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Punjab की 'लैंड पूलिंग पॉलिसी' से किसानों को बड़े फायदे... प्लॉट मिलने तक हर साल ₹1 लाख किराया, खेती की भी परमिशन

Punjab Land Pooling पॉलिसी को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को फायदा पहुंचाने वाली बताते हुए कहा कि ये न केवल बिल्डर लॉबी की नींद उड़ाने वाली है, बल्कि पंजाब में एक ऐसा मॉडल खड़ा कर रही है, जो किसानों को मजबूरी से मुक्त कर आत्मनिर्भरता की राह पर ले जा रही है.

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मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लैंड पूल पॉलिसी के फायदे गिनाए (Photo-ITGD)
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लैंड पूल पॉलिसी के फायदे गिनाए (Photo-ITGD)

पंजाब की भगवंत मान सरकार (Punjab Govt) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए लैंड पूलिंग पॉलिसी में बदलाव को लेकर उठ रही मांगों को पूरा कर दिया है. कैबिनेट की बैठक के बाद CM Bhagwant Mann के साथ वित्त मंत्री और शहरी विकास मंत्री ने संशोधन को मंजूरी दिए जाने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि लैंड पूलिंग को लेकर पॉलिसी में किसानों की दिक्कतों को खत्म करने की कोशिश की गई है औऱ नए बदलाव के बाद Land Pooling Policy अब किसानों को शहरों में बनने वाले सेक्टर्स में हिस्सेदार बनाने वाली है. 

पॉलिसी में संशोधन, विपक्ष की आलोचना
गौरतलब है कि पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल ने पिछले महीने ही लैंड पूलिंग पॉलिसी को मंजूरी दी थी और उस समय कहा था कि किसानों की जमीन को जबरन अधिग्रहित करने के कथित दुष्प्रचार गलत हैं. कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मान ने फिर अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि जो किसान इस पॉलिसी का हिस्सा बनना चाहेंगे, सिर्फ उन्हीं से जमीन ली जाएगी.

Land Pooling Policy में संशोधन के बारे बताते हुए सीएम ने इसे लेकर किए जा रहे दुष्प्रचारों की आलोचना करते हुए कहा कि, पं'जाब की राजनीति में किसानों को लेकर अब झूठ और धोखे की नहीं, ईमानदारी और हिस्सेदारी की बात हो रही है.' उन्होंने कहा कि विपक्ष बौखलाहट में इस योजना को लेकर झूठा प्रचार कर रहा है.

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यहां ये जान लें कि आखिर पंजाब की लैंड पूलिंग पॉलिसी है क्या? तो बता दें कि इस पॉलिसी के अनुसार, जमीन का मालिक डेवलप लैंड के एक हिस्से के बदले में अपनी अविकसित जमीन की देने का फैसला ले सकता है और इसके ऐवज में प्लॉट मिलने तक किराया भी दिया जाएगा. 

20 हजार नहीं अब 1 लाख रुपये किराया
मुख्यमंत्री ने कहा कांग्रेस सरकार के दौर में किसानों को सिर्फ 20,000 रुपये सालाना किराया दिया जाता था, जिसे हमारी सरकार ने 5 गुना बढ़ा दिया है. मतलब अब वही किसान 1,00,000 रुपये सालाना किराए के साथ शहरी विकास में भी बराबरी के हकदार बनाए जा रहे हैं. यही नहीं किसानों को मिलने वाला यह किराया हर साल 10 फीसदी की दर से बढ़ेगा भी और जमीन मालिक फायदे में रहेगा.

'बिल्डर की नींद उड़ाने वाली पॉलिसी'
पंजाब सरकार की पूल लैंडिंग पॉलिसी के एक और बेनेफिट की बात करें, तो इसमें शामिल होते ही जमीन मालिक को 50,000 रुपये का चेक सीधे सरकार की ओर से मिलेगा और 21 दिन के भीतर LOI मिल जाएगी, जो पहले की सरकारों में 6-6 महीने में भी नहीं मिल पाती थी. ये 50,000 रुपये उसे तब तक मिलते रहेंगे, जबतक कि जमीन पर डेवेलपमेंट शुरू नहीं हो जाता.

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मुख्यमंत्री भगवंत मान के मुताबिक, लैंड पूलिंग पॉलिसी ने न केवल बिल्डर लॉबी की नींद उड़ाने का काम किया है, बल्कि पंजाब में एक ऐसा मॉडल खड़ा किया है, जो किसान को मजबूरी से मुक्त करते हुए आत्मनिर्भरता की राह पर ले जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक योजना नहीं है, बल्कि पंजाब के किसानों को उनका हक लौटाने की ऐतिहासिक पहल है.

एक और बड़ी बात ये है कि इस पॉलिसी में शामिल होने वाले किसान को उसकी जमीन पर डेवलपमेंट शुरू होने तक खेती करने की भी परमिशन होगी, यानी उसकी जमीन उसके ही पास रहेगी. मतलब वह अपनी खेती करता रहेगा और सरकारी स्कीम (Govt Scheme)  के जरिए कमाई करना भी जारी रखेगा. इस बीच न कोई अफसरशाही, ना दलाली, ना रिश्वत, किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना होगा. 

विकास का भागीदार बन रहा है किसान
पंजाब के सीएम मान ने कहा कि यह बदलाव सिर्फ नीति का नहीं है, बल्कि सोच का है, जो बताता है कि पंजाब अब किसान को जमीनदाता नहीं, विकास का भागीदार भी होता है. सरकार के मुताबिक, अब तक मोहाली में अब तक 50 से अधिक किसानों ने अपनी जमीन योजना में दी है, जबकि पटियाला में पहले ही हफ्ते में 150 एकड़ से अधिक भूमि सरकार को स्वेच्छा से सौंपी जा चुकी है. इसके अलावा अमृतसर, मोगा, संगरूर, जालंधर, नवांशहर, होशियारपुर, तरनतारन, फाजिल्का, कपूरथला और बठिंडा जैसे जिलों में भी किसानों से लगातार पॉजिटिव रिस्पांस मिल रहा है. 

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एक NRI के किसान पिता ने बताया कि पहले की सरकारें बिल्डर लॉबी के इशारे पर सेक्टरों का निर्माण करती थीं, जिससे लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ता था, लेकिन आज सरकार खुद सेक्टर बना रही है, वो भी वर्ल्ड क्लास प्लानिंग के साथ, उन्होंने कहा कि अब ऐसा शहर बन रहा है जिसमें उनका बेटा भी लौटकर रहना चाहता है, यही असली बदलाव है.

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