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नर कंकाल, लाल साड़ी और दफन लाशों का राज... धर्मस्थल में खुदाई के छठे दिन हैरतअंगेज खुलासा!

कर्नाटक के धर्मस्थल की पथरीली जमीन हर गुजरते दिन के साथ अपने राज खोल रही है. सोमवार की सुबह साढ़े ग्यारह बजे जैसे ही खुदाई का काम फिर से शुरू हुआ, उस गांव में दबी दहशत एक बार फिर से ऊपर आने लगी. सफाई कर्मचारी ने जिन 13 स्थानों की निशानदेही की थी, उनमें सोमवार को साइट नंबर 11 की बारी थी.

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धर्मस्थल की पथरीली जमीन हर गुजरते दिन के साथ अपने राज खोल रही है. (Photo: ITG)
धर्मस्थल की पथरीली जमीन हर गुजरते दिन के साथ अपने राज खोल रही है. (Photo: ITG)

कर्नाटक के धर्मस्थल की पथरीली जमीन हर गुजरते दिन के साथ अपने राज खोल रही है. सोमवार की सुबह साढ़े ग्यारह बजे जैसे ही खुदाई का काम फिर से शुरू हुआ, उस गांव में दबी दहशत एक बार फिर से ऊपर आने लगी. शिकायतकर्ता सफाई कर्मचारी ने जिन 13 स्थानों की निशानदेही की थी, उनमें सोमवार को साइट नंबर 11 की बारी थी. साइट नंबर 1 से 10 की खुदाई शनिवार को पूरी हो चुकी थी, लेकिन किसी ने भी नहीं सोचा था कि 11वां साइट इतना बड़ा मोड़ लेकर आएगा.

साइट नंबर 11 नेत्रावदी नदी से कुछ ही दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे था. समय पर एसआईटी की टीम, फॉरेंसिक विशेषज्ञ, सीन ऑफ क्राइम ऑफिसर्स यानी सोको और मजदूर वहां पहुंच गए थे. सड़क किनारे खुदाई होनी थी, लिहाजा जगह को पर्दे से ढक दिया गया ताकि आम राहगीरों की नजर से सब छिपा रहे. लेकिन खुदाई शुरू होने से पहले नकाब में ढका शिकायतकर्ता सफाई कर्मचारी पहली बार एसआईटी टीम के सामने गुजारिश करता है. उसका कहना था साइट के आसपास भी खुदाई की जाए.

सफाई कर्मचारी ने आग्रह किया कि सड़क किनारे खुदाई छोड़कर टीम को करीब 100 मीटर अंदर जंगल में खोदाई करनी चाहिए. नतीजा ये हुआ कि एसआईटी का पूरा काफिला अपने औजारों और साजोसामान के साथ हाईवे से हटकर पहाड़ी की तरफ बढ़ गया और घने जंगल में उतर गया. यहीं साइट नंबर 11 के पास, सफाई कर्मचारी की निशानदेही पर एसआईटी को दूसरी बड़ी कामयाबी मिली. खुदाई के दौरान गड्ढे से लाल रंग की फटी हुई साड़ी और इंसानी कंकाल के कुछ हिस्से यानी हड्डियां बरामद हुईं. 

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अंधेरा होने के बावजूद क्यों जारी रहा खुदाई का काम?

ये खोज इतनी अहम थी कि फॉरेंसिक टीम ने तुरंत मौके को सील करवा दिया. थोड़ी ही देर में टीम ने जंगल के भीतर दो भारी बोरियां मंगवाईं. सूत्रों के मुताबिक इन बोरियों में नमक भरा था, ताकि बरामद अवशेषों को सुरक्षित रखा जा सके. सामान्यतः अंधेरा होते ही खुदाई का काम बंद हो जाता था, लेकिन सोमवार को एसआईटी टीम देर शाम तक जंगल में ही डटी रही. साइट नंबर 11 की खुदाई में पूरा दिन निकल गया. लिहाजा सोमवार को साइट नंबर 12 पर खुदाई नहीं हो सकी. 

धर्मस्थल के 7 किमी के दायरे में मिले कितने साइट

अब सिर्फ दो जगहें साइट नंबर 12 औरसाइट 13 बची हैं. बताया जा रहा है कि साइट नंबर 13 सबसे अहम है, क्योंकि वहीं 'मास बरियल' यानी सबसे ज्यादा लाशें दफनाई गई हैं. एसआईटी सूत्रों के मुताबिक सफाई कर्मचारी ने धर्मस्थल और उसके आसपास 6 से 7 किलोमीटर के दायरे में करीब 50 जगहों की पहचान की है, जहां लाशें दफन हैं. इनमें से 6 से 7 जगहों पर सामूहिक दफन हुआ है. फिलहाल पहली किश्त में सिर्फ 13 जगहों की खुदाई हो रही है. शेष खुदाई अगले चरण में होगी.

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Dharmasthala Mass Burial Case

सफाई कर्मचारी के वकील ने क्या आरोप लगाया?

