पंजाब के गुरदासपुर के सिटी पुलिस स्टेशन के बाहर हुए ग्रेनेड अटैक को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. सोमवार को पुलिस ने बताया कि इस हमले के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके नाम प्रदीप कुमार, गुरदित, नवीन चौधरी और कुश हैं. इनके पास से एक पी-86 हैंड ग्रेनेड और दो पिस्टल भी बरामद हुए हैं. अटैक करने वाला गैंग ISI स्पॉन्सर्ड मॉड्यूल से संबंधित है.
25 नवंबर को हुए इस अटैक को लेकर शुरू में पुलिस ने किसी ग्रेनेड विस्फोट से इनकार किया था. लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, कहानी ने ऐसा मोड़ लिया जिसने पंजाब की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए. बॉर्डर रेंज के डीआईजी संदीप गोयल ने बताया कि शुरुआती जांच में यह साफ हुआ कि अटैक का मास्टरमाइंड पाकिस्तान में बैठा ISI स्पॉन्सर्ड गैंगस्टर शहजाद भट्टी और जीशान अख्तर था.
इसी साजिश को अमली जामा पहनाने का काम अमेरिका में बैठा उनका हैंडलर अमनदीप सिंह उर्फ अमन पन्नू कर रहा था. अमन पन्नू का रोल सिर्फ फंडिंग तक सीमित नहीं था. वह पंजाब में मॉड्यूल खड़ा करने के लिए 'फुट सोल्जर्स' की भर्ती करता था और सीमा वाले इलाकों में छोटे-छोटे आतंकी हमलों के जरिए दहशत फैलाने का टास्क देता था. इसी कड़ी को पकड़ने के बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंची.
पंजाब पुलिस ने इंटेलिजेंस ऑपरेशन के तहत प्रदीप और गुरदित को हिरासत में लिया गया. पूछताछ में इन दोनों ने माना कि उन्होंने हरगुन, विकास और मोहन को फाइनेंशियल और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट दिया था. इसी टीम ने पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड फेंका था. हरगुन और विकास को दिल्ली पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. इनसे पूछताछ के बाद नवीन चौधरी और कुश के बीच एक बड़ा लिंक सामने आया है.
दोनों के पास जीशान अख्तर द्वारा भेजे गए दो हैंड ग्रेनेड पहुंचे थे. इनमें से एक उन्होंने उस मॉड्यूल को सौंप दिया, जिसने शहजाद भट्टी के निर्देश पर गुरदासपुर पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड फेंका. दूसरा ग्रेनेड उनके पास बचा रह गया था, जिसे लेकर वे एक और हमले की तैयारी में थे. शुरुआती जांच यह संकेत देती है कि उनका अगला निशाना भी पुलिस या किसी सरकारी प्रतिष्ठान पर बड़ी वारदात हो सकती थी.
सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस आदित्य ने बताया कि तकनीकी और इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर पुलिस ने दोनों संदिग्धों को जगतपुर गांव के पास ट्रेस किया. चेकपॉइंट पर रोकने पर दोनों ने पुलिस पार्टी पर सीधे फायरिंग कर दी. जवाबी एक्शन में नवीन और कुश घायल हुए और उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है. घटनास्थल से बग्रेनेड और दोनों पिस्टल बरामद कर ली गई.
इसके बाद बम डिस्पोजल टीम ने पूरे इलाके को सैनिटाइज कर ग्रेनेड को सुरक्षित रूप से डिफ्यूज किया. पंजाब पुलिस अब इस पूरे मॉड्यूल का बैकएंड खंगाल रही है. कौन इनको फंड कर रहा था, किस तरह की डिजिटल कम्युनिकेशन होती थी और बॉर्डर के पार बैठे मास्टरमाइंड कैसे ऑपरेट कर रहे थे. लेकिन इतना साफ है कि गुरदासपुर अटैक पंजाब को अस्थिर करने की एक सुनियोजित साजिश थी.