scorecardresearch
 

भारत में फोर्ड का कारोबार खरीदेगी महिंद्रा! जल्द हो सकती है डील

अमेरिकी ऑटो कंपनी फोर्ड के भारतीय कारोबार को महिंद्रा ऐंड महिंद्रा खरीद सकती है. दोनों के बीच जल्दी ही इसके लिए एक समझौते पर दस्तखत हो सकता है. दोनों कंपनियां मिलकर एक संयुक्त उद्यम बनाएंगी.

Advertisement
X
मुश्किल में है फोर्ड का कारोबार
मुश्किल में है फोर्ड का कारोबार

  • भारत में मुश्किल में चल रहा है फोर्ड का कारोबार
  • अगस्त में कंपनी की बिक्री में 31 फीसदी की गिरावट आई है
  • दोनों कंपनियां मिलकर एक जॉइंट वेंचर बनाएंगी

परेशान चल रही अमेरिकी ऑटो कंपनी फोर्ड के भारतीय कारोबार को महिंद्रा ऐंड महिंद्रा खरीद सकती है. दोनों के बीच जल्दी ही इसके लिए एक समझौते पर दस्तखत हो सकता है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है.

खबर के अनुसार दोनों कंपनियां मिलकर एक संयुक्त उद्यम बनाएंगी जिसमें 51 फीसदी हिस्सा महिंद्रा के पास और 49 फीसदी हिस्सा फोर्ड के पास रहेगा. समझौते के मुताबिक फोर्ड अपने ज्यादातर एसेट और कर्मचारी नई कंपनी को सौंप देगी, लेकिन गुजरात के साणंद का इंजन प्लांट फोर्ड अपने पास ही रखेगी.

समझौते के मुताबिक फोर्ड के चेन्नई और साणंद के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को नए ज्वाइंट वेंचर को सौंपा जा सकता है. इन दोनों प्लांट की संयुक्त रूप सालाना 4.40 लाख वाहनों के उत्पादन की क्षमता है. इस ज्वाइंट वेंचर के द्वारा फोर्ड ब्रांड नाम से कारें बन सकती हैं और इनकी बिक्री भारत के अलावा दूसरे देशों में भी की जाएगी.

Advertisement

फोर्ड और महिंद्रा के प्रवक्ता ने अभी इस करार पर कोई भी जानकारी देने से इंकार किया है, लेकिन फोर्ड ने यह स्वीकार किया है कि वह महिंद्रा के साथ मिलकर 'रणनीतिक सहयोग विकसित करने की कोशिश कर रही है ताकि कॉमर्श‍ियल और मैन्युफैक्चरिंग सक्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रही है.'  

गौरतलब है कि भारत में फोर्ड का कारोबार अच्छा नहीं चल रहा और काफी समय से यह चर्चा चल रही है कि फोर्ड भारत में अपना कारोबार समेटने की तैयारी कर रही है. हालांकि, फोर्ड ने अपना कारोबार यहां पूरी तरह से बंद करने की जगह संयुक्त उद्यम के द्वारा भारतीय कारोबार में बने रहने का निर्णय लिया है.

फोर्ड अमेरिका की दिग्गज कार कंपनी है और उसके शेयरधारकों का इस बात को लेकर काफी दबाव है कि कंपनी को मुनाफे में रखा जाए. इसकी वजह से दुनिया भर में अपने कारोबार का पुनर्गठन कर फोर्ड का अगले कुछ वर्षों में 11 अरब डॉलर बचाने का प्लान है.

गौरतलब है कि भारत में ऑटो सेक्टर पिछले करीब एक साल से परेशान चल रहा है, क्योंकि बिक्री में लगातार‍ गिरावट हो रही है. फोर्ड ने भारत में 2 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है. इसकी फिलहाल भारतीय बाजार में महज 3 फीसदी हिस्सेदारी है. अगस्त में फोर्ड इंडिया की बिक्री में 31.4 फीसदी की गिरावट आई है और घरेलू बाजार में कंपनी ने महज 5,517 वाहन बेचे हैं.

Advertisement

Advertisement
Advertisement