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क्या ज्योति मल्होत्रा के ट्रैवल व्लॉग रेकी टूल की तरह इस्तेमाल कर रही थी ISI? कैसे बढ़ा जांच का दायरा, जानें पूरी कहानी

क्या व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा सच में पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रही थी या यह सब सोशल मीडिया की दुनिया में लाइक्स और व्यूज़ का खेल है? ज्योति की गिरफ्तारी, पाकिस्तान के दूतावास में काम करने वाले दानिश से दोस्ती, और पाक खुफिया एजेंसी के एजेंट्स से मुलाकात जैसे कई गंभीर आरोप उस पर लगे हैं. हालांकि अब तक कोई ठोस इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस नहीं मिला है.

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ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ तेजी से जांच चल रही है
ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ तेजी से जांच चल रही है

Indian Vlogger Jyoti Malhotra Espionage Case: क्या ज्योति मल्होत्रा सचमुच पाकिस्तानी जासूस है? या फिर असली कहानी कुछ और है. 16 मई को ज्योति की गिरफ्तारी के तीन बाद तक भी ऐसी कोई क्लासीफाइड इनफोरमेशन या इलेक्ट्रोनिक एविडेंस नहीं मिला, जो इस बात का सबूत दे सके कि ज्योति मल्होत्रा एक पाकिस्तानी जासूस है. हालांकि पाकिस्तानी दूतवास के एक कर्मचारी से ज्योति की दोस्ती के सबूत ज़रूर मिले हैं. तो क्या ज्योति मल्होत्रा लाइक्स, सब्सक्राइब और व्यूज़ के खेल का शिकार बन गई. चलिए जानते हैं पूरी कहानी. 

सोशल मीडिया और खासकर यूट्यूब पर ज्योति मल्होत्रा के बहुत से व्लॉग मौजूद हैं. ये वही ज्योति है, जिस पर इस वक्त एक पाकिस्तानी जासूस होने का इल्जाम है. इल्जाम ये है कि नई दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास में काम करने वाले जिस अहसान उर रहीम उर्फ दानिश को जासूसी के इल्जाम में 13 मई को फौरन भारत छोड़ने के लिए कहा गया उसके साथ ज्योति का रिश्ता है. और इसी रिश्ते के बलबूते ज्योति दो बार पाकिस्तान भी घूम आई. हिसार पुलिस में दर्ज एफआईआर के हिसाब से पाकिस्तान में ज्योति की मुलाकात दानिश ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी यानि पीआईओ के तीन और जासूसों से कराई। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के ये तीन जासूस थे अली अहवान, शाकिर और राणा शहबाज। 

अब सवाल ये है कि नई दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास के जिस दानिश को जासूसी के इल्जाम में देश निकाला दिया गया और पाकिस्तान में जिन तीन पीआईओ से ज्योति की मुलाकात कराई गई तो क्या ज्योति ने इनमें से किसी को कोई खुफिया डॉक्यूमेंट या ऐसी इन्फॉर्मेशन पास की जिसकी बिनाह पर पाकिस्तान का जासूस या गद्दार करार दिया जाए. अगर ऐसी कोई इन्फॉर्मेशन ज्योति ने पाकिस्तान तक पहुंचाई तो वो क्या था, किस तरह की थी और कितनी गंभीर थी. तो चलिए इस सवाल का जवाब हिसार के एसपी साहब से जान लेते हैं.

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हिसार के एसपी शशांक कुमार का कहना है कि ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के संबंध में जो एफआईआर दर्ज की गई उस पर वक्त है रात के 11 बजकर 20 मिनट का. एसपी शशांक कुमार ने जब कैमरे पर बयान दिया वो ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के दो दिन बाद दिया गया बयान है, यानि 18 मई का. ज्योति की गिरफ्तारी के 48 घंटे बाद भी हिसार के एसपी साहब ये कह रहे हैं कि हमारे पास अभी तक इस बात का एविडेंस यानि सबूत नहीं है कि ज्योति ने क्या इनफॉर्मेशन पास किया है. वो आगे कहते हैं कि पास ऑन तो तब करेगा जब उनके पास कोई इनफॉर्मेशन होगी. इससे पहले वो ये भी कहते हैं कि ज्योति के पास से जब्त इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस यानि उसके लैपटॉप या मोबाइल की अभी जांच चल रही है.

