Gujarat UPSC Student Rajkumar Death Mystery: गुजरात के एक विधायक के घर में यूपीएससी की तैयारी कर रहे एक लड़के राजकुमार की पिटाई की जाती है. उसकी पिटाई के गवाह खुद उसके पिता थे, क्योंकि वो भी उस वक्त विधायक के घर में मौजूद थे. इसके बाद उसी रात अचानक राजकुमार गायब हो जाता है. फिर कुछ दिनों बाद उसकी लाश एक सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में मिलती है. पुलिस बताती है कि उसकी मौत एक्सीडेंट में हुई, लेकिन राजकुमार के पिता का इल्जाम है कि उनके बेटे का कत्ल का किया गया है. ये मामला बेहद हैरान करने वाला है.
पूर्व विधायक पर दो-दो कत्ल का इल्जाम
गुजरात में गोंडल विधानसभा के पूर्व बाहुबली विधायक जयराज सिंह जडेजा का जबरदस्त जलवा है. इसी जलवे के बीच उस पर दो-दो कत्ल के इल्जाम लगे हैं. एक मुकदमें में तो हाईकोर्ट उसे उम्रकैद की सजा भी सुना चुकी है. हालांकि फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने उस सजा पर रोक लगा रखी है. पर चूंकि ये सजायाफ्ता है, लिहाजा, चुनाव नहीं लड़ सकता था. तो इसने अपनी जगह अपनी पत्नी गीता बा जडेजा को इसी विधानसभा सीट से बीजेपी की टिकट दिला दी. गीता बा जडेजा पिछले दो बार से उस इलाके की विधायक हैं. जयराज सिंह और गीता बा जडेजा का एक बेटा है गणेश जडेजा उर्फ ज्योदिरादित्य. गणेश जडेजा पर एक दलित युवक को पीटने का इल्जाम था, जिसकी वजह से उसे जेल जाना पड़ा. फिलहाल वो जमानत पर बाहर है.
7 दिनों तक नहीं मिला राजकुमार का सुराग
भीलवाड़ा का रहने वाला राजकुमार फिलहाल गुजरात में रहकर UPSC की तैयारी कर रहा था. लेकिन 2 मार्च की देर रात वो अचानक गायब हो गया. पिता ने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई. पर अगले 7 दिनों तक राजकुमार का कोई सुराग नहीं मिला. 7 दिन बाद 9 मार्च को राजकुमार के पिता रतनलाल जाट को खबर मिली कि उनके बेटे की लाश राजकोट हॉस्पिटल के मुर्दाघर में पड़ी है. वहां जाने पर उन्हें बताया गया कि एक सड़क हादसे में राजकुमार की मौत हो गई है.
पुलिस ने जारी की CCTV फुटेज
गोंडल में मौजूद है बाहुबली और पूर्व विधायक जयराज सिंह जडेजा और उनकी पत्नी और मौजूदा विधायक गीता बा जडेजा का घर. उनके घर के सीसीटीवी कैमरे की कुछ तस्वीरें पुलिस ने जारी कि हैं. जो 2 मार्च की रात लगभग 11 बजे की हैं. ये वही रात थी जब राजकुमार गायब हुआ था. सीसीटीवी की तस्वीरों में विधायक के घर के अंदर एक साथ कई लोग कैमरे में दिखाई दे रहे हैं. जिनमें राजकुमार और उसके पिता रतनलाल जाट भी दिखते हैं.
मंदिर जाने के बाद नहीं लौटा था राजकुमार
राजकुमार के पिता रतनलाल के मुताबिक 2 मार्च की शाम राजकुमार घर से मंदिर गया था. सीसीटीवी की तस्वीरें रतनलाल की बात की गवाही भी दे रही हैं. इस तस्वीर में राजकुमार मंदिर में जाता हुआ दिखाई भी दे रहा है. लेकिन रात साढे दस बजे तक जब राजकुमार घर नहीं लौटा तो रतनलाल को बेटे की फिक्र हुई और वो खुद उसे लेने मंदिर पहुंच गए. मंदिर पहुंचने के बाद उन्होंने अपने बेटे राजकुमार को साथ लिया और राजकुमार की बाइक पर बैठ कर दोनों घर के लिए निकल पड़े.
