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जैश की साजिश, अजहर का दिमाग और देशद्रोहियों का साथ... ऐसे 'डिकोड' हुआ दिल्ली ब्लास्ट का 'डॉक्टर मॉड्यूल'

Delhi Blast: दिल्ली में हुआ आतंकी हमला सुनियोजिता था. लेकिन इस बड़े पैमाने पर अंजाम दिया जाना था. कश्मीर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा लगाए गए एक पोस्टर ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए. इसके बाद हुई जांच में एक मौलवी की गिरफ्तारी हुई, जिसमें 'डॉक्टर मॉड्यूल' की साजिश का खुलासा कर दिया.

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आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हिंदुस्तान को दहलाने की बड़ी साजिश रची थी. (Photo: PTI/ITG)
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हिंदुस्तान को दहलाने की बड़ी साजिश रची थी. (Photo: PTI/ITG)

दिल्ली को दहलाने के लिए जैश-ए-मोहम्मद ने कैसे पूरा मॉड्यूल तैयार किया? कैसे पाकिस्तान से पहले कश्मीर और फिर यूपी, हरियाणा में दिल्ली ब्लास्ट की पूरी प्लानिंग की गई? कैसे अल फलाह यूनिवर्सिटी की डॉक्टर शाहीन सईद पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अज़हर की बहन सादिया अजहर के संपर्क में आई? कैसे कश्मीर के एक मौलवी ने जैश-ए-मोहम्मद का डॉक्टर मॉड्यूल तैयार करके, डॉक्टरों को अल फलाह यूनिवर्सिटी में शाहीन सईद के पास पहुंचाया? इन सभी सवालों के जवाब मिल चुके हैं. जैश-ए-मोहम्मद की पूरी साजिश डिकोड हो चुकी है.

दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की सामने आई सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि हैवी ट्रैफिक और वाहनों की खचाखच भीड़ के बीच धमाका होता है. इसके बाद पूरी दिल्ली दहल जाती है. जी हां, आतंक के डॉक्टर उमर नबी ने भीड़ के बीच में जाकर, धमाके का बटन दबाया और फिर जो कुछ हुआ, उसने सिर्फ दिल्ली ही नहीं देश को भी हिलाकर रख दिया. इस धमाके में 12 लोगों की जान चली गई. 25 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इनमें कम के कम चार लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. पीड़ितों के दर्द को देखकर हर हिंदुस्तानी का आंख नम हो गई है.

दिल्ली में धमाका करने और उसकी साजिश को अंजाम देने में 5 बड़े किरदारों ने अहम भूमिका निभाई है. हिंदुस्तान के नमक की कीमत पाकिस्तान को अदा करने वाले इन देशद्रोहियों ने ही जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर के इशारे पर इस आतंकी वारदात को अंजाम दिया. मसूद अजहर और उसकी बहन सादिया ने पूरा प्लान तैयार किया. इसके तहत श्रीनगर की मस्जिद अली के मौलवी ने फरीदाबाद में आतंक के 'डॉक्टर मॉड्यूल' को तैयार किया. उसने सारे डॉक्टरों के पहले व्रेनवॉश किए, फिर उनके बहाने से विदेश ले जाया गया और उसके बाद उनको हमले के लिए तैयार किया गया.

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Delhi Blast

ऐसे हुआ आतंक की खौफनाक साजिश का पर्दाफाश

18 अक्टूबर को मौलवी इरफान को कश्मीर के सोपियां में उसके घर से गिरफ्तार किया जाता है. उसी रात 10.30 बजे जम्मू-कश्मीर पुलिस उसके घर पर दबिश देती है. उसे उठाकर ले जाती है. मौलवी हर शनिवार श्रीनगर से सोपियां अपने घर आ जाता था. सोमवार को वापस श्रीनगर चला जाता था. कई साल से वो श्रीनगर की हजरत अली मस्जिद में इमाम के तौर पर काम कर रहा था. उसकी गिरफ्तारी जैश-ए-मोहम्मद के उस पोस्टर के बाद होती है, जो 17 अक्टूबर को कश्मीर में चिपकाया गया. इसमें जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से लिखा गया था.... 