तो क्या ज्योति बेकसूर है? क्या वो जासूस नहीं है? क्या पाकिस्तानी दूतावास के मुलाजिम दानिश से उसका कोई रिश्ता नहीं है? और क्या ये भी गलत है कि वो दो बार पाकिस्तान गई. और पाकिस्तान में पाक इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स यानि पीआईओ के तीन जासूसों से मिली. तो ऐसा भी नहीं है. ज्योति दो बार पाकिस्तान गई ये भी सच है. दानिश से उसकी दोस्ती है ये भी सच है. पाकिस्तान के तीन पीआईओ से मिली ये भी सच है. पर फिलहाल ये सच अभी अधूरा है कि उसने भारत से जुड़ी कोई खुफिया जानकारी पाकिस्तान के इन जासूसों को दी.

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पर क्या जाने अनजाने या लालच में ज्योति पाकिस्तानी जासूसों का मोहरा बनकर अपने ट्रैवल व्लॉग ट्रैवल विद जो के जरिए सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान को भारत के कुछ खास अहम ठिकानों की जानकारी देती रही. अगर यही सच है तो फिर आप ज्योति मल्होत्रा के ट्रैवल ब्लॉग की बस झलकियां देखे तो शायद पहली नजर में आप कुछ समझ भी ना पाएं. मगर थोड़ी देर के लिए अब एक पाकिस्तानी जासूस की आंखों से उन व्लॉग की झलकियां देखी जाएं तो ज्योति मल्होत्रा के सारे ट्रैवल व्लॉग देश के अलग अलग हिस्सों के हैं. 

जिनमें वो भारत पाकिस्तान बॉर्डर को भी अपने कैमरों से दिखा रही हैं, बॉर्डर के करीब रहने वालों की जिंदगी को भी, उनके रास्तों को भी, तेलंगाना से दिल्ली तक शुरु होने वाली नई ट्रेन को भी, दिल्ली से मुंबई जाने वाली बस के बारे में भी, पहलगाम के बारे में भी और वाघा बॉर्डर से एक कदम क्रॉस करने के बाद वेलकम टू पाकिस्तान वाली भी. अब पाकिस्तान में बैठे पाकिस्तानी जासूसों की नजर से इन सारे वीडियो को रिवाइंड कीजिए. कुछ ना कुछ जानकारी या काम की चीज तो मिल ही जाएगी. पर अगर इस तरह के वीडियो बनाकर ही पाकिस्तान की मदद करनी है या पहलगाम में हुए हमले को लेकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठाकर भारत के खिलाफ और पाकिस्तान के हक में कोई नैरेटिव सेट करना है तो ये काम तो देश के ना जाने कितने ही यूट्यूबर या व्लॉगर कर रहे हैं.

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पर ज्योति की कहानी सिर्फ इन वीडियो तक ही सीमित होती तो और बात होती. ज्योति की कहानी इसलिए थोड़ी टेढ़ी हुई कि जिस पाकिस्तान और पाकिस्तानी से हर हिंदुस्तानी सौ बार संभल कर मिलता है, उसी पाकिस्तनी दूतावास के मुलाजिम दानिश से ज्योति की गहरी दोस्ती थी. ज्योति पढ़ी लिखी थी. उसने ग्रैजुएशन कर रखा था. एक यूट्यूबर और व्लॉगर होने के नाते उसे ये भी पता था या पता होगा कि किसी पाकिस्तानी से व्हट्सऐप कॉल, स्नैपचैट या टेलीग्राम से बात करने का मतलब क्या होता है.

