गाजा में हमास और इजरायल के बीच संघर्ष को करीब 6 महीने होने वाले हैं, लेकिन ये युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इजरायली सेना लगातार बड़े हमले कर रही है, जिसमें हमास के लड़ाकों के साथ बेकसूर लोगों की भी जान जा रही है. ताजा घटनाक्रम में आईडीएफ ने गाजा के दीर अल-बलाह में अस्पताल के बाहर हवाई हमला किया, जिसमें दो फिलिस्तीनियों की मौत हो गई. यहां हजारों शरणार्थी कैंप बनाकर रह रहे हैं. आईडीएफ ने अल शिफा अस्पताल में हमास के चार कमांडरों को मार गिराने का दावा किया है. उनका कहना है कि वे अस्पताल में छिपे हुए थे.
इस बीच युद्धविराम को लेकर दुनियाभर में प्रदर्शन भी हो रहे हैं. न्यूयॉर्क, लंदन, ट्यूनीशिया, अम्मान, रामल्लाह और कराची में शनिवार को प्रदर्शन हुए. इन देशों में फिलिस्तीनी समर्थकों ने 48वां भूमि दिवस मनाया. इस मौके पर हज़ारों की तादाद में रैलियां निकाली गईं और फौरन सीज़फायर की मांग की गई. न्यूयॉर्क में भी फिलिस्तीन के समर्थन में एकजुटता दिखाते हुए भूमि दिवस मनाया गया. हज़ारों की तादाद में लोगों ने पैदल मार्च निकाला.
इस दौरान लोगों को फ्री फिलिस्तीन के नारे लगाते हुए देखा गया. गाज़ा में फौरन सीजफायर की मांग की गई. लंदन में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली. यहां भूमि दिवस के मौके पर फिलिस्तीन के समर्थन में हज़ारों की तादाद में लोगों ने मार्च निकाला. प्रदर्शन में कुछ यहूदी समुदाय के लोग भी नज़र आए. गाज़ा में नरसंहार का विरोध किया. पाकिस्तान के कराची शहर में भी जमात-ए-इस्लामी पार्टी की तरफ से बड़े पैमाने पर मार्च निकाला गया.
ट्यूनीशिया की राजधानी ट्यूनिस में फ्रांसिसी दूतावास के बाहर भी कुछ ऐसी ही तस्वीर नज़र आई. हज़ारों की तादाद में लोग इकट्ठा हुए और भूमि दिवस के मौके पर पैदल मार्च कर फिलिस्तनी के समर्थन में नारे लगाए. जॉर्डन की राजधानी अम्मान में लगातार इज़रायल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. शनिवार को भी इज़रयाली दूतावास के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. जॉर्डन सरकार से इज़रायल के साथ तमाम संबंध तोड़ने का आह्वान किया है.
यह भी पढ़ें: गाजा में इजरायली सेना ने की एयरस्ट्राइक, खुफिया सुरंग तबाह, हमास का अहम ठिकाना नेस्तनाबूत

इसके साथ ही इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार के खिलाफ उनके देश में ही भारी विरोध किया जा रहा है. एक तरफ युद्ध खत्म करने को लेकर प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर भारी अंतरराष्ट्रीय दबाब है, वहीं दूसरी ओर देश के अंदर भी युद्धविराम की मांग को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. शनिवार को एक बार फिर हजारों लोग तेल अवीव की सड़कों पर उतर आए और अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
सड़कों पर उतरे लोगों की मांग है की जंग तुरंत खत्म कर बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत शुरू की जाए. इसके साथ ही प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समेत पूरे युद्ध कैबिनेट से इस्तीफा मांग रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनके वॉर कैबिनेट का फोकस बंधकों को छुड़ाने पर नहीं हमास को मिटाने पर है. भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ पिछले एक साल से प्रदर्शन हो रहे हैं.