कोरोना के आरटी-पीसीआर टेस्ट के बाद रिपोर्ट आने में लगभग 6 से 24 घंटे लगते थे लेकिन अब सिर्फ 30 मिनट में रैपिड एंटीजन टेस्ट से पता लग जाएगा कि कोई कोरोना पॉजिटिव है या नहीं. ठीक प्रेग्नेंसी जांच की तरह से ही इंस्ट्रूमेंट पर दो लाइन दिखेगी जिसका मतलब होगा कि रिपोर्ट पॉजिटिव है.
साउथ-वेस्ट जिले की चीफ डॉक्टर और मेडिकल ऑफिसर अंजना कौशल ने बताया, 'इसमें भी नैसल स्वाब लेकर एक लिक्विड सॉल्यूशन में डालेंगे, फिर तीन ड्रॉप्स लेकर रैपिड एंटीजन किट में डालेंगे. प्रेग्नेंसी किट की तरह ही अगर इसमें दो लाइन दिखी तो कोरोना पॉजिटिव होने का पुख्ता प्रमाण है. निगेटिव होने की दिशा में अगर लक्षण हैं तो दोबारा कोराना टेस्ट रैपिड एंटीजन टेस्ट से नहीं बल्कि पुरानी पद्धति आरटी-पीसीआर से किया जाएगा.'
दिल्ली में रैपिड एंटीजन टेस्ट की शुरुआत
अगर पेशेंट की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो वो 90 प्रतिशत पॉजिटिव है. अगर नतीजा निगेटिव आया है लेकिन लक्षण हैं तो हो सकता है कि वो कोरोना संक्रमित हो. ऐसे में उसका टेस्ट पुरानी पद्धति आरटी-पीसीआर से किया जाएगा.
कैसे पुराने टेस्ट से अलग है आरटी-पीसीआर?
जरा आसान भाषा में समझते हैं कि ये डायरेक्ट एंटीजन टेस्ट पुराने आरटी-पीसीआर से कैसे अलग है. RT-PCR में वायरस से डीएनए को बढ़ाकर देखते हैं. अगर डीएनए का छोटा टुकड़ा भी मिला तो ऐसे में इसे हजार गुना बढ़ाकर देखने पर ही पता चलता है. इसीलिए इसे पॉलिमरेट चेन रिएक्शन (PCR) कहते हैं. इसके लिए वायरोलॉजी लैब चाहिए होती है. जबकि रैपिड एंटीजेन टेस्ट में सिर्फ एंटीजन यानी बाहरी वायरस को डिटेक्ट करते हैं.
30 मिनट के भीतर आ रहे नतीजे
एंटीजेन टेस्ट में 30 मिनट के अंदर रिजल्ट मिल रहा है. वहीं आरटी-पीसीआर में रिजल्ट आने में 6 से 24 घंटे लग जाते हैं. तब तक तो संक्रमित व्यक्ति को पता नहीं होता कि वो पॉजिटिव है और वो कई लोगों को वायरस फैला चुका होता है. रैपिड एंटीजन में आधे घंटे के अंदर ही रिपोर्ट सामने आ जाती है, ऐसे में शख्स को आइसोलेट किया जा सकता है. संक्रमित शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है.
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अगर पेशेंट के घर में ज्यादा लोग नहीं हैं, वह डायबिटिक या ब्लड प्रेशर का पेशेंट नहीं है तो उसे होम आइइसोलेशन में भेजा जा सकता है. अगर ऑक्सी मीटर में 95 फीसदी से ऊपर ऑक्सीजन सेचुरेशन है तो पेशेंट को होम आइसोलेशन में भेजा जाएगा.
रैपिड एंटीजन टेस्ट की हो चुकी है शुरुआत
दिल्ली में पहले रैपिड एंटीजन की शुरूआत गुरुवार को द्वारका सेक्टर 4 के रत्नाकर अपार्टमेंट्स से की गई. कुछ रेजीडेंट्स ने यह कहकर विरोध जताया कि कोरोना संक्रमित महिला ठीक होकर घर भी आ गई है ऐसे में कोरोना टेस्ट करने का क्या मतलब है.
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लोगों में इस बात का डर भी दिखा कि संक्रमित होते ही कहीं सोसाइटी कंटेनमेंट जोन घोषित कर सील न कर दी जाए. कई डॉक्टरों की शिकायत यह भी है कि शुगर और ब्लेड प्रेशर के मरीज भी रेफर करने के बाद अस्पताल जाने से डर रहे हैं.