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गाजा में एक बार फिर सीजफायर की उम्मीद बढ़ी, हमास ने स्वीकार किया ये अमेरिकी प्रस्ताव

गाजा में इजरायल और हमास के बीच पिछले 9 महीने से चल रही जंग में सीजफायर की उम्मीद एक बार फिर बढ गई. इजरायल के बाद हमास ने भी अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. इस प्रस्ताव के तहत सीजयफायर तीन चरणों में होगा.

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इजरायल और हमास के बीच सीजफायर की उम्मीद एक बार फिर बढ गई.
इजरायल और हमास के बीच सीजफायर की उम्मीद एक बार फिर बढ गई.

गाजा में इजरायल और हमास के बीच पिछले 9 महीने से चल रही जंग में सीजफायर की उम्मीद एक बार फिर बढ गई. इजरायल के बाद हमास ने भी अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. इस प्रस्ताव के तहत सीजयफायर तीन चरणों में होगा. जो दोनों पक्षों से प्रस्ताव की शर्तों को "बिना देरी और बिना शर्त" लागू करने का आग्रह करता है. इसे इजरायल ने पहले ही स्वीकार कर लिया था, लेकिन हमास सहमत नहीं था.

इस प्रस्ताव के पहले चरण में महिलाओं, बुजुर्गों और घायलों सहित बंधकों की रिहाई, फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली, आबादी वाले इलाकों से इज़रायली सेना की वापसी, उत्तर समेत पूरे एन्क्लेव में फिलिस्तीनियों की घर वापसी और बड़े पैमाने पर मानवीय मदद सहित पूर्ण युद्ध विराम शामिल है. दूसरे चरण में गाजा में बंधको की रिहाई के बदले दुश्मनी का पूरी तरह खात्मा और गाजा से इज़रायली सेना की पूर्ण वापसी होगी. 

तीसरे चरण में गाजा के लिए बहु-वर्षीय पुनर्निमाण योजना शुरू होगी. गाजा पट्टी में बंधकों के शवों को इज़रायल को सौंपा जाएगा. इस प्रस्ताव पर पहले हमास की मांग थी कि समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले इजरायल पहले एक स्थायी युद्धविराम के लिए प्रतिबद्ध हो, लेकिन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा था कि वो किसी भी शर्त पर गाजा में हमास को खत्म किए बिना अपनी सेना वापस नहीं बुलाएंगे.

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वेस्ट बैंक में एक बार फिर चलाया सैन्य अभियान

उधर, इजरायल की सेना ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में एक बार फिर सैन्य अभियान चलाया. जेनिन शरणार्थी शिविर में चलाए गए इस सैन्य अभियान में कम से कम सात फिलिस्तीनी मारे गए, जबकि कई अन्य घायल हो गए. इजरायली सेना का कहना है कि मारे गए सभी हमास के लड़ाके थे. वहीं फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि मारे गए सभी आम लोग है. इजरायली सेना ने एक बयान में कहा कि उसकी सेना ने एक इमारत को घेर लिया.

वहां हमास के आतंकी छिपे हुए थे. आतंकियों के खात्म के लिए घर पर इजरायली विमानों ने बम भी गिराए. वहीं इजरायल के इस हमले में आसपास के कई घरों को भी नुकसान पुहंचा. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से ही इजरायल की सेना गाजा के साथ बेस्ट बैंक में भी सैन्य कार्रवाई करती रही है. इस सैन्य कार्रवाई में अबतक वेस्ट बैंक में रहने वाले 500 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि 12 इजरायली सैनिकों की भी जान गई है.

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गाजा में सीजफायर को लेकर इजरायल में प्रदर्शन

गाजा में सीजफायर की मांग को लेकर इजरायल के शहर यरूशलम में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. इजरायल की सरकार से बंधकों की रिहाई के लिए हमास से समझौते की मांग की है. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने गाजा में इजरायली सैन्य अभियान का भी विरोध किया. बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों डर है कि यदि इजरायल गाजा में सैन्य अभियान जारी रखता है तो युद्ध लंबा खिंचेगा. ऐसी स्थिति में ज्यादा बंधक मारे जाएंगे.

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इस प्रदर्शन में शामिल लोगों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार से इस्तीफा भी मांगा है. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी सरकार बंधकों को छुड़ाने और देश को चलाने में पूरी तरह से असमर्थ है. ऐसे में नेतन्याहू को तुरंत इस्तीफा देकर देश में आम चुनाव कराना चाहिए. एक प्रदर्शनकारी करेन प्लिटमैन ने कहा, ''हम अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. हम ऐसे प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं करते जो भ्रष्ट है.''

ये प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ जब बंधकों की रिहाई और गाजा सीजफायर के लिए इजरायल और हमास के बीच समझौते की उम्मीद जगी है. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था. करीब आधे बंधकों को हमास अब तक छोड़ चुका है, जबकि 41 बंधकों की मौत हो चुकी है. लेकिन अभी भी उसके कैद में करीब 116 इजरायली नागरिक हैं. उन्हीं के परिजन इन प्रदर्शनों में शामिल हैं.

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लाखों फिलिस्तीनी भूख से मरने की कगार पर

इजरायल की सैन्य कार्रवाई और गाजा की घेराबंदी की वजह से लाखों फिलिस्तीनी भूख से मरने की कगार पर पहुंच गए हैं. ऐसे में अमेरिका और यूएई सहित कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां आसमान के जरिए लगतार गाजा में फूड पैकट गिरा रही है. बीते दिनों अमेरिकी विमानों ने खान यूनस और रफाह में फूड पैकेट गिराए. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इजरायल ने इस जंग के दौरान गाजा पट्टी को पूरी दुनिया से अलग-थलग कर दिया है.

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इजरायली सैन्य कार्रवाई की वजह से गाजा जहां पूरी तरह से तबाह हो चुका है. यहां की 23 लाख की आबादी में से 80 फीसदी लोग बेघर हो गए हैं, वहीं 10 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनी अकाल का सामना कर रहे हैं. बाकी बचे लोग मुश्किल से दो वक्त की रोटी जुटा पा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अगर जल्द गाजा में युद्धविराम नहीं होता और मिस्र से लगते रफाह क्रसिंग को नहीं खोल जाता तो गाजा में भयानक तबाही होगी. 

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