बाइक चलाने को लेकर हुई थी पिता-पुत्र की बहस
सीसीटीवी कैमरे की एक तस्वीर उसी वक्त की है, जब बाप बेटे बाइक पर जा रहे हैं. बाइक राजकुमार चला रहा है. लेकिन ठीक उस जगह पर जहां स्पीड ब्रेकर था, राजकुमार की बाइक का संतुलन बिगड़ता है और पीछे बैठे उसके पिता रतनलाल उछल कर बाइक से नीचे उतर जाते हैं. इसके बाद राजकुमार भी बाइक वापस मोड़ता है और अब यहीं पर बाप बेटे में बहस होती है. रतनलाल अपने बेटे राजकुमार को सही से बाइक चलाने के लिए कह रहे थे. इत्तेफाक से जिस जगह दोनों बहस कर रहे थे वहीं पर विधायक जी का घर था.
गणेश जडेजा ने की राजकुमार की पिटाई
दोनों की बहस सुनकर विधायक के घर के कुछ लोग बाहर आते हैं और दोनों को घर के अंदर ले जाते हैं. घर के अंदर जाने के सबूत के तौर पर सीसीटीवी की तस्वीरें हैं. और अब यहीं से ये पूरी कहानी शुरु होती है. इस कहानी के मुताबिक घर के अंदर जाने के बाद विधायक के बेटे गणेश जडेजा ने राजकुमार की पिटाई करनी शुरु कर दी. इस पिटाई के गवाह खुद राजकुमार के पिता रतनलाल थे.
बाप-बेटे की आखिरी मुलाकात
इस पिटाई के बाद रतनलाल अपने बेटे राजकुमार को लेकर घर लौट गए. चूंकि राजकुमार यूपीएससी की तैयारी कर रहा था इसीलिए रतनलाल ने अपने घर के पास ही एक कमरा किराए पर ले रखा था. उसी कमरे में राजकुमार पढ़ाई किया करता था. विधायक जी के घर से लौटने के बाद राजकुमार अपने पिता से कमरे पर जाने की बात कहकर घर से निकल गया. बाप बेटे की ये आखिरी मुलाकात थी.
एक सप्ताह बाद मुर्दाघर में मिली लाश
3 मार्च की सुबह रोजाना की तरह रतनलाल अपने बेटे के कमरे पर गए तो पाया कमरे में कोई नहीं है. इसके बाद पूरे दिन वो उसे ढूंढते रहे पर वो कहीं नहीं मिला। थक हार कर उसी दिन देर शाम उन्होंने पुलिस में अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा दी लेकिन राजकुमार नहीं मिला. फिर पूरे हफ्ते भर बाद 9 मार्च को रतनलाल को पुलिस ने ये बताया कि उनके बेटे की रोड एक्सिडेंट में मौत हो गई है और लाश राजकोट के सरकारी अस्पताल के मुर्दा घर में रखी है.
साजिश का इल्जाम
विधायक के घर राजकुमार की पिटाई की रात ही राजकुमार का गायब होना और फिर एक हफ्ते बाद उसकी लाश की बरामदगी और पुलिस का उसकी मौत को रोड एक्सिडेंट बताना रतनलाल को खटकता है. अब वो सीधे विधायक के बेटे और उसके लोगों पर राजकुमार की मौत की साजिश का इल्जाम लगाते हैं. चूंकि मामला एक पूर्व विधायक और बाहुबली नेता और उनके परिवार से जुड़ा था, लिहाजा खबर मीडिया की सुर्खिया बन जाती हैं. विपक्ष मामले की गहराई से जांच की मांग शुरु कर देता है. इन चौरतरफ दबाव के बीच पुलिस को बाकायदा प्रेस कॉंफ्रेस बुलानी पड़ती और बताना पड़ता है कि राजकुमार की मौत का सच क्या है?
