Zubeen Garg Murder Case: असम के मशहूर गायक जुबिन गर्ग की मौत शुरू से ही मिस्ट्री बनी हुई है. शुरुआती दावे यह थे कि वो तैराकी के दौरान डूब गए, लेकिन परिवार और समर्थकों ने इसे हादसा मानने से इंकार कर दिया. बढ़ते सवालों और विरोध के बाद असम सरकार ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया. अब SIT ने अपनी रिपोर्ट में यह मान लिया है कि जुबिन की मौत हादसा नहीं बल्कि हत्या थी, जिसने पूरे देश को चौंका दिया है. आइए जानते हैं इस केस की पूरी कहानी.
हिमंता सरमा का बड़ा बयान
असम विधानसभा में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने खुलासा किया कि SIT की अंतरिम रिपोर्ट में हत्या के साफ संकेत मिले हैं. उन्होंने कहा कि जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उन सभी पर हत्या की धारा लगाई गई है. सीएम ने यह भी बताया कि 8 दिसंबर तक मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी. हालांकि, रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जाएगी ताकि किसी तरह की गलतफहमी न फैले.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और नए सवाल
जुबिन का पोस्टमार्टम सिंगापुर में भी हुआ और गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भी. दोनों रिपोर्टें अब CID और जुबिन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग के पास हैं. CID की ASP मोरामी दास व्यक्तिगत रूप से रिपोर्टें लेकर उनके घर पहुंचीं. गरिमा ने रिपोर्ट पुलिस को लौटा दीं, कहते हुए कि सार्वजनिक करने का फैसला CID ही करे. सवाल यह उठ खड़ा हुआ कि रिपोर्ट में ऐसा क्या है जिसे छिपाया जा रहा है?
क्या हुआ था यॉट पर?
वो 19 सितंबर 2025 का दिन था. जुबिन अपने मैनेजर और कुछ जानकारों के साथ सिंगापुर में थे. जुबिन के बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी ने दावा किया कि जुबिन की मौत डूबने से नहीं बल्कि जहर देने से हुई. उनके अनुसार, यॉट के सागर में पहुंचते ही मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा ने पूरी कमान अपने हाथ में ले ली थी. ड्रिंक्स सर्व करने वाले तन्मय फुकन को भी रोक दिया गया, और उसने सभी को खुद ड्रिंक्स परोसी थी. शेखर का आरोप है कि जुबिन को पहले ही जहर दिया गया था.
'जाबो दे, जाबो दे' का क्या था मतलब?
शेखर का दावा है कि पानी में उतरते ही जुबिन की तबीयत बिगड़ गई. वह ट्यूब पकड़ने की कोशिश करते दिखे लेकिन पहुंच नहीं सके. जब लोग उन्हें बचाने दौड़े तो मैनेजर सिद्धार्थ ने चिल्लाकर कहा- 'जाबो दे, जाबो दे,' यानी उसे जाने दो. शेखर ने इस बात को हत्या की मंशा से जोड़ा है. लेकिन यहीं बड़ा विरोधाभास है. शेखर खुद भी इस केस में आरोपी के रूप में गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
शेखर पर ही क्यों उठे सवाल?
जुबिन की पत्नी गरिमा गर्ग ने शेखर के बयान पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि अगर शेखर को सच में जहर देने की जानकारी थी, तो वह 15 दिनों तक खामोश क्यों रहे? उन्होंने यह बात पोस्टमार्टम से पहले या घटना के तुरंत बाद क्यों नहीं बताई? CID भी शेखर की चुप्पी को संदेह से देख रही है, और इसी वजह से वह गिरफ्तारी के दायरे में आए.
दूसरे बैंडमेट के बयान से बदली कहानी
शेखर के बाद जुबिन के दूसरे बैंडमेट पार्थो प्रतिम ने भी एक बयान देकर जांच को नया मोड़ दे दिया. पार्थो ने शेखर और मैनेजर सिद्धार्थ दोनों को घटनाओं के लिए जिम्मेदार बताया. उनका कहना था कि 18 सितंबर की रात दोनों ने जुबिन के साथ देर रात तक पार्टी की, जबकि वह जानते थे कि जुबिन को दौरे पड़ते हैं. इसके बावजूद अगले दिन उन्हें समुद्र में उतारा गया, जो गंभीर लापरवाही का संकेत हो सकता है.
