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कल धनतेरस... सस्ता सोना-चांदी खरीदने के ये खास तरीके, माथा पकड़ लेगा ज्वेलर!

सरकार के मुताबिक ज्वेलरी खरीदते समय ग्राहकों को केवल तीन चीजों का भुगतान करना है. पहला- ज्वेलरी का वजन के हिसाब से कीमत, दूसरा- मेकिंग चार्ज और तीसरा- GST (3 फीसदी) चुकाना पड़ता है.

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Dhanteras 2024 gold Buying
Dhanteras 2024 gold Buying

कल धनतेरस (Dhanteras 2024) है. इस पावन मौके पर लोग सोने-चांदी की जमकर खरीदारी करते हैं. वैसे भी धनतेरस के मौके पर ज्वेलरी की दुकानों और बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ती है. दरअसल, हमारे देश में दिवाली (Diwali) पर सोना-चांदी खरीदने की पुरानी परंपरा रही है. अगर आप भी धनतेरस पर सस्ता और प्योर सोना (Pure Gold) खरीदने की सोच रहे हैं, तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें. 

अगर आप बिना जानकारी ज्वेलरी शॉप पहुंचते हैं, तो आपको ज्वेलर गुमराह कर सकता है. लेकिन अगर आपके पास सही जानकारी रहेगी, तो धनतेरस पर प्योर और सही दाम पर ज्वेलरी खरीद पाएंगे. खासकर महिलाएं त्योहारों में ज्वेलरी जरूर खरीदती हैं, वो इसे निवेश और लक्ष्मी के आगमन से जोड़कर देखती हैं. 

मेकिंग चार्ज (Making Charge) को लेकर करें मोलभाव 
सबसे अहम बात यह है कि ज्वेलरी की मेकिंग चार्ज को लेकर मोलभाव जरूर करें. अधिकतर ज्वेलर मोलभाव के बाद मेकिंग चार्ज कम कर देते हैं. क्योंकि ज्वेलरी पर 35 फीसदी तक मेकिंग चार्ज जोड़ा जाता है. ज्वेलर्स को सबसे ज्यादा कमाई मेकिंग चार्ज से ही होती है. इसलिए इसमें कटौती की गुंजाइश हमेशा रहती है.  

इसके बाद ज्वेलरी की कीमत का पेमेंट करने से पहले देखें कि बिल में क्या-क्या चार्ज जोड़ा गया है. अक्सर ज्वेलर्स ग्राहकों को गुमराह करने के लिए बिल में कई तरह के चार्ज जोड़ देते हैं और ग्राहक जानकारी के अभाव में कुछ नहीं कह पाते, और पूरा पैसा पेमेंट कर देते हैं.  

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केंद्र सरकार के मुताबिक ज्वेलरी खरीदते समय ग्राहकों को केवल तीन चीजों का भुगतान करना है. पहला- ज्वेलरी का वजन के हिसाब से कीमत, दूसरा- मेकिंग चार्ज और तीसरा- GST (3 फीसदी) चुकाना पड़ता है. ज्वेलरी का भुगतान आप ऑनलाइन करें या ऑफलाइन, इसपर आपको सिर्फ 3 फीसदी ही GST चुकाना होगा.

ज्वेलरी खरीदने से पहले जान लें ये बातें 

इसके अलावा अगर ज्वेलर्स कोई चार्ज करता है तो फिर आप सवाल खड़े कर सकते हैं. क्योंकि कुछ ज्वेलर्स पॉलिस वेट या फिर लेबर चार्ज के नाम पर अलग से चार्ज करते हैं, जो नियम के खिलाफ है. आप बिल्कुल इसका भुगतान न करें और ज्वेलर्स के खिलाफ शिकायत भी कर सकते हैं. जिससे ज्वेलर के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है. 

साथ ही आपको जानकारी होनी चाहिए कि ज्वेलरी 24 कैरेट सोने से नहीं बनती है. बाजार में उपलब्ध अधिकतर ज्वेलरी 22 कैरेट और 18 कैरेट की होती है. इसलिए खरीदते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि उस दिन सर्राफा बाजार में सोने का भाव क्या है. जिससे आप सही रेट पर ज्वेलरी खरीद पाएंगे. 

हॉलमार्क ज्वेलरी ही खरीदें

जब भी आप ज्वेलरी खरीदें तो हॉलमार्क लें, और पक्का बिल लेना न भूलें. सोने-चांदी पर केवल 3 फीसदी जीएसटी का प्रावधान है, कुछ ज्वेलर ग्राहकों को पक्का बिल देने से कतराते हैं, लेकिन ग्राहक को हमेशा ऑरिजनल बिल ही लेना चाहिए, ताकि भविष्य में ज्वेलरी की क्वालिटी को लेकर कोई शिकायत होने पर ज्वेलर के खिलाफ एक्शन लिया जा सके.
 
इसके अलावा एक और खास बात यह है कि अगर आप निवेश के नजरिये से सोन-चांदी खरीदने जा रहे हैं, और तो ज्वेलरी खरीदने की बजाय सोने का सिक्का खरीदें, भविष्य में निवेश के नजरिये से ये ज्यादा रिटर्न बनाकर देगा, क्योंकि सिक्का खरीदने पर आपको को मेकिंग चार्ज नहीं देना पड़ेगा, जबकि ज्वेलरी पर मेकिंग चार्ज अलग से लिया जाता है. यही नहीं, जब आप सोने का सिक्का बेचने के लिए जाएंगे, तो उस समय वजन का पूरा भाव मिलेगा. लेकिन ज्वेलरी में मेकिंग चार्ज घटाने के साथ-साथ वजन का भी पूरा पैसा नहीं मिलता है. 
 

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