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गोंडाः संदिग्ध हालात में प्रभारी CMO की मौत, पेड़ पर लटका मिला शव

गोंडा के जिलाधिकारी कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव ने 'आज तक' को जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का लग रहा है. क्योंकि इससे पहले भी डॉक्टर हसन दो बार आत्महत्या का प्रयास कर चुके थे.

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पुलिस मामले की छानबीन कर रही है (फोटो- अंचल)
पुलिस मामले की छानबीन कर रही है (फोटो- अंचल)

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी संदिग्ध हालात में मौत हो गई. उनकी लाश उनके आवास में एक पेड़ से लटकी हुई मिली. सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. पुलिस ने शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया.

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ग्यासुल हसन के पास मुख्य चिकित्सा अधिकारी का चार्ज भी था. परिजनों ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को बताया कि हसन काम की वजह से तनाव में थे. पुलिस अधीक्षक लल्लन सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट आने पर मौत की वजह साफ होगी.

एसपी ने बताया कि आवास विकास कॉलोनी स्थित आवास पर सोमवार की सुबह अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी हसन का शव अमरूद के पेड़ से लटका हुआ था. पास में ही एक कुर्सी भी पड़ी थी. सुबह जब उनकी पत्नी उठीं तो डॉ. हसन अपने कमरे में नहीं थे. जब उन्होंने बाहर जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए. उनकी लाश पेड़ पर एक चादर से झूल रही थी.

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गोंडा के जिलाधिकारी कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव ने 'आज तक' को जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का लग रहा है. क्योंकि इससे पहले भी डॉक्टर हसन दो बार आत्महत्या का प्रयास कर चुके थे. जिले के सीएमओ अवकाश पर थे, लिहाजा उनका चार्ज सीनियर होने के नाते डॉक्टर हसन के पास था.

DM-Gonda

डीएम के मुताबिक पैनल बनाकर उनका पोस्टमार्टम कराया गया है. पूरे पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई है. अब रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है.

डॉक्टर हसन के रिश्तेदार आर.बी. फारूकी ने बताया कि डॉक्टर हसन के पास सीएमओ का चार्ज भी था. वर्क लोड ज्यादा था, लिहाजा वो रात भर सोए नहीं थे. सुबह उनकी पत्नी उठी तो मालूम पड़ा कि वे घर के बाहर पेड़ से लटके हुए थे. तब उनकी पत्नी ने शोर मचाकर सबको बुलाया. पुलिस को 100 नंबर पर सूचना दी गई.

अब पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. परिजनों के मुताबिक डॉक्टर हसन काम का बोझ ज्यादा होने से परेशान थे. इसी दबाव में आकर उन्होंने ये कदम उठाया है. उनको कोई पारिवारिक या आर्थिक परेशानी नहीं थी.

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