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बिजनेस

शराब की बिक्री राज्यों के लिए मजबूरी नहीं 'जरूरी', भरता है खजाना!

शराब की बिक्री राज्यों के लिए मजबूरी नहीं 'जरूरी', भरता है खजाना!
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लॉकडाउन के बीच सरकार ने शराब की बिक्री की अनुमति दे दी है. कुछ राज्यों ने केंद्र से इसकी इजाजत मांगी थी. लेकिन अब दिल्ली समेत कई राज्यों में शराब की दुकानें खुलने से पहले ही उसके बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग जाती हैं. अधिकतर जगह शराब के लिए कतार में लगे लोग लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखे.
शराब की बिक्री राज्यों के लिए मजबूरी नहीं 'जरूरी', भरता है खजाना!
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ऐसे में आखिर शराब की बिक्री की इजाजत जरूरी थी या मजबूरी? कई राज्यों के रेवन्यू आंकड़ों पर गौर करें तो उनके लिए शराब की बिक्री एक तरह से मजबूरी बन गई थी. आइए जानते हैं कि किस राज्य को शराब से कितनी होती है कमाई?
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बिहार और गुजरात को छोड़कर तमाम बड़े राज्यों के लिए 5 प्रमुख इनकम सोर्स में से एक शराब की बिक्री से मिला टैक्स होता है. राज्यों को सबसे ज्यादा आय करीब 39.9% राज्य जीएसटी रूप में होती है, उसके बाद 21.5% आमदनी पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट या सेल्स टैक्स होता है. स्टेट एक्साइज (मुख्यत: शराब से) 11.9 फीसदी, करीब 11.2 फीसदी भू-राजस्व से और वाहन रजिस्ट्रेशन से करीब 5.7 फीसदी आय होती है.
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अब राज्यों की बात करते हैं, राजस्थान सरकार ने तो लॉकडाउन के बीच ही शराब पर एक्साइज टैक्स 10 फीसदी बढ़ा दिया था. राज्य में अब देश में निर्मित विदेशी शराब (IMFL) पर टैक्स 35 से 45 फीसदी तक हो गया है. इसी तरह बीयर पर भी टैक्स बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया गया है. यानी 100 रुपये की बीयर में 45 रुपये तो ग्राहक सरकार को टैक्स ही दे देता है. राजस्थान और कर्नाटक को करीब 20 फीसदी राजस्व आय शराब की बिक्री से होती है.
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कितनी होती है शराब से कमाई

आबादी के हिसाब से उत्तर प्रदेश में शराब की खपत बहुत कम है. इसके बावजूद राज्य को साल 2019 में शराब से करीब 25 हजार करोड़ रुपये टैक्स मिला था. आंकड़ों के मुताबिक शराब की बिक्री से यूपी और पंजाब को कुल टैक्स राजस्व का करीब 15 से 20 फीसदी हिस्सा मिलता है. उत्तराखंड में भी शराब से मिलने वाला आबकारी शुल्क कुल राजस्व का करीब 20 फीसदी होता है.
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कर्नाटक को शराब से करीब 19,750 करोड़ रुपये टैक्स मिला था. महाराष्ट्र को शराब की बिक्री से साल 2019 में करीब 15,343 रुपये की आय हुई थी. पश्चिम बंगाल को शराब से करीब 10,554.36 करोड़ रुपये टैक्स मिला है. जबकि तेलंगाना को करीब 10,313.68 करोड़ रुपये टैक्स राजस्व शराब बिक्री से हासिल हुई थी. 
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आंध्र प्रदेश को 10-15 फीसदी की आय शराब की बिक्री से होती है. इसलिए आंध्र प्रदेश ने तीन दिन के अंदर दूसरी बार शराब की कीमत बढ़ा दी है. पहले रविवार को 50 फीसदी और फिर सोमवार को 25 फीसदी कीमत बढ़ा दी. (Photo: Maneesh Agnihotri)

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गौरतलब है कि 4 मई देशभर में शराब की दुकानों को शर्तों के साथ खोलने की छूट दी गई है. जिसके बाद दिल्ली में शराब की दुकानों के बाहर भीड़ उमड़ पड़ी, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने सोमवार को शराब पर 'स्पेशल कोरोना फीस' नाम से 70 फीसदी का नया टैक्स लगा दिया. इसके बावजूद मंगलवार को शराब की दुकानों पर भीड़ देखने को मिली. (Photo: Maneesh Agnihotri)
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