पहले से बदहाल रियल एस्टेट सेक्टर को कोरोना से तबाह कर दिया है. हर तरह का कंस्ट्रक्शन बंद है. घर जो बनकर तैयार हैं, उसके खरीदार नहीं है. हर महीने करोड़ों का नुकसान हो रहा है. इसके अलावा मॉल्स-दुकानें-मूवीज बंद होने से रियल एस्टेट के लीजिंग मॉडल को सीधे चोट पहुंच रही है. लोगों के घरों से ना निकलने की वजह से पहले ही मंदी से परेशान रियल एस्टेट को बड़ा नुकसान होने की आशंका है.
कोरोना संकट की वजह से पिछले करीब दो महीने से टूरिज्म सेक्टर में हाहाकार मचा है. टूरिज्म पर ब्रेक से होटल इंडस्ट्री पर भी ताला लटक गया है. टूरिज्म और होटल कारोबार के ठप होने और नौकरियों जाने की आशंका तेज हो गई है. टूरिज्म से होटल इंडस्ट्री को 40 परसेंट कारोबार आता है.
हर महीने भारत में करीब 10 लाख विदेशी पर्यटक आते हैं. इसमें से कुल 60 से 65 फीसदी विदेशी पर्यटक अक्टूबर से मार्च के दरम्यान आते हैं जो इस बार कोरोना के चलते फ्लॉप सीजन साबित हो रहा है. भारत को विदेशी पर्यटकों के आने से हर साल करीब 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी होती है.
सबसे पहले कोरोना का मामला चीन में सामने आया, और जैसे ही इस वायरस से पैर फैलाना शुरू किया चीन का कारोबार पर असर पड़ा. कोरोना वायरस की वजह से ऑटो सेक्टर पर गहरा संकट आ गया है. क्योंकि कच्चा माल चीन से आता है, वो बंद है. इसके अलावा लॉकडाउन की वजह से प्रोडक्शन से लेकर शोरूम तक बंद हैं. मार्च की बिक्री में बड़ी गिरावट देखने मिली है और अप्रैल में संकट बढ़ सकता है.
भारत में टेक्सटाइल इंडस्ट्री रोजगार देने में सबसे आगे है, गुजरात में समेत देश के तमाम हिस्सों में कोरोना वायरस की वजह से फैक्ट्रियों में ताला लटक गया है. सबसे ज्यादा बेरोजगारी की संख्या इस सेक्टर में आने वाले दिनों में दिखेगा. गारमेंट एक्सपोर्ट भी ठप पड़ा है.