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Mumbra: फेक करंसी केस: NIA की विशेष अदालत ने एक और आरोपी को सुनाई कठोर कारावास की सजा

मुंब्रा फेक करंसी केस में NIA कोर्ट ने आरोपी राधाकृष्ण अडप्पा को 3 साल 10 महीने की सजा सुनाई। 2019 में 82,000 रुपये नकली नोट बरामद हुए थे. आरोपी के तार कर्नाटक के चिक्कबल्लापुरा जिले से जुड़े हैं.

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अदालत इस मामले में पहले भी दो आरोपियों को दोषी करार दे चुकी है (फोटो- ITG)
अदालत इस मामले में पहले भी दो आरोपियों को दोषी करार दे चुकी है (फोटो- ITG)

Thane Mumbra Fake Currency Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत, मुंबई ने 2019 के मुंब्रा नकली मुद्रा मामले में एक और आरोपी को कठोर कारावास (आरआई) की सजा सुनाई है. एनआईए ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से इस फैसले की जानकारी दी.

NIA कोर्ट का बड़ा फैसला
कर्नाटक निवासी राधाकृष्ण अडप्पा को 3 साल 10 महीने के कठोर कारावास और 2000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है. अदालत ने अपराध स्वीकार करने के बाद उसे दोषी ठहराया और सजा सुनाई. 

सह-आरोपी को बस स्टैंड पर दिए थे नकली नोट
एनआईए की जांच में पता चला था कि उसने कर्नाटक के चिक्कबल्लापुरा जिले के ताल गौरीबिदनूर स्थित केएसआरटीसी बस स्टैंड पर एक सह-आरोपी को नकली करंसी सौंपी थी.

डिजिटल और दस्तावेजी सबूत बने आधार
अडप्पा उन तीन आरोपियों में शामिल था, जिनके खिलाफ जनवरी 2020 में एनआईए ने जांच के दौरान एकत्र किए गए विभिन्न डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर आरोपपत्र दाखिल किया था.

जसीम और इशाक पहले ही दोषी करार
सह-आरोपी जसीम उर्फ वसीम सलीम शेख और इशाक खान को पहले एनआईए की विशेष अदालत ने अलग-अलग फैसलों में क्रमशः 5 साल 7 महीने और 10 दिन और 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी, साथ ही प्रत्येक पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

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बरामद हुए थे 82,000 रुपये के नकली नोट
यह मामला 2019 में 500 रुपये के मूल्यवर्ग में 82,000 रुपये के अंकित मूल्य के नकली भारतीय मुद्रा नोटों (FICN) की बरामदगी से संबंधित था.

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