श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला का आज नार्को टेस्ट होना है. उसे तिहाड़ जेल से अंबेडकर अस्पताल लाया जाएगा, जहां मेडिकल के बाद यह टेस्ट किया जाएगा. आफताब पर पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान हुए हमले को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट हो चुका है लेकिन उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है.
हालांकि पुलिस का दावा है कि उसने पॉलीग्राफ टेस्ट में अपना जुर्म कबूल कर लिया है. आजतक ने आफताब का नार्को टेस्ट करने जा रहे डॉक्टर नवीन कुमार (नोडल ऑफिसर नार्को) से टेली इंटरव्यू किया. इस दौरान आजतक ने डॉक्टर से आफताब और नार्को टेस्ट से जुड़े 10 बड़े सवालों के जवाब दिए.
ये प्रश्न हैं-
सवाल: आफताब के नार्को की तैयारी कब से कर रहे हैं?
जवाब: ऐसा नहीं है कि आफताब के नार्को टेस्ट के लिए कोई खास तैयार चल रही थी. हर सोमवार को नार्को टेस्ट के लिए डेट दी जाती है. मीडिया से पता चला कि कोर्ट ने आफताब के नार्को टेस्ट का आदेश दिया है, इसके बाद हमने तैयारी शुरू कर दी थी.
सवाल: नार्को टेस्ट का सबसे कठिन हिस्सा क्या है?
जवाब: हमें नार्को कराने वाले पेशेंट की कंडीशन को बैलेंस करना होता है ताकि हम यह इंश्योर कर सकें कि वह नींद की सही स्थिति में है. डोज अगर कम होती है तो इसका मतलब है कि वह जाग रहा है, ऐसे में वह चीजों को अपडेट कर सकता है. डोज अगर ज्यादा होती है तो उसकी सांस रुक सकती है. ऐसे में हमें एक फाइन लाइन मेंटेन करनी होती है. इसके लिए हम टेक्नोलॉजी का भी सहारा लेते हैं.
सवाल: आफताब को कैसे सुलाया जाएगा?
जवाब: जैसा कि मैंने बताया कि इसके लिए हम खास तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं. हम एक तरह से मिनी ब्रेन की ईजी करवाते हैं. हमें उसे मॉनिटर करते हैं.
सवाल: नार्को के दौरान विशेषज्ञ चेहरे पर थपकी क्यों लगाते हैं?
जवाब: कभी-कभी विशेषज्ञों को लगता है कि शख्स सो रहा है, तो बस उसे जगाने के लिए उसके चेहरे पर थपकी दी जाती है.
सवाल: परीक्षण के दौरान कितने लोग मौजूद रहेंगे?
जवाब: टेस्ट के दौरान दो एनेस्थेटिस्ट, एनेस्थेटिस्ट टेक्नीशियन होते हैं, जो मॉनिटर और बाकी चीजों की देखभाल करते हैं. इसके अलावा फॉरेंसिक की टीम होती है, जिसमें 6-7 लोग होते हैं.
सवाल: सवाल कौन पूछेगा?
जवाब: फॉरेंसिक साइकोलॉजिस्ट सवाल पूछते हैं.
सवाल: नार्को की सफलता दर क्या है?
जवाब: यह कहना मेरे लिए मुश्किल है क्योंकि एक बार नार्को टेस्ट कराने के बाद जब केस चला जाता है तो उसके बाद उस केस का क्या आउटकम रहा, क्या सक्सेस रेट रहा, उसे जानने में हमारा को इंटरेस्ट नहीं रहता. फॉरेंसिक वाले रिपोर्ट कोर्ट में समिट कर देते हैं. इसके बाद कोर्ट में केस चलता है.
सवाल: पेशेंट झूठ बोल रहा है या सच बोल रहा है, यह कैसे पता करते हैं?
जवाब: यह कहना मुश्किल है... ऐसा माना जाता है कि वह जो कह रहा है कि सच ही कह रहा है. अगर कोई कहता है कि वह झूठ बोल रहा है, तो हम यह तभी साबित कर सकते हैं जब हमारे पास सबूत हों और अगर सबूत हैं तो नार्को टेस्ट की जरूरत ही नहीं पड़ती है. यह टेस्ट तो ऐसी स्थिति में किया जाता है, जहां आपके पास ठोस सबूत नहीं होता है या फिर आप कुछ और ढूंढ रहे होते हैं.
सवाल: पेशेंट आंशिक रूप से बेहोश है या होश में है, आप कैसे अंतर करते हैं?
जवाब: एकाध मामलों में ही ऐसा हो सकता है कि पेशेंट जाग रहा हो. हालांकि सटीक बता पाना मुश्किल है. इसीलिए खास टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है, जो यह तय करती है कि पेशेंट नींद की स्थिति में है या नहीं.
सवाल: आरुषि केस का नार्को टेस्ट क्यों फेल हुआ?
जवाब: नार्को इन्वेस्टिगेशन का एक हिस्सा है. कोई केस सॉल्व हो, इसके लिए कई चीजें शामिल होती हैं. आप कह सकते हैं नार्को किसी बैटल का एक पार्ट होता है या कह सकते हैं कि किसी सीरीज में नार्को एक मैच जैसा है.
हत्याकांड की जांच में अब तक हुए ये बड़े खुलासे
महरौली के जंगलों से श्रद्धा के शव के कथित 13 टुकड़े हड्डियों के रूप में मिल चुके हैं. उसका जबड़ा भी मिल गया है. इनकी फॉरेंसिक जांच और डीएनए जांच की जा रही है. गुरुग्राम से भी कुछ बॉडी पार्ट रिकवर हुए हैं.
पुलिस ने श्रद्धा के शव के टुकड़े करने में इस्तेमाल हथियारों को भी बरामद किया है. ये हथियार जंगल और आफताब के फ्लैट से मिले हैं. किस हथियार से शव को काटा गया, ये सीएफएसएल रिपोर्ट से पता चलेगा.
तो क्या इसलिए आफताब ने की श्रद्धा की हत्या
अभी तक की जांच में लगता है कि श्रद्धा आफताब की प्रताड़ना से परेशान हो चुकी थी. वह उससे अलग होना चाहती थी. 3-4 मई को दोनों का फैसला हुआ था हम अलग-अलग रहेंगे. यह बात आफताब को पसंद नहीं आई. उसे डर था कि श्रद्धा किसी और के साथ इन्वॉल्व हो जाएगी. हालांकि, आफताब ने पहले कहा था कि श्रद्धा उस पर शादी का दबाव डाल रही थी, इसलिए उसने हत्या की. पुलिस को आशंका है कि उसने श्रद्धा की हत्या सोची समझी साजिश के तहत की.
18 मई को श्रद्धा की कर दी गई थी हत्या
श्रद्धा आफताब की गर्लफ्रेंड थी. दोनों मुंबई के रहने वाले थे. यहां वसई में दोनों लिव इन रिलेशन में रहते थे. बाद में दोनों ने दिल्ली रहने का फैसला किया. दोनों 8 मई से दिल्ली के महरौली में फ्लैट में लिव इन में रह रहे थे. 18 मई को श्रद्धा और आफताब का झगड़ा हुआ था. इसके बाद आफताब ने उसकी हत्या कर दी फिर उसने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े कर फ्रिज में रखा. वह रोज रात में महरौली के जंगल में शव के एक टुकड़े फेंकने जाता था. पुलिस ने आफताब को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया था.