत:

घर-घर जाकर मतदाता सूची की सटीकता की जांच होती है
मृत, डुप्लीकेट और गलत प्रविष्टियों को हटाया जाता है
नए योग्य मतदाताओं को जोड़ा जाता है
अधिकारियों के अनुसार, इसका उद्देश्य मतदाता सूची को पूरी तरह सही और अपडेट रखना है.

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