इसी बीच मामले ने नया मोड़ ले लिया. सफाई कर्मचारी की वकील अनन्या गौड़ा ने एसआईटी चीफ को एक लेटर लिखकर सनसनीखेज आरोप लगाया है. पत्र में कहा गया है कि एसआईटी का ही एक अफसर मंजूनाथ गौड़ा शिकायतकर्ता को धमका रहा है. वकील का आरोप है कि 1 अगस्त की रात मंजूनाथ गौड़ा ने 'एक्स' को, जिसकी पहचान गुप्त रखी गई है, एक कमरे में बंद कर धमकाया. धमकी ये थी कि यदि केस वापस नहीं लिया तो उसे लंबे समय तक जेल में रहना पड़ेगा.

धर्मस्थल में लड़की की संदिग्ध मौत का दावा

वकील ने कहा है कि मंजूनाथ ने अपने मोबाइल पर जबरन 'एक्स' का बयान रिकॉर्ड कर लिया है. यही वजह है कि वकील ने पुलिस अफसर को तुरंत एसआईटी से बाहर करने की मांग की है. इधर, सफाई कर्मचारी के सामने आने के बाद अब नए गवाह भी सामने आ रहे हैं. जयंत टी नामक शख्स ने दावा किया है कि करीब 15 साल पहले धर्मस्थल गांव में 13-15 साल की एक लड़की की संदिग्ध हालात में मौत हुई थी. उसकी लाश खराब हालत में थी. उन्होंने पुलिस से शिकायत भी की थी.

धर्मस्थल गांव में कई हत्याएं होने का दावा

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जयंत टी की शिकायत के बावजूद पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही पोस्टमार्टम कराया. उल्टा पुलिस की मौजूदगी में लाश को गैरकानूनी तरीके से दफना दिया गया. यानी कत्ल को पूरी तरह दबा दिया गया. जयंत टी ने आगे कहा कि वह एसआईटी को वो जगह दिखा सकते हैं, जहां लड़की की लाश दफनाई गई थी. उनका दावा है कि धर्मस्थल गांव में कई हत्याएं हुई हैं, लेकिन लोग डर के कारण कभी सामने नहीं आए. इसी बीच एक और अहम घटना घटी है. 

Dharmasthala Mass Burial Case

जज ने धर्मस्थल केस से खुद को अलग किया

निचली अदालत के जज विजय कुमार राय ने धर्मस्थल केस से खुद को अलग कर लिया है. यही वो जज थे जिन्होंने पहले इस केस से जुड़ी 8842 खबरों के लिंक्स पर रोक लगाई थी. इसके बाद में हाईकोर्ट ने उन्हें इस पर फिर से विचार करने को कहा. इस दौरान एक पत्रकार ने उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठाया था. पत्रकार ने बताया था कि विजय कुमार राय ने मेंगलुरु के एसडीएम लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई की थी, जो धर्मस्थल ट्रस्ट का कॉलेज है. 

29 जुलाई से अब तक खुदाई का सफर ऐसे बढ़ा

इसके साथ ही वकालत के दौरान वे धर्मस्थल से जुड़े कई मामलों में वकील रहे थे. इन हालात में उनके जरिए केस की सुनवाई पर सवाल उठना लाजमी था. नतीजतन उन्होंने खुद को इस केस से अलग करने का ऐलान कर दिया. फिलहाल अदालत तक मामला तभी पहुंचेगा जब एसआईटी की जांच पूरी होगी. जांच तभी पूरी होगी जब सफाई कर्मचारी द्वारा बताई गई सभी जगहों की खुदाई हो जाएगी. 29 जुलाई से अब तक खुदाई का सफर इस तरह आगे बढ़ा है.

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29 जुलाई, पहला दिन: नेत्रावदी नदी किनारे साइट नंबर 1 की खुदाई. 15 फीट गहरा गड्ढा, लेकिन कुछ नहीं मिला.

30 जुलाई, दूसरा दिन: साइट नंबर 2, 3, 4 और 5 पर खुदाई. लाशें नहीं मिलीं. हां, साइट नंबर 2 से लाल रंग का फटा ब्लाउज, एक पैन कार्ड और एटीएम कार्ड जरूर मिला.

Dharmasthala Mass Burial Case

31 जुलाई, तीसरा दिन: साइट नंबर 6 पर पहली बार इंसानी हड्डियां मिलीं. मजदूरों ने हाथों से मिट्टी हटाई. फॉरेंसिक टीम ने सबूत सुरक्षित किए.

1 अगस्त से 3 अगस्त: साइट नंबर 7, 8, 9 और 10 की खुदाई, ज्यादातर खाली हाथ.

4 अगस्त, छठा दिन: साइट नंबर 11 से फिर इंसानी हड्डियां बरामद हुईं.

क्या धर्मस्थल को हिला देगा जमीन से निकला सच

इस तरह छह दिन की खुदाई के बाद अब तस्वीर साफ होती जा रही है. पहली पांच साइट्स ने भले ही निराश किया हो, लेकिन छठे और ग्यारहवें साइट ने सफाई कर्मचारी के दावों को मजबूत किया है. सबसे बड़ी कसौटी अब साइट नंबर 13 है. वहां सामूहिक कब्र का रहस्य दबा है. यकीनन वहां से निकलने वाला सच धर्मस्थल को हिला देगा. हालांकि, इस पूरे मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट सबसे ज्यादा अहम बताई जा रही है. क्योंकि बरामद अवशेष किसके हैं, ये उसी रिपोर्ट से पता चलेगा.

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(इनपुट- धर्मस्थल से शिवमूर्ति के साथ सगाय राज)
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