
Crime Katha: अपराध जगत में हर दिन ऐसी वारदातें होती हैं, जो सुनने और देखने वालों को दहला देती हैं. उन्हें डरने पर मजबूर कर देती हैं. और ऐसे मामलों की तहकीकात और छानबीन पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन जाती हैं. कई बार पुलिस को इसमें लंबा वक्त भी लग जाता है. लेकिन अपराध करने वाला चाहे कितना भी शातिर क्यों ना हो एक ना दिन वो कानून की पकड़ में आ ही जाता है. और जब भी ऐसे मामलों का खुलासा होता है तो हर कोई दंग रह जाता है. क्राइम कथा में इस बार बात एक ऐसे ही उलझे मर्डर केस की. जिसका खुलासा महज़ एक छोटी से सुराग ने किया था. जुर्म की ये कहानी है झारखंड की.
गढ़वा जिला, नेशनल हाइवे 75, अगस्त 2019
झारखंड के गढ़वा जिले की पुलिस को इत्तिला मिलती है कि गोंडा के पास नेशनल हाइवे 75 पर एक महिला की लाश पड़ी है. जानकारी मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंचती है. लाश सड़क के किनारे पड़ी थी. पहली नज़र में ऐसा लग रहा था कि मामला रोड एक्सीडेंट का है. प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस बताती है कि महिला की मौत किसी वाहन की चपेट में आकर हुई है. महिला के सिर पर चोट के निशान थे. खून सिर से बहकर उसके जिस्म पर जम गया था. पुलिस वहीं लाश का पंचनाम करती है और फिर उस लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज देती है.
कत्ल या एक्सीडेंट?
पुलिस कुछ ही घंटों में लाश की शिनाख्त कर लेती है. मरने वाली महिला रूमा (काल्पनिक नाम) की उम्र तकरीबन 23 साल थी. वो एक तलाकशुदा महिला थी. रूमा के घरवाले भी खबर मिलने पर आ जाते हैं. लेकिन वे पुलिस की रोड एक्सीडेंट वाली कहानी पर यकीन नहीं करते. इसके उलट वो शक जताते हैं कि उनकी बेटी का मर्डर किया गया है और हत्या के बाद उसकी लाश को नेशनल हाइवे पर फेंक दिया गया. मरने वाली लड़की के परिवार के संग उनके गांववाले भी आ जाते हैं. वो भी परिवार की बात से सहमत नजर आते हैं और इस घटना की कत्ल की वारदात करार देते हैं.
जांच के लिए स्पेशल टीम का गठन
अब पुलिस पर घरवालों और स्थानीय लोगों का दबाव बढ़ जाता है. लिहाजा, लोगों का गुस्सा और विरोध देखकर पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करती है और इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का बनाई जाती है. जिसमें तेज तर्रार पुलिसवाले शामिल किए जाते हैं. पुलिस मृतका के परिजनों और गावंवालों को जल्द ही इस मामले का खुलास किए जाने का भरोसा दिलाती है.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर की चोट का जिक्र
पुलिस की स्पेशल टीम रूमा की मौत के इस मामले में छानबीन शुरु करती है. पुलिस इस मौत से जुड़े तमाम पहलुओं को खंगालती है. अगले दिन जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पुलिस को मिलती है, तो घरवालों का शक यकीन में बदलने लगता है. पुलिस को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि मरने वाली लड़की के सिर में चोट थी. जिसे देखकर ऐसा लगता है कि वो चोट किसी भारी चीज से हमला किए जाने का नतीजा भी हो सकती है. इसके बाद पुलिस की टीम फिर से मौका-ए-वारदात यानी उस जगह जाती है, जहां से रूमा की लाश बरामद हुई थी. लेकिन काफी छानबीन करने के बाद भी वहां से कुछ हासिल नहीं होता.
कमरे से बरामद हुआ था सिमकार्ड
कोई सुराग हासिल ना होने के बावजूद पुलिस हार नहीं मानती. अब जांच में जुटी पुलिस की स्पेशल टीम रूमा के घर जाने का फैसला करती है. और पुलिस की टीम वहां पहुंच जाती है. पुलिस सबसे पहले रूमा के कमरे में दाखिल होती है और वहां का चप्पा-चप्पा छानती है. तलाशी के दौरान यूं तो पुलिस को कुछ खास हासिल नहीं होता लेकिन उस कमरे से एक सिम कार्ड ज़रूर बरामद होता है. पुलिस उस सिमकार्ड को सुराग के तौर पर साथ ले जाती है और उसके नंबर से उसकी जांच करती है. जब सिमकार्ड पर जारी मोबाइल नंबर का पता चल जाता है, तो पुलिस उस नंबर की सीडीआर निकलवाती है. सीडीआर सामने आने पर महिला की मौत का राज परत दर परत खुलने लगता है और फिर सामने आती है कत्ल की एक खौफनाक साजिश.
पूर्व पति के भतीजे सद्दाम की गिरफ्तारी
दरअसल, ये कत्ल की एक ऐसी कहानी है, जो एक परिवार के अंदर ही घूमती नजर आती है. पुलिस जो सिम कार्ड रूमा के घर से बरामद करती है, वो रूमा की नहीं बल्कि उसके पूर्व पति के भतीजे सद्दाम अंसारी का था. 25 साल का सद्दाम जिले के रंका थाना क्षेत्र के खपरो गांव में ही रहा करता था. जब पुलिस को यह जानकारी मिलती है, तो पुलिस ने दबिश देकर सद्दाम को हिरासत में ले लिया. इसके बाद पूछताछ में सद्दाम ने जो खुलासा किया वो बेहद चौंकाने वाला था.

रूमा और सद्दाम के बीच अवैध रिश्ता
अब सद्दाम अंसारी पुलिस की गिरफ्त में था. उससे लगातार पूछताछ की जा रही थी. पहले वो झूठ बोलता रहा लेकिन बाद में सच उसकी ज़बान पर आ ही गया. पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि रूमा की शादी उसके चाचा हबीबुल्ला से हुई थी और लेकिन बाद में उन दोनों का तलाक हो गया था. मगर सद्दाम अपनी चाची को दिल ही दिल में चाहने लगा था. उसने अपने दिल की बात एक दिन अपनी चाची को बता दी थी. हालांकि तब रूमा ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया था. लेकिन कुछ दिनों बाद वो भी लोक लाज सब भूलकर सद्दाम के प्यार में घिर गई. उसे चाहने लगी. अब वो दोनों समाज और रिश्तों की मर्यादा को लांघ चुके थे. रूमा ने पूर्व पति के भतीजे से ही संबंध बना लिए थे. अब मुलाकातों का सिलसिला कम होने के बजाय बढ़ने लगा था. जब भी मौका मिलता था, दोनों साथ होते थे.
सद्दाम पर शादी का दबाव बनाने लगी थी रूमा
हबीबुल्ला से रूमा का तलाक तो हो ही चुका था. इसके बाद रूमा अकेली रह गई थी. लेकिन सद्दाम के उसकी जिंदगी में आने से वो बेहद खुश थी. वो उसके प्यार में इस कदर पागल हो चुकी थी कि उसने सद्दाम से शादी करने का फैसला कर लिया और उसे शादी के लिए कहने लगी. सद्दाम शादी की बात को टालने लगा था. साफ था कि वो केवल रूमा के जिस्म से खेल रहा था. उसे एक खिलौने की तरह इस्तेमाल कर रहा था. वो शादी के लिए कहती और सद्दाम उसे मना करता. लेकिन अब रूमा उस पर ज्यादा ही दबाव बनाने लगी थी. अब वो सबको इस बारे में बताने के लिए कहने लगी थी. सद्दाम इस बात से परेशान हो चुका था. वो रूमा से शादी नहीं करना चाहता था. लिहाजा, उसने अपनी चाची रूमा को ही रास्ते से हटाने का मन बना लिया और फिर इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसने एक साजिश रच डाली.
कोर्ट मैरिज के बहाने बुलाया था रूमा को
फिर वो दिन भी आ गया, जब सद्दाम अपनी साजिश को अमली जामा पहनाने वाला था. एक दिन उसने अपनी चाची रूमा से कहा कि वो उसके साथ कोर्ट मैरिज करेगा. ये सुनकर रूमा खुश हो गई. फिर उसने रूमा को शादी करने का झांसा देकर एक सुनसान जगह पर बुलाया. रूमा उसकी बातों में आ गई और उसकी बताई जगह पर जा पहुंची. वो इस बात से बिल्कुल बेख़बर थी कि वहां सद्दाम नहीं बल्कि उसकी मौत उसका इंतजार कर रही है. रूमा जब वहां पहुंची तो वहां सद्दाम पहले से मौजूद था. दोनों के बीच बातचीत होने लगी.
कत्ल को एक्सीडेंट बनाने की साजिश
इससे पहले कि रूमा कुछ समझ पाती, तभी अचानक सद्दाम ने एक लोहे की रॉड से रूमा की सिर पर जोरदार वार किया. उसके सिर से खून बहने लगा और वो लहूलुहान होकर वहीं जमीन पर गिर पड़ी. सद्दाम की चाची कुछ देर तक जिंदा रही. मगर कुछ देर बाद ही उसने दुनिया को अलविदा कह दिया. वो अब मर चुकी थी. अब सद्दाम की चाची रूमा इस दुनिया में नहीं थी. रूमा की मौत हो चुकी थी. साजिश के तहत अब बारी थी लाश को ठिकाने लगाने की. जिसका प्लान कातिल भतीजा पहले ही बना चुका था. वो रूमा की लहूलुहान लाश को लेकर नेशनल हाइवे 75 पर पहुंचा और फिर लाश को वहां ऐसे फेंक दिया कि देखने वाले को लगे की रूमा की मौत किसी वाहन से टकरा कर हुई है. यानी मामला सीधे तौर पर रोड एक्सीडेंट का लगे.
अदालत ने कातिल भतीजे को भेजा जेल
मगर कहते हैं मुजरिम चाहे कितना भी शातिर हो, वो एक ना दिन कानून के फंदे में फंस ही जाता है. वैसा ही हुआ सद्दाम के साथ. पुलिस की जांच ने इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा करते हुए कातिल सद्दाम को गिरफ्तार किया. जब पुलिस ने आरोपी को 22 अगस्त 2019 के दिन बकायादा सबके सामने पेश किया और उसकी करतूत का खुलासा किया. जब सद्दाम का राज खुला तो उसके घरवाले और गांव के तमाम लोग सन्न रह गए थे. पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 का मामला दर्ज कर आरोपी सद्दाम को अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था.