ज्योति पहली बार 2023 में पाकिस्तान गई थी. 2023 अप्रैल में बैसाखी फेस्टिवल था. हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी की तरफ से ऐसे मौके पर बहुत सारे लोग पाकिस्तान जाया करते थे. इसी कमेटी से जुड़े हरकीतर सिंह ने ज्योति को पाकिस्तानी वीजा दिलाने में मदद की. पाकिस्तानी वीजा हासिल करने के लिए जब ज्योति नई दिल्ली में पाक एंबेसी पहुंची तब पहली बार उसकी मुलाकात वहां दानिश से हुई. जल्द ही दानिश से उसकी दोस्ती हो गई. ज्योति को पाकिस्तान का वीजा मिल गया. 14 दिन वो पाकिस्तान में रही, फिर लौट आई. लेकिन दानिश से उसका संपर्क अब भी बना हुआ था. 

इसके बाद 2024 में इसी बैसाखी फेस्टिवल के दौरान उसे दोबारा पाकिस्तान का वीजा मिला. 17 अप्रैल 2024 को वो पाकिस्तान गई. लेकिन इस बार वो वापस 25 मई को लौटी. ज्योति का वीजा एक्सटेंड कर दिया गया था और ये काम दानिश ने कराया था. अपने इसी दूसरे दौरे के दौरान उसकी मुलाकात पीआईओ के तीन और जासूसों से हुई. पाकिस्तान में ज्योति के रहने, घूमने, खाने-पीने का सारा इंतजाम दानिश के कहने पर पीआईओ के उन्हीं तीन लोगों ने किया था. 

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दो बार पाकिस्तान जाने और इनमें से भी एक बार ओवर स्टे करने के बाद ज्योति अगली बार जैसे ही चीन जाती है खुफिया ब्यूरो के कान खड़े हो जाते हैं. अब वो उस पर नजर रखे हुए थे. इसके बाद भी ज्योति कई विदेशी दौरे करती है. व्लॉग बनाती है. इनमें नेपाल, बागंलादेश, भूटान, दुबई, थाईलैंड और इंडोनेशिया शामिल था.

नवंबर 2024 में ज्योति कश्मीर भी जाती है. ज्योति इसके बाद इस साल भी 5 जनवरी को कश्मीर गई थी. उसने बाकायदा पहलगाम में अपना वीडियो भी बनाया था. पहलगाम हमले के बाद ज्योति मल्होत्रा ने भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठाए थे. हिसार की रहने वाली ज्योति मल्होत्रा के पिता हरीश कुमार हरियाणा बिजली विभाग से रिटायर हुए. वो भी ज्योति को लेकर चल रही खबरों से हैरान हैं.

यूट्यूब पर ज्योति के करीब पौने चार लाख सब्सक्राबर्स है. जबकि इंस्टाग्राम पर उसके 1 लाख 40 हजार के करीब फॉलोअर्स हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो ज्योति मल्होत्रा जैसे व्लॉगर्स बिना क्लासिफाइ़ड या अति गोपनिय दस्तावेज हासिल किए बगैर भी अपने वीडियो या इमेज के जरिए बॉर्डर एरिया, ब्रिज, एयरपोर्ट, रोड या दूसरी संवेदनशील इमारतों की जानकारी से दुश्मन देश को मदद पहुंचा सकते हैं. बिना किसी खुफिया जानकारी को पासऑन किए दुश्मन देश के बारे में अच्छी राय भी कायम करवा सकते हैं. 

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ऐसे व्लॉगर या इन्फ्लुएंसर जिनकी जितने ज्यादा फॉलोअर्स या सब्सक्राइबर्स होते हैं, सेंसेटिव जगहों पर उनकी पहुंच उतनी ही आसान होती है. ऐसे लोगों का नेटवर्क हर डिपार्टमेंट में बड़े बड़े लोगों तक से होता है. इनकी रिपोर्ट पर इनके फॉलोअर्स जो रिएक्शन या राय देते हैं. उससे भी दुश्मन देशों को पब्लिक के मूड का आसानी से अंदाजा मिल जाता है. यानि ये वो लोग हैं जो सीधे तौर पर जासूसी से ना भी जुड़े तो भी दुश्मन देश के जासूसों के लिए जाने अनजाने बड़ा काम कर जाते हैं. अब देखना ये है कि इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस की जांच के बाद ज्योति की सच्चाई क्या निकल कर सामने आती है. वो सचमुच पाकिस्तान की जासूस है या खुद के और अपने व्लॉग के फायदे के लिए ये सब कुछ कर रही थी.

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