Arunachal Pradesh Espionage Case: इटानगर पुलिस ने अरुणाचल प्रदेश में जासूसी गतिविधियों से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ये आरोपी संवेदनशील सूचनाएं इकट्ठा कर सरहद पार बैठे हैंडलर्स तक पहुंचा रहे थे. यह मामला राज्य की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा बताया जा रहा है. पुलिस अब पूरे नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में जुटी है.
18 दिसंबर को हुई गिरफ्तारी
आईजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) चुखु आपा ने बताया कि दोनों आरोपियों को 18 दिसंबर को कुपवाड़ा जिले से गिरफ्तार किया गया. इसके बाद उन्हें अरुणाचल प्रदेश लाया गया, जहां वे फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं. पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है. पुलिस गंभीरता से इस मामले की जांच कर रही है.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान ऐजाज अहमद भट और बशीर अहमद गनई के रूप में हुई है. दोनों जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के रहने वाले हैं. पुलिस का दावा है कि ये लोग अरुणाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में घूमकर सूचनाएं जुटा रहे थे. इनके संपर्क पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स से होने की बात सामने आई है.
एक संदिग्ध को किया गया रिहा
आईजीपी चुखु आपा ने पीटीआई को बताया कि इससे पहले चांगलांग जिले के मियाओ से एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लिया गया था. हालांकि जांच के दौरान उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला. इसके बाद पुलिस ने उसे रिहा कर दिया. पुलिस का कहना है कि केवल पुख्ता सबूतों के आधार पर ही कार्रवाई की जा रही है.
पाकिस्तान से संपर्क का आरोप
पुलिस के अनुसार आरोपी अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से संवेदनशील जानकारी जुटा रहे थे. यह जानकारी पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर्स को भेजी जा रही थी. सुरक्षा एजेंसियां इस एंगल से भी जांच कर रही हैं कि आखिर किन जानकारियों को साझा किया गया. यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण विशेष निगरानी में है.
21 नवंबर को सामने आया मामला
यह पूरा मामला 21 नवंबर को सामने आया था, जब पुलिस ने नजीर अहमद मलिक और साबिर अहमद मीर को गिरफ्तार किया था. दोनों भी कुपवाड़ा जिले के निवासी हैं. पुलिस को इनके खिलाफ जासूसी गतिविधियों से जुड़े ठोस इनपुट मिले थे. इसके बाद पूरे नेटवर्क की परतें खुलनी शुरू हुईं.
इटानगर से हुई शुरुआती गिरफ्तारी
पुलिस ने सबसे पहले नजीर अहमद मलिक को इटानगर के गंगा गांव से हिरासत में लिया था. उसकी पूछताछ के आधार पर उसी दिन साबिर अहमद मीर को अबोतानी कॉलोनी से गिरफ्तार किया गया. इन दोनों से मिली जानकारी ने जांच को आगे बढ़ाया. इसके बाद अन्य संदिग्धों की तलाश तेज की गई.
वेस्ट सियांग में भी गिरफ्तारी
वेस्ट सियांग पुलिस ने कुपवाड़ा के ही हिलाल अहमद को गिरफ्तार किया है. वह आलो कस्बे के ओल्ड मार्केट में ट्रेड फेयर के दौरान कपड़े की दुकान चला रहा था. पुलिस को शक है कि वह भी इसी नेटवर्क का हिस्सा था. उससे भी लगातार पूछताछ की जा रही है.
मियाओ से गिरफ्तारी और रिहाई
चांगलांग पुलिस ने मियाओ इलाके से गुलाम मोहम्मद मीर को भी गिरफ्तार किया था. हालांकि जांच में उसके खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले. इसके बाद पुलिस ने उसे रिहा कर दिया. अधिकारियों का कहना है कि निर्दोष लोगों को फंसाने का सवाल ही नहीं है.
कंबल बेचने की आड़ में जासूसी
आईजीपी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी ज्यादातर कंबल बेचने का काम करते थे. इसी बहाने वे राज्य के अलग-अलग इलाकों में घूमते थे. पुलिस का शक है कि इसी दौरान वे संवेदनशील जानकारियां जुटाते थे. यह तरीका सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चौंकाने वाला है.
पुलिस की रणनीति
आईजीपी चुखु आपा ने बताया कि पुलिस को जासूसी रैकेट की विश्वसनीय जानकारी मिली थी. इटानगर एसपी जुम्मर बसर के नेतृत्व में टीम ने लगातार मेहनत कर यह कार्रवाई की. फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है और फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है. आगे सबूतों के आधार पर कार्रवाई होगी.
लोगों से सतर्क रहने की अपील
आईजीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि बिना पुलिस सत्यापन के किसी को भी घर या संपत्ति पर न ठहरने दें. सुरक्षा के लिहाज से यह बेहद जरूरी है. पुलिस ने नागरिकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें.