पिछले कुछ सालों में भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिले हैं, जहां निवेश और रिहाइश के लिहाज से दिल्ली-NCR का बाजार सबसे हॉट स्पॉट बनकर उभरा है. हालिया आंकड़ों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गुरुग्राम न केवल उत्तर भारत में, बल्कि पूरे देश के प्रमुख महानगरों में प्रॉपर्टी की कीमतों के मामले में सबसे आगे निकल गया है.
रियल एस्टेट मार्केट के आंकड़ों के अनुसार, गुरुग्राम में भारतीय शहरों के बीच आवास की कीमतों में सबसे महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है, जहां 2019 के बाद से संपत्ति के मूल्यों में 150% का जबरदस्त उछाल आया है. यह तेजी पुणे (115%), नोएडा और ग्रेटर नोएडा (104%) जैसे शहरों की तुलना में काफी अधिक रही है.
यह भी पढ़ें: रियल एस्टेट निवेश में सुस्ती, पर ऑफिस और रेजिडेंशियल सेक्टर ने दिखाया दम
मुंबई और बेंगलुरु भी पीछे
इसी अवधि के दौरान मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े बाजारों में भी क्रमश 97% और 98% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई. रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म 'स्क्वायर यार्ड्स' का कहना है कि गुरुग्राम की कीमतों में आए इस बड़े उछाल का मुख्य कारण प्रीमियम और लग्जरी सेगमेंट में बढ़ी हुई मांग है, हालांकि हाल के दिनों में पूरे सेक्टर के कुल लेनदेन में थोड़ी नरमी जरूर देखी गई है.
वर्ष 2025 में भारत के नौ प्रमुख शहरों के आवासीय बाजार में एक दिलचस्प विरोधाभास देखा गया है. आंकड़ों के अनुसार, आवासीय लेनदेन की कुल संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 5% की गिरावट आई है, इसके बावजूद बिक्री के कुल मूल्य में 11% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है. इस बदलाव का मुख्य कारण औसत डील साइज में होने वाली 22% की बढ़ोतरी है, जो यह दर्शाता है कि खरीदार अब अधिक कीमत वाली और बड़ी संपत्तियों को प्राथमिकता दे रहे हैं.
यह भी पढ़ें: कैसा रहा रियल एस्टेट के लिए 2025? जानें आपके शहर में घर खरीदना सस्ता हुआ या महंगा
स्क्वायर यार्ड्स (Square Yards) के संस्थापक और सीईओ तनुज शौरी ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "यह अंतर एक परिपक्व होते बाजार को दर्शाता है, जहां विकास अब केवल लेनदेन की संख्या के बजाय मांग की गुणवत्ता से तय हो रहा है. उच्च डिस्पोजेबल आय वाले धनी भारतीयों की संख्या में तेजी से वृद्धि के बीच, 2025 में प्रीमियम और लग्जरी हाउसिंग का कुल वैल्यू में दबदबा रहा है, विशेष रूप से मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) जैसे बाजारों में यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है."
2026 रियल एस्टेट के लिए रहा शानदार
विश्लेषकों का मानना है कि कई प्रीमियम माइक्रो-मार्केट में सामर्थ्य की सीमाएं अब चरम पर हैं. इसके चलते, 2026 तक बाजार में गिरावट के बजाय स्थिरता आने की संभावना है. जैसे-जैसे घरों की कीमतों में वृद्धि की दर धीमी होगी, मध्यम आय वाले खरीदारों के लिए घर खरीदना आसान होने की उम्मीद है, खासकर जब डेवलपर्स नए शहरी गलियारों में विस्तार करेंगे और बेहतर गुणवत्ता वाले आवास विकल्प प्रदान करेंगे.
नारेडको (NAREDCO) महाराष्ट्र के अध्यक्ष प्रशांत शर्मा ने भारतीय रियल एस्टेट की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा, "वर्ष 2025 भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक काल रहा है. यह समय महत्वपूर्ण नीतिगत सुधारों, विभिन्न परिसंपत्ति श्रेणियों में मजबूत मांग और टिकाऊ शहरीकरण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के लिए जाना जाएगा. इस क्षेत्र ने न केवल लचीलापन दिखाया है, बल्कि यह अधिक पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और उपभोक्ता-केंद्रित उद्योग बनने की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ा है."
रिपोर्ट- असीम थपलियाल