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Jharkhand: सारंडा जंगल से बरामद हुआ विस्फोटक, ओडिशा की बांको खदान से लूटा गया था जखीरा

राउरकेला के एसपी (SP) नितेश वाधवानी ने सोमवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि माओवादियों ने विस्फोटकों को झारखंड के जराईकेला थाना अंतर्गत सारंडा के तिरीलपोशी इलाके में मिट्टी के नीचे छिपाकर रखा था.

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झारखंड पुलिस को पिछले चार दिनों में दूसरी बार सफलता मिली
झारखंड पुलिस को पिछले चार दिनों में दूसरी बार सफलता मिली

Explosives Recovery from Saranda Forest: झारखंड के घोर नक्सल प्रभावित सारंडा जंगल से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया है. ये विस्फोटक ओडिशा के केबलांग थाना क्षेत्र के बांको पत्थर खदान से हाल ही में लूटा गया था. राउरकेला पुलिस रेंज के लिए यह बीते तीन दिनों में दूसरी बड़ी सफलता है. इससे पहले 30 मई को भी भारी मात्रा में विस्फोटक झारखंड पुलिस द्वारा इसी जंगल से बरामद किया गया था.

राउरकेला के एसपी (SP) नितेश वाधवानी ने सोमवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि माओवादियों ने विस्फोटकों को झारखंड के जराईकेला थाना अंतर्गत सारंडा के तिरीलपोशी इलाके में मिट्टी के नीचे छिपाकर रखा था. कोबरा बटालियन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान के दौरान इन विस्फोटकों को खोज निकाला.

गौरतलब है कि 27 मई को केबलांग थाना क्षेत्र में स्थित बांको खदान की ओर ले जाए जा रहे 200 पैकेट विस्फोटक नक्सलियों द्वारा लूट लिए गए थे. इस घटना से पूरे ओडिशा राज्य में हड़कंप मच गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए ओडिशा पुलिस के डीजी योगेश बहादुर खुरानिया खुद मौके पर पहुंचे थे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटनास्थल का गहन निरीक्षण कर समीक्षा की थी.

इस जांच अभियान में ओडिशा के आईजी (ऑपरेशन्स) दीपक कुमार, पश्चिम रेंज के डीआईजी ब्रिजेश राय, सुंदरगढ़ एसपी प्रत्युष दिवाकर, विशेष खुफिया शाखा और एएनआई की टीम भी शामिल रही. झारखंड पुलिस से भी इस ऑपरेशन में विशेष सहयोग लिया गया.

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पुलिस अधिकारियों ने इस विस्फोटक लूट की तुलना वर्ष 2009 में हुई एक बड़ी नक्सली लूट से की है. हालिया बरामदगी को माओवादी नेटवर्क के खिलाफ एक अहम मोड़ माना जा रहा है. फिलहाल, सुरक्षाबलों का तलाशी अभियान सारंडा जंगल में लगातार जारी है.
 

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