देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग हर ओर बढ़ गई और इसको लेकर कालाबाजारी भी शुरू हो गई. इस बीच कई जगहों पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी को लेकर पुलिस सख्त हो गई है और सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों को पकड़ रही है.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और मध्य प्रदेश के शहडोल में अस्पतालों में काम करने वाले आरोपियों को पकड़ा गया है. गोरखपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की 18 हजार में सौदा करने वाले दो नर्सिंग होमकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है.
तो वहीं मध्य प्रदेश के शहडोल में पुलिस ने एक ऐसी नर्स को पकड़ा जो रेमडेसिविर इंजेक्शन को अस्पताल से बाहर लाकर बेचती थी और इनके पास से 6 इंजेक्शन बरामद किए गए.
गोरखपुरः शिकायत पर पुलिस ने धर दबोचा
1299 रुपये एमआरपी का इंजेक्शन 18 हजार रुपये में बेचने वाले निजी नर्सिंग होम में काम करने वाले दो कालाबाजारियों को ड्रग विभाग की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. दोनों कर्मचारियों ने एक युवक का मोबाइल पर 18 हजार में इंजेक्शन देने के लिए सौदा तय किया था. युवक की शिकायत के बाद ड्रग विभाग की टीम ने दोनों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया.
गोरखपुर के एक जरुरतमंद युवक ने किसी माध्यम से एक युवक को मोबाइल पर काल किया. उन्होंने रेमडेसिविर इंजेक्शन के जरूरत का हवाला दिया. दूसरी ओर काल पर मौजूद युवक ने इंजेक्शन 18 हजार रुपये में एक ब्वायल दिलाने की बात कही. गोरखपुर के गोरखनाथ थानाक्षेत्र के धर्मशाला बाजार के पास मंगलवार की शाम 4 बजे जरूरतमंद युवक को इंजेक्शन देने के लिए बुलाया. इस बीच युवक ने उसकी बात का ऑडियो रिकार्ड कर लिया और ड्रग विभाग में इसकी शिकायत कर दी.
डिलिवरी के दौरान पुलिस ने पकड़ा
ड्रग विभाग की टीम ने शिकायत और ऑडियो को गंभीरता से लेते हुए तय समय पर ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह के नेतृत्व में धर्मशाला चौकी से सादी वर्दी में पुलिसवालों के साथ युवक को काल आने के बाद इंजेक्शन लेने के लिए भेजा. जैसे ही दो ब्वायल इंजेक्शन लेकर आए युवकों ने तय सौदे के मुताबिक एक इंजेक्शन देकर 18 हजार रुपये लेने के लिए आगे बढ़े, टीम ने पुलिस के सहयोग से दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया.
गोरखपुर के ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि दो युवकों को शिकायत के बाद रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि दोनों युवकों के पास से दो ब्वायल इंजेक्शन बरामद हुआ है. उनका ऑडियो रिकार्डिंग भी शिकायतकर्ता ने उपलब्ध कराया है. दोनों युवक गर्ग हास्पिटल और पीसी नर्सिंग होम में काम करते हैं. एक की पहचान फॉर्मासिस्ट की पढ़ाई के साथ गर्ग हास्पिटल में काम करने वाले संजीत कुमार गुप्ता और दूसरे की पहचान पीसी मेडिकल में काम करने वाले दीपक चौरसिया के रूप में हुई है.
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि उनके पास से एक भरी ब्वायल और दूसरी खाली ब्वायल मिली है. दोनों ने शिकायतकर्ता को 18 हजार रुपये में इंजेक्शन देने की बात कही थी. उसकी एमआरपी 1,299 रुपये है.
MP: शहडोल में रेमडेसिविर बाहर लाकर बेचती थी नर्स, 3 गिरफ्तार
आपदा के इस दौर में कुछ लोग इंसानियत को शर्मसार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में सामने आया, जहां भर्ती मरीजों को लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को बाहर लाकर बेचने वाली नर्स को पुलिस ने पकड़ लिया. मेडिकल स्टोर संचालक सहित 2 युवक पकड़े गए और इनके पास से 6 लाख 50 हजार कैश और 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किया गया है.
मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन को चोरी कर दलालों को बेचनी वाली नर्स को उसके तीन सहयोगियों के साथ पुलिस के पकड़ लिया है. यहां काम करने वाली एक नर्स सुषमा साहू गंभीर रूप से संक्रमित कोरोना मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन उन्हें न लगाकर चोरी छिपे अपने दो सहकर्मियों को दे देती थी.
मेडिकल कॉलेज में ही संविदा कर्मी दीपक और उज्ज्वल परेशान मरीजों के परिजन से सौदा करते और चुराए रेमडेसिविर इंजेक्शन को महंगे दामों में बेच देते. मेडिकल कॉलेज के सामने ही अमित फॉर्मा दवा दुकान का संचालक इन्हें ग्राहक उपलब्ध कराता.
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शहडोल के एडिशनल एसपी मुकेश वैश्य ने कहा कि 25 हजार में इंजेक्शन खरीदने के बाद भी एक युवक अपने परिजन की जान नहीं बचा पाया, जिसके बाद उसने इन दलालों की सूचना पुलिस को दे दी. पुलिस भी ग्राहक बनकर जब इनसे मिली तो ये रेमडेसिविर देने तैयार हो गए. पुलिस ने नर्स और उसके साथ शामिल दो युवकों और मेडिकल स्टोर संचालक को धर दबोचा. इनके पास से 6 लाख 50 हजार रुपये कैश के अलावा 6 रेमडेसिविर और 5 मोबाइल बरामद किए गए हैं.