पात्रा चॉल घोटाले मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. ईडी की एक विस्तृत चार्जशीट के बाद अब कोर्ट ने भी राउत की न्यायिक हिरासत को 14 दिन के लिए और बढ़ा दिया है. इससे पहले भी उनकी न्यायिक हिरासत को बढ़ाया गया था. कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट के आधार पर ही ये फैसला लिया है. चार्जशीट में साफ कहा गया है कि घोटाले के साथ संजय राउत शुरुआत से जुड़े हुए थे.
चार्जशीट में बताया गा है कि साल 2006-07 में संजय राउत ने MHADA के अधिकारियों के साथ कई बैठकों में हिस्सा लिया था. वो तमाम बैठकें पात्रा चॉल को लेकर ही हुई थीं. उन बैठकों के बाद ही इस मामले में राकेश वधावन की भूमिका शुरू हुई थी जिन्होंने रीडेवलपमेंट के काम के लिए GuruAshish Construction Pvt Ltd को चुना. राउत पर बड़ा आरोप ये भी है कि पात्रा चॉल घोटाले में जो पैसे मिले उससे उन्होंने Kihim और अलीबाग में जमीन खरीदी. कुछ खरीददारों ने जांच एजेंसी के सामने इसकी पुष्टि भी कर दी है. इसके अलावा राउत ने अपनी पत्नी के नाम पर भी संपत्ति ली है. चार्जशीट के मुताबिक राउत की पत्नी के नाम पर दादर में एक फ्लैट लिया गया है. वहीं घोटाले वाले पैसों के जरिए संजय राउत के परिवार ने विदेशी दौरे भी किए हैं. ऐसे में राउत के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक मजबूत मामला बना है.
अभी के लिए ईडी चार्जशीट में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन, प्रवीन राउत, राकेश वधावन, सारंग वाधवन और संजय राउत के नाम का जिक्र किया गया है. ED के मुताबिक, प्रवीण राउत ने राकेश वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है.