लेन देन का विवाद और आयोजक की गिरफ्तारी
इस मामले में सिंगापुर में फेस्टिवल ऑर्गेनाइजर श्याम कानू महंता पर भी आरोप लगे हैं. कथित तौर पर पैसों के विवाद की वजह से जुबिन को सिंगापुर बुलाया गया था. बाद में महंता को भी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा सात लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिनमें मैनेजर, बैंड सदस्य और सुरक्षा कर्मी शामिल हैं. कुछ सुरक्षा कर्मियों के बैंक खातों में 1.1 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेन–देन मिला है, जिसने केस को और भी पेचीदा बना दिया.
आखिरी वीडियो और फॉरेंसिक जांच
CID ने सभी आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं. इनमें वह मोबाइल भी शामिल है, जिसमें जुबिन की तैराकी का आखिरी वीडियो रिकॉर्ड हुआ था. अब CID यह भी पता लगा रही है कि क्या घटना के दौरान अन्य वीडियो मौजूद थे जिन्हें जानबूझकर डिलीट या छिपाया गया.
सिंगापुर पुलिस का रुख
सिंगापुर पुलिस अभी भी इसे हादसा मान रही है. लेकिन असम सरकार और भारत सरकार ने अपनी जांच आगे बढ़ाते हुए MLAT के तहत जानकारी मांगी है. सीएम हिमंता सरमा ने कहा कि अब CID सिंगापुर जाकर जांच नहीं करेगी क्योंकि हत्या के पर्याप्त सबूत भारत में ही मिल चुके हैं.
वायरल वीडियो और नई बहस
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जुबिन पानी में उतरने को लेकर हिचक दिखाते हैं. शेखर उन्हें लगातार तैरने के लिए कहते दिखाई देते हैं. वीडियो में जुबिन बार–बार पूछते हैं- क्या तुम भी आओगे? यह वीडियो कई अनुमान पैदा करता है और कुछ हद तक मानसिक दबाव की ओर इशारा करता है.
दूसरी बार पानी में क्यों उतरे थे जुबिन?
रिपोर्टों के अनुसार, जुबिन पहली बार लाइफ जैकेट के साथ पानी में उतरे थे. लेकिन दूसरी बार उन्होंने लाइफ जैकेट नहीं पहनी और यही बात जानलेवा साबित हुई. हैरानी इस बात की है कि दूसरी बार तैरने का कोई वीडियो सामने नहीं आया. क्या इसे जानबूझकर शूट नहीं किया गया? या इसके फुटेज छिपाए गए? यह केस के सबसे डार्क एंगल्स में से एक है.
जुबिन की मौत के बाद 54 FIR
असम में जुबिन गर्ग सिर्फ गायक नहीं बल्कि एक भावनात्मक प्रतीक थे. उनकी मौत ने पूरे राज्य में गुस्सा फैला दिया. इस मामले में असम सरकार ने अब तक 54 एफआईआर दर्ज की हैं, जो अलग–अलग शिकायतकर्ताओं ने दी हैं. सभी लोग एक ही मांग कर रहे हैं- जांच पारदर्शी हो, और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले.
परिवार का रुख
जहां एक ओर आरोपियों पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं जुबिन की पत्नी गरिमा ने मैनेजर सिद्धार्थ का बचाव किया था. उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ हमेशा जुबिन के साथ एक भाई जैसा रहा है.
अंतिम यात्रा में उमड़ा था जनसैलाब
जब जुबिन गर्ग का पार्थिव शरीर भारत आया, तो गुवाहाटी से कमारकुची तक लाखों लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े थे. सड़कों पर फैली भीड़ इस बात का संकेत थी कि वह सिर्फ एक कलाकार नहीं बल्कि असम की आवाज थे. उनकी मौत ने लोगों के दिलों में एक ऐसा खालीपन छोड़ दिया है, जो जल्द भरने वाला नहीं है.