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गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में कैमरा लगाकर देखता था बाबा... स्वामी चैतन्यानंद पर दिल्ली पुलिस के कई बड़े खुलासे!

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में शुक्रवार को स्वामी चैतन्यानंद की सुनवाई के दौरान पुलिस और बचाव पक्ष आमने-सामने आ गए. पुलिस ने जहां हिरासत मांगते हुए यौन उत्पीड़न और डिजिटल सबूतों को छिपाने की बात रखी, वहीं बचाव पक्ष ने उन्हें साधु बताते हुए स्वास्थ्य और गरिमा का हवाला दिया.

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कोर्ट ने आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती को पांच की पुलिस हिरासत में भेजा. (Photo: ITG)
कोर्ट ने आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती को पांच की पुलिस हिरासत में भेजा. (Photo: ITG)

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में शुक्रवार को स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर हुई सुनवाई में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपी बाबा पर यौन शोषण के गंभीर आरोप हैं. संस्थान की लगभग 16 छात्राओं ने पूछताछ के दौरान साफ कहा है कि उनके साथ यौन उत्पीड़न हुआ. यही नहीं, जांच में यह भी सामने आया कि गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में गुप्त रूप से कैमरे लगाए गए थे.

पुलिस के मुताबिक, ये सभी कैमरे सीधे स्वामी चैतन्यानंद के मोबाइल फोन से जुड़े हुए थे. वह छात्राओं के बाथरूम में जाते ही वीडियो देखता था. उसकी नजर ज्यादातर नई और युवा छात्राओं पर होती थी. उन्हें पहले अपने जाल में फंसाता और फिर उनके साथ बलात्कार करता. इस पूरी साजिश में उसके करीबी सहयोगी भी शामिल थे. उसने पूरे संस्थान पर कब्जा कर लिया था. अपने लोगों को अहम पदों पर नियुक्त कर दिया था.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. हालांकि, पुलिस ने लंबी हिरासत की मांग की थी. पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपी दो महीने से फरार था. उसने न केवल सबूतों से छेड़छाड़ की, बल्कि शिकायतकर्ताओं को धमकाया भी था. पुलिस का कहना है कि जांच के लिए उसे दिल्ली, उत्तराखंड और हरियाणा समेत कई स्थानों पर ले जाना बहुत जरूरी है.

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पहले ही दर्ज हो चुके हैं 16 लड़कियों के बयान

आरोपी के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि सभी 16 लड़कियों के बयान पहले ही दर्ज हो चुके हैं. आरोपी किसी भी पीड़िता के संपर्क में नहीं है. उनका कहना था कि आरोपी का संपत्ति पर कोई नियंत्रण नहीं है और पुलिस उससे आखिर क्या हासिल करना चाहती है. बचाव पक्ष का यह भी कहना था कि सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अन्य सामान पुलिस पहले ही बरामद कर चुकी है, ऐसे में हिरासत की कोई आवश्यकता नहीं है.

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swami chaitanyananda saraswati molestation case

बाबा पर डिजिटल डेटा डिलीट करने का आरोप

बचाव पक्षा के वकील ने आगे दलील दी कि आरोपी वरिष्ठ नागरिक है, उनको मधुमेह की बीमारी है और फिर भी उसे उचित दवाइयां उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं. उन्होंने कहा, "वे एक साधु हैं, उनके कपड़े जबरन उतरवाए गए हैं और उन्हें अपनी साधना करने से रोका जा रहा है." इस पर दिल्ली पुलिस ने जवाब दिया कि केवल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बरामदगी काफी नहीं है. आरोपी ने कई डिजिटल डेटा डिलीट कर दिए हैं.

कोर्ट में पुलिस का बड़ा खुलासा, चौंक गए लोग

पुलिस का कहना है कि पासवर्ड जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां केवल उससे पूछताछ में ही मिल सकती हैं. पुलिस ने अदालत से कहा कि डिजिटल संदेशों और डेटा डिलीशन की प्रकृति समझने के लिए आरोपी की हिरासत बेहद जरूरी है. बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि पुलिस के पास पहले से ही 40 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज मौजूद है और वे उससे अपने सबूत तलाश सकते हैं. पुलिस ने कोर्ट में बड़ा खुलासा करते हुए चौंका दिया.

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स्वामी का सच सुनकर कोर्ट में सन्नाटा छा गया

पुलिस ने बताया कि संस्थान के गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में कैमरे लगाए गए थे. आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की सीधी पहुंच इन कैमरों तक थी. वो इन कैमरों के जरिए लड़कियों के वीडियो देखा करता था. इसके बाद उनको अपना शिकार बनाता था. यह खुलासा सुनते ही कोर्टरूम में सन्नाटा छा गया. अब पुलिस हिरासत में आरोपी से गहन पूछताछ होगी. यह जांच कौन सी परतों को खोलेगी, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं.

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