scorecardresearch
 

CrPC Section 20: जानिए, क्या है सीआरपीसी की धारा 20?

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 20 (Section 20) कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) और उनकी नियुक्ति (Appointment) के बारे में जानकारी देती है. आइए जानते हैं कि CrPC की धारा 20 (Section 20) क्या कहती है?

Advertisement
X
CrPC की धारा 20 कार्यपालक मजिस्ट्रेट से संबंधित है
CrPC की धारा 20 कार्यपालक मजिस्ट्रेट से संबंधित है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कार्यपालक मजिस्ट्रेट से संबंधित है CrPC की धारा 20
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी

Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता में कोर्ट (Court) और मजिस्ट्रेट (Magistrate) से संबंधित प्रावधान (Provision) मिलते है. इसी प्रकार सीआरपीसी (CrPC) की धारा 20 (Section 20) कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) और उनकी नियुक्ति (Appointment) के बारे में जानकारी देती है. आइए जानते हैं कि CrPC की धारा 20 (Section 20) क्या कहती है?

सीआरपीसी की धारा 20 (CrPC Section 20)

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 20 कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) और उनकी नियुक्ति (Appointment) को परिभाषित (Defined) करती है. Section 20 के अनुसार (1) राज्य सरकार (State Government) प्रत्येक जिले (District) और प्रत्येक महानगर क्षेत्र (Metropolitan Area) में उतने व्यक्तियों को, जितने वह उचित समझे, कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) नियुक्त कर सकती है और उनमें से एक को जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) नियुक्त करेगी. 

(2) राज्य सरकार किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) को अपर जिला मजिस्ट्रेट (Additional District Magistrate) नियुक्त कर सकेगी, और ऐसे मजिस्ट्रेट को इस संहिता के अधीन या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन जिला मजिस्ट्रेट की वे शक्तियां (Powers) प्राप्त होंगी, जो राज्य सरकार निर्दिष्ट करे.

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 21: जानें, क्या होती है सीआरपीसी की धारा 21? 

Advertisement

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)

सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. दंड प्रिक्रिया संहिता यानी CrPC में 37 अध्याय हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं आती हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC

सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.

 

Advertisement
Advertisement