''उम्मीद करता हूं आप सब लोग खैरियत से होंगे जो कुछ हमने अब तक आप तक पहुंचाया है, आप उस पर अमल करोगे. हम कुछ समय से देख रहे हैं कि आप लोग अब भी गुनाहों में लिप्त हो, इसलिए हम बस इतना कहना चाहते हैं कि जो काम आप शरीयत के खिलाफ कर रहे हो, उससे अब बाज आ जाओ, वरना शरीयत के मुताबिक हमारा एक्शन तय होगा. कुछ लोग इन कामों में उन्हीं लोगों का साथ देते हैं, हम उनसे भी कहना चाहते हैं बाज आ जाओ, ये आखिरी बार है, अब आप माफी के हकदार नहीं रहेंगे और इंशा अल्लाह जब वक्त आएगा, तो वे अपनी जान देने के लिए तैयार हो जाएंगे. कुछ लोग अपनी दुकानों पर इन भारतीय दरिंदों को पनाह देते हैं, जिससे हमारे कामों में रुकावट आती है, इसलिए हम उनसे भी खुलकर यह कहना चाहते हैं बाज आ जाओ, वरना उनके लिए भी सख्त एक्शन होगा. खास तौर पर श्रीनगर के नौम बनपोरा इलाके में ऐसे लोग ज्यादा हैं, जो इन भारतीय दरिंदों को अपनी दुकानों पर बिठाते हैं, उम्मीद करता हूं आप लोग समझ जाओगे.''

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जैश-ए-मोहम्मद की साजिश पर शक उस वक्त जाता है जब कश्मीर के नौगाम इलाके में 19 अक्टूबर को उसके पोस्टर दिखाई देते हैं. इसकी जांच होती है तो पता चलता है कि ये पोस्टर अनंतनाग के रहने वाले डॉक्टर अदील, अहमद राथर ने चिपकाए हैं. इसके बाद सीसीटीवी फुटेज खंगाला जाता है, जिसमें डॉक्टर अदील की पहचान होती है. इसके बाद पता चलता है कि वो सहारनपुर के एक अस्पताल में प्रैक्टिस करता है. जम्मू-कश्मीर पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में 5 नवंबर को सहारनपुर से डॉक्टर अदील अहमद राथर गिरफ्तार कर लिया जाता है.

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सहारनपुर में शादी में रची गई थी हमले की साजिश

डॉक्टर अदील अहमद राथर गिरफ्तार के बाद पूछताछ के दौरान वो खुलासा करता है कि 4 अक्टूबर को उसकी शादी सहारनपुर में डॉ. रुकैया से हुई थी. इस शादी में कुछ ‘खास मेहमान’ शामिल थे. इसी में दिल्ली धमाके और जैश-ए-मोहम्मद के साजिश को अंजाम देने का पूरा खाका तैयार किया गया था.

पुलिस पूछताछ में अदील फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों पर बड़ा खुलासा करता है. इसके बाद 8 नवंबर को हरियाणा और कश्मीर पुलिस अल-फलाह यूनिवर्सिटी से डॉक्टर मुजम्मिल को गिरफ्तार करती है. वो डॉक्टर उमर नबी और शाहीद सईद के बारे में खुलासा करता है.

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इस दौरान पत चलता है कि डॉक्टर उमर नबी अल फलाह यूनिवर्सिटी से निकल चुका है. पुलिस मुजम्मिल की निशानदेही पर 2900 किलो विस्फोटक जब्त करती है. लेकिन उमर हाथ नहीं लगता. उसकी तलाश की जाती है, लेकिन इसी बीच घबराहट में वो लाल किले के पास कार के साथ खुद को उड़ा लेता है.

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उधर कश्मीर में मौलवी इरफान से पूछताछ में बड़ा खुलासा होता है. वो बताता है कि उसने ही डॉक्टरों का ब्रेनवॉश करके अल फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर शाहीन सईद के पास भेजा था. डॉक्टर सईद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के सीधे संपर्क में थी.

वो महिला आतंकी विंग 'जमात उल मोमिनात' से जुड़ी थी. ये विंग सादिया ने अपने पति यूसुफ अहमद की मौत के बाद बनाई थी. मौलवी इरफान ने खुलासा किया कि कैसे उसने जैश-ए-मोहम्मद के कहने पर दिल्ली को दहलाने के लिए फरीदाबाद में 'डॉक्टर मॉड्यूल' तैयार किया.

इसको अंजान देने के लिए अल फलाह यूनिवर्सिटी में लखनऊ की डॉक्टर शाहीन ने पुलवामा के डॉक्टर मुज़म्मिल और डॉक्टर उमर को भी बुलाया. मुजम्मिल और उमर दोनों ने साथ में एबीबीएस किया था. इसलिए दोनों ने मिलकर दिल्ली ब्लास्ट को अंजाम दिया. लेकिन एक बड़ी साजिश को रोकने में पुलिस कामयाब रही है.

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