पुलिस की एक्सीडेंट वाली कहानी
पुलिस की कहानी के मुताबिक, रोड एक्सिडेंट में राजकुमार की मौत 2 और 3 मार्च की दरम्यानी रात को ही हो गई थी. लेकिन राजकुमार की शिनाख्त 9 मार्च को हो पाई. इसी के बाद राजकुमार के पिता की शिकायत पर पुलिस ने जांच के लिए स्पेशल टीमें बनाई. सबसे पहले जिस जगह एक्सिडेंट हुआ था वहां आसपास सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया. लेकिन कमाल ये था कि ठीक एक्सिडेंट वाली जगह पर कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं था. पुलिस ने मौका-ए-वारदात के आगे पीछे के करीब डेढ़ सौ सीसीटीवी कैमरे खंगाले. इन कैमरों में मौका-ए-वारदात की तरफ जाने या आने वाली गाड़ियों और उनके डिटेल निकाले गए. ड्राइवरों से पूछताछ की गई. इसी पूछताछ के दौरान एक ट्रक ड्राइवर ने बताया कि रात 2 बजकर 33 मिनट पर जब वो मौका-ए-वारदात के पास से गुजरा तो वहां सड़क पर उसे एक लाश पड़ी दिखाई दी थी.
बस ड्राइवर ने मानी एक्सीडेंट की बात!
उस ट्रक ड्राइवर के बयान के बाद अब पुलिस ने रात सवा दो बजे से लेकर 2 बजकर पैंतीस मिनट तक मौका-ए-वारदात से गुजरने वाली गाडि़यों की डिटेल खंगालनी शुरु की. पुलिस के मुताबिक इन गाड़ियों में ट्रक ड्राइवर के बताए टाइमिंग के हिसाब से एक बस शक के घेरे में आई. महासागर ट्रैवल्स की ये बस पुलिस ने जल्दी ढूंढ़ निकाली. पुलिस जब इस बस के ड्राइवर तक पहुंची तो बकौल पुलिस उसने मान लिया कि दो और तीन मार्च की रात उसी के बस से राजकुमार का एक्सिडेंट हुआ था.
राजकुमार के जिस्म पर चोट के 43 निशान
लेकिन पुलिस की इस थ्योरी पर राजकुमार के घरवालों को जरा भी यकीन नहीं है. और इसकी वजह भी है. इनमें से एक वजह तो राजकुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक राजकुमार के जिस्म पर चोट के कुल 43 निशान थे. अमूमन रोड एक्सिडेंट के केस में पथरीली सड़क और टक्कर होने पर जिस्म पर अनगिनत चोट के निशान आते हैं, इसलिए 43 चोट की बात गलत भी नहीं हो सकती. लेकिन यही रिपोर्ट ये कह रही है कि राजकुमार के बाकी जिस्म पर चोट के अलावा उसके प्राइवेट पार्ट के अंदरुनी हिस्सों पर भी गहरे चोट के निशान मिले. अब सवाल ये है कि रिपोर्ट में जिस जगह इस चोट के बारे में बताया गया है वो रोड एक्सिडेंट के केस में मुमकिन नहीं.
सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़!
जिस बस के ड्राइवर को पुलिस राजकुमार की मौत के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है, कमाल ये है कि एक्सिडेंट के बाद उसने अपने मालिक को इस एक्सिडेंट के बारे में कभी जानकारी ही नहीं दी. जिस जगह एक्सिडेंट हुआ उसके आगे और पीछे तो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, मगर खास एक्सिडेंट की जगह कोई कैमरे नहीं थे. खुद पुलिस ने विधायक जी के घर के सीसीटीवी कैमरे की जो तस्वीरें जारी की हैं वो भी दो चार मिनट की हैं और राजकुमार के पिता रतनलाल की मानें तो जारी फुटेज एडिट करके जारी की गई है.
बीजेपी विधायक के परिवार पर कत्ल का इल्जाम
राजकुमार के पिता का इल्जाम है कि उनके बेटे की मौत रोड एक्सिडेंट में नहीं हुई बल्कि उसका कत्ल किया गया है. और इस कत्ल का इल्जाम वो सीधे विधायक के परिवार वालों पर लगा रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने अपने बेटे की लाश के साथ धरना भी दिया. उनकी मांग है कि सच्चाई तक पहुंचने के लिए इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए.
(सूरत से रौनक मजीठिया और भीलवाड़ा से प्रमोद तिवारी का इनपुट)