हर कोई अपनी कमाई में से कुछ न कुछ बचत (Saving) करते उसे ऐसी जगह निवेश करता है, जहां उसे अच्छा रिटर्न मिले और भविष्य में उसे पैसों की तंगी का सामना न करना पड़े. इसके साथ ही परिजन अपने बच्चे के फ्यूचर को लेकर भी कुछ ऐसी ही सोच रखकर पैसे बचाते हैं. अगर आपका बच्चा अभी 3 साल का या इससे छोटा है और चाहते हैं कि कॉलेज जाते-जाते वो करोड़पति (Crorepati) बन जाए, तो फिर आपके उसके लिए अभी से फाइनेंशियल प्लानिंग करनी होगी. इस टारगेट को पाने में SIP की पावर आपके काम आ सकती है, जिसके जरिए छोटी बचत करते हुए 15 साल में 1 करोड़ का फंड इकठ्ठा हो सकता है. आइए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं...
समय के साथ बढ़ रहे खर्च में प्लानिंग जरूरी
भविष्य में आने वाली फाइनेंशियल परेशानियों से बचने के लिए सेविंग और फाइनेंशियल प्लानिंग (Saving & Financial Planning) का बहुत जरूरी है. भारत में तो वैसे भी सेविंग की पुरानी परम्परा रही है. हालांकि समय के साथ जरूरतें तेजी से बदल रही हैं और खर्च भी बढ़ते जा रहे हैं. खासकर बच्चों की पढ़ाई का खर्च समय के साथ बहुत बढ़ा है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अगर आप चाहते हैं कि कुछ इस तरह से सेविंग की जाए कि कुछ समय बाद कम से कम 1 करोड़ का फंड इकठ्ठा हो जाए, तो एसआईपी आपके काम आ सकती है. मान लेते हैं कि आपके बच्चे की उम्र 3 साल है, तो फिर उसके लिए 15 साल की फाइनेंशियल प्लानिंग सही रहेगी. जिससे आपको उसकी पढ़ाई की फीस के लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि इस तरह की प्लानिंग करते समय इस बात को भी ध्यान में रखना जरूरी है कि अभी 1 करोड़ की जो वैल्यू है, 15 साल बाद भी उतनी ही नहीं रहेगी.
एसआईपी (SIP) के जरिए पूरा होगा लक्ष्य
भविष्य के लिए मोटा फंड तैयार करने का सबसे पॉपुलर तरीका बनकर उभरी है SIP यानी सिस्टामैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, इसमें कम्पाउंडिंग की पावर का अहम रोल होता है, जिसके जरिए शानदार रिटर्न के साथ मोटा फंड इकठ्ठा करने में मदद मिलती है. गौरतलब है कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंसटीन भी कम्पाउंडिंग को आश्चर्य बताते थे. उनके हिसाब से इसे जो समझ लेता है, वह इससे कमाता है और जिन्हें इसकी समझ नहीं, वे इसकी कीमत चुकाते हैं. एसआईपी भी इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न के साथ कम्पाउंडिंग का बेनेफिट देने वाला तरीका है.
यहां बता दें कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्रोसेस है और इसमें सबसे खास बात ये है कि निवेश (Investment) पर जोरदार रिटर्न के साथ ही लंबी अवधि तक इसे बनाए रखने पर कंपाउंडिंग का भी लाभ मिलता है. इसमें निवेश पर मिले रिटर्न का इतिहास देखें, तो निवेशकों को 12 से 18 फीसदी तक रिटर्न हासिल हुआ है. बच्चे के लिए 1 करोड़ का फंड जुटाने के लिए आपको 15 साल के लिए हर महीने 16500 रुपये का निवेश एसआईपी में करना होगा और मान लीजिए आपको इस पर 15% का रिटर्न भी मिलता है, तो आपका जमा 29.70 लाख रुपये होगा, जबकि आपको मिलेंगे 1,01,70,032 रुपये.
5 करोड़ जुटाने का ये फॉर्मूला
एसआईपी में न केवल एक करोड़ बल्कि एक फॉर्मूले को अप्लाई करते 5 करोड़ रुपये का फंड भी जुटाया जा सकता है. फंड्स इंडिया रिसर्च (Fund's India Reaserch) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि आप प्रतिमाह 30,000 रुपये की बचत करके इसे SIP में निवेश करते हैं और हर साल इसमें 10 फीसदी का इजाफा करते हैं, तो फिर 12 फीसदी की दर से भी रिटर्न मिलने पर आप 19 साल में 5 करोड़ रुपये इकठ्ठा कर सकते हैं. खास बात ये है कि इस बड़े फंड का पहला 50 लाख रुपये आप 7 सालों के इन्वेस्टमेंट के दौरान पा लेंगे.
महज 10 साल में भी जमा कर सकते हैं 1 करोड़
इसी रेशियो से आगे आपका फंड जुड़ता जाएगा, हालांकि इसमें समय लगातार घटता जाएगा. इस फॉर्मूले से एसआईपी इन्वेस्टमेंट जारी रखते हैं, तो दूसरे 50 लाख रुपये आपके फंड में जमा होने में महज 3 साल का समय लगेगा और तीसरे 50 लाख के लिए महज 2 साल का समय. मतलब साफ है कि 30,000 रुपये के महीना का निवेश और 10 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी के साथ 12 फीसदी की दर से मिलने वाले रिटर्न के जरिए आप 10 साल में 1 करोड़ रुपये जमा कर लेंगे. 19वें वर्ष तक आते-आते आपका जमा कंपाउंडिंग के साथ 5 करोड़ रुपये हो जाएगा.
(नोट- किसी इन्वेस्टमेंट करने से पहले अपने फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स से सलाह जरूर लें. कहीं भी पैसे लगाने से पहले प्रॉपर आरएंडडी करना जरूरी है, क्योंकि हर निवेश के साथ कुछ रिस्क जुड़े होते हैं.)