आज के समय में अपना घर खरीदना सबसे महंगे सौदों में से एक बन चुका है और इसके लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है. वहीं ज्यादातर लोग घर खरीदने के लिए बैंक से Home Loan का सहारा लेते हैं. लेकिन, कर्ज किसी भी तरह का क्यों न हो, उससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाए बेहतर है.
खासतौर पर मिडिल क्लास के लिए ये EMI का बोझ एक बड़ी उलझन रहता है. अगर आपने भी होम लोन लेकर घर खरीदा है और दिन-रात ईएमआई को लेकर परेशान हैं, तो फिर ये खबर आपके लिए है. दरअसल, कुछ टिप्स अपनाकर आप इससे समय से पहले ही छुटकारा पा सकते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं...
लंबे होम लोन से जल्द मिलेगा छुटकारा
Home Loan को लेकर खासकर लोग इसलिए भी तनाव में आ जाते हैं, क्योंकि आमतौर पर इसे चुकता करने में बहुत लंबा वक्त बीतता है और ब्याज की रकम Loan Amount से भी कहीं ज्यादा हो जाती है. ऐसे में वे अक्सर लोन को जल्द चुकाने या फिर EMI के बोझ को कम करने बारे में सोचते हैं. तो फिर ऐसे कई तरीके से, जिनसे आप इस बोझ को कम करते हुए राहत की सांस ले सकते हैं और होम लोन से जल्द छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए आप प्री-पेमेंट (Home Loan Pre Payment) या लोन रिफाइनेंस समेत कई विकल्प फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
पहला ऑप्शन- Loan Pre-Payment
होम लोन के जंजाल से जल्द निजात पाने का सबसे अच्छा तरीका लोन प्री-पेमेंट है. अगर आप 20 से 25 साल तक होम लोन की EMI नहीं भरना चाहते हैं, तो फिर इस ऑप्शन को चुन सकते हैं. इसका फंडा है कि आप बीच-बीच में होम लोन अकाउंट में कुछ पैसा जमा करें. हालांकि, ये सीधे तौर पर आपकी आमदनी पर निर्भर करता है कि EMI के अलावा आप कितना अमाउंट डिपॉजिट कर सकते हैं. इससे धीमे-धीमे आपका लोन अमाउंट कम होता जाएगा और समय से पहले आप इससे निजात पा लेंगे.
एक उदाहरण के तौर पर समझें, तो मान लीजिए कि आपने 50 लाख रुपये का होमलोन 25 साल के लिए लिया है और इसका इंटरेस्ट रेट 8.5 फीसदी है. तो फिर हर महीने की आपकी किस्त 40,261 रुपये बनेगी. अब अगर आपको ये Loan EMI चुकाते हुए दो साल बीत चुके हैं, तो 23 साल में आपको 276 ईएमआई चुकानी हैं. वहीं अगर आपके पास 10 लाख रुपये की व्यवस्था हो जाती है और आप इसे प्री-पेमेंट करने के लिए यूज करते हैं, तो फिर 276 की जगह, आपकी EMI सिर्फ 162 रह जाएंगी. यानी टैन्योर कम हो जाएगा और ब्याज भी कम भरना होगा. प्री-पेमेंट अमाउंट आप अपने हिसाब से तय कर सकते हैं. बता दें कि आप Pre Payment के जरिए न सिर्फ लोन की अवधि, बल्कि EMI भी कम करा सकते हैं.

दूसरा ऑप्शन- ज्यादा EMI का पेमेंट
ये ऑप्शन खासतौर पर नौकरीपेशा लोगों के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है. दरअसल, नौकरी-पेशा लोग होम लोन लेते हैं, तो उनकी सैलरी में जैसे-जैसे इजाफा होता है, तो उस हिसाब से वो अपनी बढ़ोतरी का कुछ हिस्सा Home Loan EMI के साथ अतिरिक्त जमा कर सकते हैं, यानी इसे बढ़ा सकते हैं. अगर आप हर साल लोन ईएमआई की एक किस्त एक्स्ट्रा जमा करते हैं, तो इससे लोन का टैन्योर कम होता है और आपको कम ब्याज चुकाना होता है. इस तरीके से आप 2-5 साल पहले लोन खत्म कर सकते हैं.
तीसरा ऑप्शन- Loan Re-Finance
अगला ऑप्शन है होम लोन रिफाइनेंस का, इसका बड़ा फायदा ये होता है कि आप कम ब्याज दर पर नया लोन लेकर, मौजूदा होम लोन को चुका सकते हैं. दरअसल, अगर बाजार में Home Loan Interest Rate कम हो गए हैं, तो आप अपने मौजूदा होम लोन को कम ब्याज दर पर रिफाइनेंस करके, हर महीने जाने वाली EMI को कम कर सकते हैं. कम ब्याज दर से आप लोन टैन्योर कम करते ब्याज के काफी पैसे बचा सकेंगे. इसके अलावा रिफाइनेंसिंग से आप फिक्स्ड ब्याज दर से फ्लोटिंग ब्याज दर में स्विच कर सकते हैं.

चौथा ऑप्शन- Loan Transfer
आपने जिस बैंक से Home Loan लिया है, अगर उसका इंटरेस्ट रेट, मौजूदा समय में दूसरे बैंकों की तुलना में ज्यादा है, यानी दूसरे बैंक कम ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं. तो आप बचत का आकलन करते हुए अपना लोन कम ब्याज वाले बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं. इससे आपकी ईएमआई का बोझ कम हो सकता है. हालांकि, इस प्रोसेस में बचत का आकलन करना इसलिए जरूरी होता है, क्योंकि लोन ट्रांसफर पर एक्स्ट्रा चार्ज वसूल करता है. यहां ये बात ध्यान रखें, तो कि आप दो बार ही होम लोन ट्रांसफर कर सकते हैं.
पांचवां ऑप्शन- EMI घटाकर निवेश
होम लोन का बोझ कम करने में आपके लिए एक ऑप्शन और अच्छा साबित हो सकता है, जो आपके लिए वेल्थ क्रिएटर भी साबित होगा. दरअसल, अगर आपकी मंथली EMI ज्यादा है, तो उसे कुछ कम कराते हुए आप बचे पैसे म्यूचुअल फंड में SIP कर सकते हैं और इसमें औसतन 12-15% तक रिटर्न हासिल मिल सकता है. ऐसे में जब आपका लोन खत्म होगा, तब तक इस निवेश के जरिए मोटा अमाउंट भी इकठ्ठा हो सकता है.

इसे ऊपर बताए गए उदाहरण के आधार पर ही समझें, तो 50 लाख का होम लोन आप 8.5% की ब्याज दर पर 25 साल के लिए लेते हैं, तो इसकी ईएमआई 40261 रुपये बनती है. अब दो साल भरने के बाद आप EMI में 8,261 रुपये की कटौती करते हैं, तो ये 30,000 रुपये हो जाएगी, आप इसे भरते रहिए और 8,261 रुपये मंथली SIP में निवेश कीजिए. ऐसे में बाकी बचे 23 साल के टैन्योर के दौरान आप इस निवेश के जरिए 1,10,31,844 रुपये जमा कर लेंगे, जिसमें 87,51,808 रुपये तो रिटर्न ही होगा. भारी-भरकम लोन भरने के बाद भी आप फाइनेंशियली फिट रह सकेंगे.