उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 2.5 साल पहले हुई एक सनसनीखेज हत्याकांड में फास्टट्रैक कोर्ट फर्स्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है. वाराणसी के सिगरा इलाके में लाठी-डंडों से पीटकर भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह की हत्या करने के मामले में कोर्ट ने 16 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. यह सजा जज कुलदीप सिंह ने दी है. ये घटना 12 अक्टूबर 2022 की है, जब पशुपतिनाथ सिंह को मौत के घाट उतार दिया गया था. सजा का ऐलान होते ही अपराधियों परिजनों ने हंगामा कर दिया.
इस बहुचर्चित मामले में सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट परिसर में अलग-अलग मंजर देखने को मिले. पुलिस आरोपियों को कोर्ट से जेल ले गई, वहीं सजा सुनने के बाद निकले आरोपियों के चेहरों पर तनाव साफ झलक रहा था. दूसरी तरफ, आरोपियों के परिजनों और उनके घर की महिलाओं ने हंगामा करते हुए इंसाफ की मांग कर डाली. मृतक के बेटे राजकुमार सिंह ने कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जताई है. वहीं आरोपियों के वकील ने हाईकोर्ट में इस फैसले की चुनौती देने की बात कही है.
भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह की हत्या उस समय हुई, जब उनके घर के पास स्थित शराब के ठेके पर चंदुआ-छित्तूपुर के रहने वाले मंटू सरोज और राहुल सरोज अपने दो साथियों के साथ शराब पी रहे थे. आपस में गाली-गलौज शुरू होने पर पशुपतिनाथ के बेटे राजकुमार सिंह ने उन्हें डांटकर भगा दिया. लेकिन थोड़ी देर बाद 15-20 हमलावर लौटे और राजकुमार पर हमला कर दिया. आवाज सुनकर पशुपतिनाथ बीच-बचाव के लिए पहुंचे, तो हमलावरों ने उनपर लाठी-डंडों से हमला कर दिया.
हमले में राजकुमार और पशुपतिनाथ दोनों घायल हो गए. गंभीर रूप से घायल पशुपतिनाथ को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना के बाद राजकुमार के भाई रूद्रेश कुमार सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उनकी तहरीर के आधार पर 18 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. लंबी सुनवाई के बाद गुरुवार को कोर्ट ने 16 वयस्क आरोपियों को दोषी करार दिया. इसके बाद शनिवार को कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है.
दो नाबालिग आरोपियों का केस किशोर न्यायालय में चल रहा है. सजा पाए 16 आरोपियों में विकास भारद्वाज, मंटू सरोज, राहुल सरोज, मनीष पांडे, गणेश सरोज, अभिषेक सरोज, दिनेश पाल, अनूप सरोज, सूरज यादव, रमेश पाल, अनुज उर्फ बाबू सरोज, श्याम बाबू राजभर, विशाल राजभर, संदीप गुप्ता, सुरेश सरोज और आर्य उर्फ आकाश सरोज का नाम शामिल है. सरकारी अधिवक्ता मनोज गुप्ता और वादी पक्ष के वकील प्रेम प्रकाश सिंह गौतम ने बताया कि वे कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं.
उन्होंने खुलासा किया कि अभियुक्त 307 नामक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए अपना गैंग चलाते थे. मृतक के बेटे राजकुमार सिंह ने कहा कि वे कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं और आगे भी लड़ाई जारी रखेंगे. उन्होंने दो नाबालिग आरोपियों को सजा दिलवाने का संकल्प जताया. आरोपियों के वकील अश्वनी कुमार ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. हालांकि, कोर्ट के फैसले ने पीड़ित परिवार को थोड़ी राहत दी है, लेकिन उनका कहना है कि लड़ाई अभी अधूरी है.