अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई और उसके क्राइम सिंडिकेट के कथित वारिस अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से भारत लाया गया है. अनमोल को दिल्ली एयरपोर्ट से सीधे पटियाला हाउस कोर्ट ले जाया जाएगा. यहां सबसे पहले NIA उसकी कस्टडी लेगी, जिसके बाद दिल्ली, मुंबई, पंजाब और राजस्थान की पुलिस उसकी रिमांड के लिए कतार में खड़ी है. अनमोल पर सिद्धू मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी हत्याकांड सहित गंभीर मामले दर्ज हैं.
लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को ‘छोटा डॉन’ कहा जाता है. अमेरिका से ट्रांजिट होने के बाद उसे सीधे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के हवाले किया गया. भारत लौटते ही सबसे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसे अपनी कस्टडी में लिया. अनमोल पर NIA ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था और वह ऑर्गनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट केस में वांटेड भी है.
अनमोल पर NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या, पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या और बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर फायरिंग जैसे हाई-प्रोफाइल केस में शामिल होने के आरोप हैं. NIA की पूछताछ खत्म होने के बाद उसकी कस्टडी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को मिलेगी.
दिल्ली का करोड़ों की वसूली वाला मामला
क्राइम ब्रांच आरके पुरम यूनिट ने 2023 में एक बिजनेसमैन से करोड़ों की वसूली और उसके घर के बाहर फायरिंग करवाने के केस में अनमोल के खिलाफ FIR दर्ज की थी. इस मामले में भी दिल्ली पुलिस उसकी रिमांड चाहती है.
मुंबई पुलिस भी लेगी कस्टडी
अनमोल के खिलाफ बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. जांच में यह सामने आया था कि पूरी प्लानिंग, शूटर्स का मैनेजमेंट और हथियारों का इंतजाम अनमोल ने ही किया था. यह मामला बेहद संवेदनशील माना जा रहा है.
पंजाब पुलिस और राजस्थान पुलिस भी लाइन में
सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में भी अनमोल मुख्य आरोपी है. पुलिस उसको कस्टडी में लेकर पंजाब ले जाएगी. राजस्थान पुलिस ने भी अनमोल पर पहले से FIR दर्ज की हुई है और 1 लाख रुपये का इनाम रखा है. कुल मिलाकर विभिन्न राज्यों में अनमोल के खिलाफ करीब 20 से ज्यादा केस दर्ज हैं.
लॉरेंस बिश्नोई क्राइम सिंडिकेट: कैसे चलता है पूरा नेटवर्क?
लॉरेंस बिश्नोई की क्राइम कंपनी का देशभर में मजबूत नेटवर्क है. इसके 13 राज्यों- दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, एमपी और गुजरात में ऑपरेटिव मौजूद हैं.
विदेशों में भी इसका नेटवर्क कनाडा, अमेरिका, पुर्तगाल, दुबई, अजरबैजान, फिलीपींस और लंदन तक फैला हुआ है.
तकनीक के दम पर चलता गैंग...
पूरा ऑपरेशन डिजिटल है. सभी काम वर्चुअल नंबरों और सिग्नल ऐप से होते हैं. गैंग में लगभग 1000 सक्रिय सदस्य हैं. हर सदस्य केवल अपने आगे वाले एक व्यक्ति को ही जानता है.
एक टारगेट के लिए 7-8 लेयर में काम बंटा होता है. जैसे रैकी, वसूली, शेल्टर, हथियार सप्लाई, फायरिंग, बैकअप आदि. इस मॉडल की वजह से पुलिस किसी एक सदस्य से पूरी गैंग की संरचना नहीं निकाल पाती.
लॉयल्टी बनाए रखने का तरीका
अगर गैंग का कोई सदस्य आर्थिक या पारिवारिक संकट में हो तो लॉरेंस खुद कैश और मदद उपलब्ध कराता है, ताकि उसकी लॉयल्टी बनी रहे.
गैंगवॉर और अनमोल की मुश्किलें
लॉरेंस बिश्नोई और उसका नेटवर्क लंबे समय से गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा जैसे गैंगस्टरों से दुश्मनी में है. हाल ही में दुबई में रोहित गोदारा द्वारा लॉरेंस से जुड़े एक फाइनेंसर की हत्या करवाने के बाद गैंगवार और तेज हो गया है. ऐसे में भारत में अनमोल बिश्नोई की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती मानी जा रही है.
कई विरोधी गैंग लॉरेंस गैंग के सदस्यों को टारगेट करते रहे हैं और भारत की कई जेलों में गैंग के प्रमुख सदस्य पहले से बंद हैं. दिल्ली की तिहाड़ जेल, गुजरात की साबरमती जेल, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और मुंबई की जेलें शामिल हैं.
सबसे बड़ा सवाल- अनमोल कहां रखा जाएगा?
जब विभिन्न राज्यों की कस्टडी पूरी होगी, तब सबसे अहम सवाल यही होगा कि अनमोल बिश्नोई को किस जेल में रखा जाएगा. गुजरात की साबरमती जेल, जहां उसका बड़ा भाई लॉरेंस बंद है या दिल्ली की तिहाड़ जेल... जिसे एशिया की सबसे सुरक्षित जेल माना जाता है.
सुरक्षा एजेंसियां उसकी लोकेशन को लेकर बेहद सतर्क रहेंगी, क्योंकि विरोधी गैंग लगातार बिश्नोई गैंग को टारगेट कर रहे हैं.