दिल्ली पुलिस ने एक बड़े साइबर क्राइम सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. साइबर ठगों का ये गैंग खुद को बैंक अधिकारी बताकर और क्रेडिट कार्ड पर रिवॉर्ड पॉइंट्स का लालच देकर लोगों से मोटी रकम हड़प लेता था. इस मामले की सूचना मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद अहमद, कौशल कुमार, अतुल कुमार, सनी कुमार सिंह और एक महिला के रूप में हुई है. पुलिस हिरासत में उनसे पूछताछ की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, यह मामला तब सामने आया जब पालम कॉलोनी के रहने वाले एक शख्स ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई. उसने बताया कि उसे 20 जून को एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को एक निजी बैंक का कर्मचारी बताया. उसने कहा कि उसके क्रेडिट कार्ड पर जमा रिवॉर्ड पॉइंट्स को रिडीम किया जा सकता है.
पीड़ित उसके झांसे में आ गया. उसने उसके साथ ओटीपी साझा कर दिया. इसके बाद साइबर ठगों ने उसके बैंक खाते से 96 हजार निकाल लिए.
पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी. इसमें खुलासा हुआ कि यह गिरोह बाकायदा बैंक कर्मचारी या अधिकारी बनकर लोगों से संपर्क करता था. वे कॉल पर पीड़ित का नाम और कार्ड से जुड़ी आंशिक जानकारी बताते थे, जिससे उनका भरोसा कायम हो जाता.
इसके बाद रिवॉर्ड पॉइंट्स रिडीम कराने का झांसा देकर ओटीपी हासिल कर लेते थे. मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए पीड़ितों की रकम अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेते थे.
ठगी गई रकम ऐसे ठिकाने लगाते थे साइबर धोखेबाज
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि धोखाधड़ी की रकम सबसे पहले एक बैंक खाते में जमा होती, फिर उसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता. अंत में कैश निकाल लिया जाता. एटीएम के सीसीटीवी फुटेज में एक आरोपी चेहरा ढककर पैसे निकालते हुए भी नजर आया.
मोहन गार्डन इलाके में छापेमारी कर पुलिस ने तीन आरोपियों अतुल कुमार, सनी कुमार सिंह और कौशल कुमार को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को वहां से कई बैंक किट और मोबाइल फोन बरामद हुए.
साइबर क्राइम सिंडिकेट में बैंककर्मी और सीए शामिल
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि कौशल कुमार पहले एक निजी बैंक में काम कर चुका है. वो कई म्यूल अकाउंट खोलने में शामिल था. उसने मोहन गार्डन में किराए पर जगह लेकर चालू और बचत खाते खुलवाए. इसके बाद में ये खाते एक महिला के जरिए साइबर ठगों को उपलब्ध कराए गए.
इस मामले उस महिला को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. सनी कुमार सिंह सीए फाइनल ईयर का छात्र है. उसने इस गिरोह को जीएसटी और उद्यम प्रमाणपत्र बनाने में मदद की थी.
कॉल सेंटर में काम कर चुका है गैंग का मास्टरमाइंड
इसके साथ ही बैंक खाते खोलने के लिए ईमेल आईडी बनाने का काम भी वह करता था. अतुल कुमार के नाम पर रजिस्टर्ड फर्म के तीन बैंक खाते थे, जिनका इस्तेमाल सीधे ठगी में किया गया. गिरोह का मास्टरमाइंड मोहम्मद अहमद निकला. वह पहले एक कॉल सेंटर में काम कर चुका है.
वो बैंक अधिकारी बनकर पीड़ितों को फोन करता था. वो पहले से ही इस साल दर्ज एक साइबर ठगी के केस में वांछित था. पुलिस ने पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर उसे भी गिरफ्तार कर लिया.