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कंझावला कांड के दो घंटे के क्राइम सिक्वेंस में कई पेच, जानिए- लाश छोड़कर भागने के बाद आरोपियों ने क्या-क्या किया था?

गुरुवार आते आते पुलिस की थ्योरी पूरी तरह बदल गई. पुलिस ने बताया कि हादसे में 5 नहीं 7 आरोपी शामिल थे. पुलिस के मुताबिक, सीसीटीवी और सीडीआर कॉल रिकॉर्ड से पता चला है कि कार दीपक नहीं अमित चला रहा था. इतना ही नहीं सूत्रों का दावा है कि घटना के वक्त दीपक कार में था ही नहीं, वह अपने घर पर था.

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कंझावला केस में पुलिस ने 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार
कंझावला केस में पुलिस ने 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार

दिल्ली के कंझावला केस में पुलिस ने शुक्रवार को 6वें आरोपी आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया. अभी केस में 7वें आरोपी अंकुश खन्ना की तलाश जारी है. इससे पहले गुरुवार को पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कार के ड्राइवर से लेकर केस में शामिल आरोपियों तक कई बड़े खुलासे किए. लेकिन इन खुलासों ने केस को और उलझा दिया है. पुलिस के मुताबिक, अंजलि का एक्सीडेंट 2 बजे से 2.10 के बीच हुआ. जबकि उसका शव 4.45 बजे कंझावला इलाके में मिला. आईए जानते हैं कि इन 2 घंटों में आरोपियों ने क्या क्या किया, इसे लेकर पुलिस की थ्योरी क्या कहा रही है?

- 31 दिसंबर को रात 1.45 बजे से होटल से निकली अंजलि 

दिल्ली पुलिस को सोमवार रात एक सीसीटीवी मिला था. इसमें देखा जा सकता है कि अंजलि रात 1 बजकर 45 मिनट पर एक होटल से नए साल की पार्टी करके निकलती दिखाई दे रही है. इतना ही नहीं अंजलि के साथ उसकी दोस्त भी नजर आ रही है. अंजलि अपनी दोस्त के साथ स्कूटी से वहां से निकली थी. लेकिन थोड़ी दूर चलकर 2 बजे से 2.10 के बीच में उसका एक्सीडेंट हो जाता है. इस दौरान अंजलि कार में फंस जाती है. कार सवार उसे 12 किमी तक दिल्ली की सड़कों पर घसीटते हैं. जबकि इस एक्सीडेंट में अंजलि की सहेली निधि को काफी हल्की चोटें आती हैं. वह अपने घर चली जाती है और अंजलि के बारे में किसी को सूचना नहीं देती. निधि का दावा है कि उसने अपनी मां और नानी को घटना की जानकारी दी थी.  

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- 1 जनवरी सुबह 3.15 बजे कार घिसटता दिखा अंजलि का शव

1 जनवरी की सुबह करीब 3.15 बजे एक राहगीर ने कार के पीछे लाश घिसटती हुई देखी. इसके बाद उसने पुलिस को करीब 3.24 बजे कॉल की. एक राहगीर ने एक कार के पीछे लाश लटकी होने की जानकारी दी थी. इसके बाद पुलिस ने कॉल के आधार पर तत्काल आसपास के इलाकों में तैनात टीम को अलर्ट किया और कार की तलाश में जुट गई.4 बजे के बाद पुलिस को दूसरी कॉल आई, इसमें बताया गया कि एक लड़की का शव कंझावला में मिला है. इसके बाद पुलिस 4.40 बजे शव तक पहुंची. पुलिस शव देखकर हैरान रह गई. उसके जिस्म पर कोई कपड़ा तक नहीं था. लाश की हालत ऐसी थी कि दिल दहल जाए. इसके बाद आसपास पुलिस ने जांच की, तो उसी इलाके में एक स्कूटी दुर्घटनाग्रस्त मिली. पुलिस ने स्कूटी के नंबर के आधार पर अंजलि की पहचान की.

पुलिस ने कहा- कार में 5 लोग थे, सभी गिरफ्तार

शुरुआत में पुलिस ने बताया कि घटना के समय कार में 5 आरोपी थे, सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने पूछताछ के आधार पर बताया कि हादसे के वक्त कार दीपक चला रहा था. पुलिस ने बताया था कि कार सवार युवकों को ये पता नहीं चला था कि उनके कार में शव फंसा है. जब उन्हें ये पता चला, तब तक अंजलि की मौत हो गई थी. ऐसे में कार सवार शव छोड़कर भाग गए. पुलिस ने इसके बाद कार के नंबर के आधार पर मालिक का पता लगाया था. यह कार आशुतोष की थी. आशुतोष ने बताया था कि उसकी कार दीपक ले गया था. दीपक अपने चार दोस्तों के साथ पार्टी करने गया था. इसके बाद पुलिस ने सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

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बदलती चली गई पुलिस की थ्योरी

गुरुवार आते आते पुलिस की थ्योरी पूरी तरह बदल गई. पुलिस ने बताया कि हादसे में 5 नहीं 7 आरोपी शामिल थे. पुलिस के मुताबिक, सीसीटीवी और सीडीआर कॉल रिकॉर्ड से पता चला है कि कार दीपक नहीं अमित चला रहा था. इतना ही नहीं सूत्रों का दावा है कि घटना के वक्त दीपक कार में था ही नहीं, वह अपने घर पर था. 

दीपक कैसे हुआ शामिल, हादसे के बाद 2 घंटे में क्या क्या हुआ?

दरअसल, अमित खन्ना आशुतोष से कार लेकर मनोज मित्तल, कृष्ण और मिथुन के साथ पार्टी करने गया था. वहां से लौटते वक्त उनकी कार स्कूटी से टकरा गई. कार अमित चला रहा था. कार अंजलि को दिल्ली की सड़कों पर घसीटती रही. जब उसकी मौत हो गई, आरोपी उसे छोड़कर भाग गए. अमित ने इसकी जानकारी अपने भाई अंकुश और आशुतोष को दी. कार में सवार किसी भी आरोपी पर ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. ऐसे में अंकुश और अमित ने अपने चचेरे भाई दीपक को बुलाया. उसके पास लाइसेंस था. 

दीपक अपने चाचा के ऑटो से आया. दीपक को यह बताया गया कि वह पुलिस से कहे कि वही कार चला रहा था. इसके बाद दीपक सभी चारों आरोपियों को लेकर अपने घर पहुंच गया. वहीं, कार आशुतोष के घर पर खड़ी कर दी. इसके बाद पुलिस ने 1 जनवरी को कार बरामद की और 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया. 

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पुलिस ने दो आरोपी और बढ़ाए

पुलिस ने गुरुवार को बताया कि इस मामले में आशुतोष और अंकुश को भी आरोपी बनाया गया है. दोनों हादसे के वक्त कार में मौजूद नहीं थे. लेकिन दोनों ने पुलिस को गुमराह करने और सबूत मिटाने की कोशिश की. इसके अलावा पुलिस ने ये भी बताया कि जांच में पता चला है कि आरोपियों को इस बात की जानकारी थी कि उनकी कार में ह्यूमन बॉडी फंसी है. 

 

 

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