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मौत की समाधिः तंत्र सिद्धि के लिए जानलेवा कर्मकांड, जानिए एक नौजवान को रेस्क्यू किए जाने की पूरी कहानी

पहले एक पुजारी और फिर दूसरा शख्स उस खुदी हुई जगह के इर्द-गिर्द कोई चीज डालते दिख रहे हैं. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कुछ लोग बैठे इन सारी चीजों को खामोशी से देख रहे हैं. फिर तभी अचानक ये खामोशी टूटती है. अचानक फ्रेम में कई पुलिसवाले एक साथ नजर आते हैं...

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उन्नाव पुलिस की तेज कार्रवाई की वजह से एक युवक की जान बच गई
उन्नाव पुलिस की तेज कार्रवाई की वजह से एक युवक की जान बच गई

हमारे समाज में जो लोग अंधविश्वास का शिकार हो जाते हैं, उनकी सोच-समझ भी सीमित होकर रह जाती है. फिर वो ऐसे-ऐसे काम करते हैं कि उनकी जान पर बन आती है. ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव से सामने आया है. अगर पुलिस ने वक्त पर पहुंचकर कार्रवाई ना की होती तो शायद एक नौजवान अपनी जान से हाथ धो बैठता. 

एक वायरल वीडियो सामने आया है जिसकी तस्वीरें थोड़ी धुंधली और हिलती-डुलती हैं. शायद मोबाइल के कैमरे से शूट की गई थीं. फिर भी सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे रहा है. एक खाली मैदान सी जगह है. जहां पर कुछ पुजारी बैठे हैं. साथ ही कुछ लोग भी नजर आ रहे हैं. इन सभी के बीच में एक खाली जगह है जिस पर शायद प्लास्टिक का कवर डाला गया है. तस्वीर में पीछे घास दिखाई दे रही है. 

जबकि एक तरफ मिट्टी पर इन दोनों के बीच में एक जगह ऐसी भी नजर आ रही है, जिसे देखकर आसानी से अंदाजा हो जाता है कि यहां की मिट्टी खुदी हुई है. शायद कोई गड्ढा खोदा गया होगा और फिर उसे उसी मिट्टी से बराबर भी कर दिया गया. पहले एक पुजारी और फिर दूसरा शख़्स उस खुदी हुई जगह के इर्द-गिर्द कोई चीज डाल रहा है. वीडियो में साफ नजर आता है कि कुछ लोग बैठे इन सारी चीजों को खामोशी से देख रहे हैं. 

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पर फिर तभी अचानक ये खामोशी टूटती है. अब फ्रेम में कई पुलिसवाले एक साथ नजर आते हैं. सभी बेहद जल्दी में और घबराए दिख रहे हैं. उनकी आवाज भी सुनाई देती है. जल्दी खोदो.. जल्दी. इसके बाद पुलिसवाले प्लास्टिक हटाकर अब खोदना शुरु करते हैं. अब आगे की कहानी.. 

पुलिसवाले तेजी से खुदाई करते हैं और फिर आंखो के सामने एक शख्स को पुलिसवाले गड्ढे से बाहर निकालते हैं. वैसे उसे गड्ढा कहना गलत होगा. दरअसल वो एक समाधि थी. एक ऐसी समाधि जिसमें एक शख्स पिछले करीब 5 से 6 मिनट से दफन था. वो तो शुक्र है कि वक्त रहते पुलिस को किसी ने इत्तिला दे दी. वरना अंधविश्वास और समाधि के नाम पर एक नौजवान अपनी जान से हाथ धो बैठता. 

दरअसल, ये मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के आसीवन थाने का है. इसी थाने के तहत आने वाले ताजपुर गांव में रहने वाला एक नौजवान शुभम कर्मकांड के जरिए कुछ खास सिद्धियां हासिल करना चाहता था. इसी वजह से वो इलाके के कई पुजारियों के चक्कर काटा करता था. तभी एक पुजारी ने उसे सलाह दी कि अगर वो नवरात्रि से एक दिन पहले समाधि ले ले तो उसे खास सिद्धि प्राप्त हो जाएगी. शुभम पुजारियों की बातों में आ गया. 

पुजारियों ने शुभम की समाधि के लिए गांव के बाहर एक खुली जगह पर पूजा-पाठ शुरु कर दिया. इसके बाद चार पुजारियों की अगुवाई में इसी जगह पर एक गहरा गड्ढा खोदा गया. मंत्रोच्चार के बीच शुभम को उस गड्ढे में बिठा दिया गया. इसके बाद गड्ढे के मुंह पर पहले लकड़ियां रखी गईं. फिर उसपर प्लास्टिक डाला गया. फिर आखिर में उस लकड़ी और प्लास्टिक के कवर पर मिट्टी डालकर गड्ढे को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. 

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अब शुभम गड्ढे के अंदर था और गड्ढे का मुंह पूरी तरह से बंद. चारों पुजारी पूजा-पाठ करने लगे. इसी दौरान आसीवन थाने को इस समाधि की किसी ने खबर दे दी. फिर क्या था. शुभम के गड्ढे के अंदर जाने के पांच मिनट के अंदर-अंदर पुलिस की टीम मौके पर जा पहुंची. इसके बाद पुलिस ने शुभम को तेजी से बाहर निकाला. जिसका वीडियो भी वायरल हो गया. 

बांगरमऊ इलाके के सीओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि शुभम के बाहर आने के बाद पुलिस ने चारों पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया है. शुभम खुशकिस्मत था जो पुलिस की फुर्ती की वजह से बच गया. मगर जिस अंधविश्वास ने उसे इस समाधि तक पहुंचाया, वो अंधा विश्वास अब तक ना जाने कितने लोगों की जान ले चुका है और ले रहा है. 

(उन्नाव से विशाल सिंह चौहान का इनपुट)

 

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