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बिहार: 15 जनवरी को चुकाना था 42 लाख का कर्ज, 14 जनवरी को पुलिस से बोली पत्नी- गायब हैं पति

गैस एजेंसी चलाने वाले शख्स ने कुछ लोगों से 42 लाख रुपये का कर्ज लिया था. जिसे वो चुका नहीं पा रहा था, इससे बचने के लिए उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी रच डाली. जांच के बाद पुलिस ने उसे वाराणसी से अपने एक रिश्तेदार के घर से बरामद किया.

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कर्ज से बचने के लिए रची खुद के अपहरण की कहानी
कर्ज से बचने के लिए रची खुद के अपहरण की कहानी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • देनदारों को 42 लाख रुपये लौटाने थे
  • गैस एजेंसी चलाने के लिए रुपये लिए थे उधार

बिहार के कैमूर से झूठे अपहण का मामला सामने आया है. जहां पर कर्ज में डूबे गैस एजेंसी के मालिक ने खुद को बचाने के लिए झूठे अपहरण की साजिश रची पर पुलिस ने उसका पर्दाफाश कर दिया. 14 जनवरी को रोहतास जिले के कोचस थाना क्षेत्र के कथराई के महेंद्र प्रताप के अपहरण हो जाने का मामला उनकी पत्नी ने 15 जनवरी को मोहनिया थाने में मामला दर्ज कराया था.

पुलिस ने अनुसंधान करते हुए कथराई गैस एजेंसी के मालिक धर्मेंद्र प्रताप को वाराणसी से सकुशल बरामद कर लिया. जांच के दौरान पुलिस को पता चला एजेंसी मालिक पर 42 लाख रुपये का कर्ज है. जिसे उसे 15 जनवरी को देनदारों को देना था. इससे बचने के लिए उनसे एक दिन पहले 14 जनवरी को अपना अपहरण होने साजिश रची.  

कर्ज से बचने के लिए रच डाली खुद के किडनैप की कहानी 

जिसके बाद मोहनिया थाने में मामला दर्ज हुआ लेकिन पुलिस के आगे उसके झूठे अपहरण की कहानी ज्यादा देर टिक नहीं सकी और पुलिस ने गैस एजेंसी मालिक को सकुशल रिश्तेदार यहां से बरामद कर लिया.

गैस एजेंसी के मालिक पर था 42 लाख रुपये का कर्ज 

दरअसल धर्मेन्द्र प्रताप रोहतास जिले के कोचस थाना क्षेत्र के कथराई का रहने वाला है. गैस एजेंसी शुरू करने और उसका संचालन करने के लिए मार्केट से ब्याज पर पैसा ले रखा था. जिसका मूलधन और ब्याज बढ़कर 42 लाख रुपये इनके ऊपर बकाया था. पर उसके पास रुपये वापस करने के लिए नहीं थे. 

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