जवाब- केंद्रीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर लोन की EMI भुगतान टालने (मोरेटोरियम) की सुविधा को बढ़ा दिया है. इसका मतलब ये हुआ कि आप कुल 6 महीने तक पर्सनल, ऑटो, होम, बिजनेस लोन या क्रेडिट कार्ड की मासिक किस्त (EMI) देने से बच सकते हैं. आपको बता दें कि बीते 27 मार्च को आरबीआई ने पहली बार बैंकों से EMI भुगतान टालने यानी मोरेटोरियम को कहा था. इसके बाद बैंकों ने 3 महीने के लिए अपने ग्राहकों को EMI भुगतान टालने की छूट दी है. लेकिन अब इसी छूट को अतिरिक्त 3 महीने यानी 31 अगस्त तक के लिए बढ़ाया गया है.
जवाब- अगर आप पहले से मोरेटोरियम की सुविधा का फायदा उठा रहे हैं तो इसे अतिरिक्त तीन महीने के लिए बढ़वा लीजिए. वहीं अगर आप अब इस सुविधा से जुड़ना चाहते हैं तो अपने बैंक से संपर्क कीजिए.
जवाब- कोरोना संकट काल में कई लोग ऐसे भी हैं जिनकी नौकरी चली गई है या फिर सैलरी में कटौती कर दी गई है. इसके अलावा कुछ लोगों ने उस कारोबार के लिए लोन ले रखा है, जो अब ठप है. ऐसे लोग EMI मोरेटोरियम की सुविधा का लाभ ले सकते हैं. इसके जरिए आप अपनी मासिक किस्त टाल कर पैसे की तात्कालिक किल्लत से निजात पा सकते हैं. लेकिन जिन लोगों की आय पर फर्क नहीं पड़ा है, उन्हें अपनी ईएमआई समय पर देनी चाहिए.
जवाब- अगर आप EMI मोरेटोरियम की सुविधा ले रहे हैं तो आपको तात्कालिक राहत जरूर है. लेकिन लॉन्ग टर्म में आपको ब्याज के तौर पर इसकी अतिरिक्त कीमत चुकानी होगी. दरअसल, मोहलत अवधि के दौरान जो भी बकाया राशि है, उस पर ब्याज जुड़ता रहेगा. मतलब ये कि बढ़ा हुआ ब्याज आपसे अतिरिक्त ईएमआई के जरिये लिया जाएगा.
जवाब- EMI मोरेटोरियम की सुविधा लेने पर आपको अतिरिक्त रकम चुकानी होगी. अगर आपने एसबीआई से 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है और इसे लौटाने की अवधि 15 साल बची हुई है. ऐसे में अगर आप 3 महीने की मोहलत अवधि का विकल्प चुनते हैं तो 2.34 लाख रुपये के करीब अतिरिक्त ब्याज देना होगा, ये 8 ईएमआई के बराबर है. इसी तरह, 6 लाख रुपये का कार लोन ले रखा है और उसे लौटाने के लिए 54 महीने का समय बचा है तो आपको 19,000 रुपये करीब अतिरिक्त ब्याज देना होगा, जो 1.5 अतिरिक्त ईएमआई के बराबर है.
जवाब- नहीं, EMI मोरेटोरियम की सुविधा के साथ बैंक ग्राहकों को कुछ विकल्प भी दे रहे हैं. पहला विकल्प उन ग्राहकों के लिए है जो मार्च से ही इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं ऐसे ग्राहक मोरेटोरियम पीरियड में किस्त नहीं देने पर जो ब्याज बनता है, जून में उसका एक मुश्त भुगतान कर सकते हैं. वहीं एक विकल्प ये भी है कि इस दौरान जो भी ब्याज बने, उसे लोन की बाकी रकम में जोड़ दिया जाए. और उसे बची हुई ईएमआई में बराबर बांट दिया जाए.
इससे आपकी ईएमआई बढ़ेगी लेकिन लोन भुगतान की अवधि में कोई बदलाव नहीं होगा. एक अन्य विकल्प ये है कि ईएमआई स्थिर रहे और लोन की अवधि बढ़ा दी जाए. मान लीजिए कि आपको अपने लोन की ईएमआई 12 साल तक देनी है तो आप इस अवधि को बढ़ा सकते हैं. इस दौरान ईएमआई तो स्थिर रहेगा लेकिन लोन अवधि खत्म होने के बाद अतिरिक्त महीनों में भी आपको किस्त देनी होगी.
जवाब- ऐसी स्थिति में आप पहले की तरह सामान्य तौर पर ईएमआई कटने दें. अगर किसी वजह से आपकी ईएमआई नहीं कट रही है तो बैंक से संपर्क कर इसकी वजह पूछ लें. अगर आप EMI मोरेटोरियम की सुविधा लेना चाहते हैं तो आपको अपने बैंक से संपर्क करना होगा. इसके अलावा बैंक की वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भी मदद ली जा सकती है. आपको बता दें कि EMI मोरेटोरियम की सुविधा बैंक तभी देंगे जब ग्राहक की अनुमति होगी.