28 साल के शुभम नोएडा की एक IT कंपनी में काम करते थे, उनका दिन लंबे ट्रैफिक जाम से शुरू होता था. फिर ऑफिस में 9 घंटे की शिफ्ट पूरी करने के बाद घर वापसी के लिए डेढ़ घंटे तक ट्रैफिक जाम से जुझना और घर पहुंचकर सो जाना यही उनकी जिंदगी थी. लेकिन 2020 में कोरोना महामारी ने उसकी जिंदगी बदल दी. पहले तो वो एक साल तक नोएडा में रहकर वर्क फ्रॉम होम करते रहे, धीरे-धीरे वो अपने घूमने के शौक को पूरा करने के लिए अलग-अलग जगहों पर ट्रैवल करने लगे और वहीं से काम करने लगे. कुछ दिनों के बाद जब कंपनी ने परमानेंट वर्क फ्रॉम होम कर दिया तो उनके ख्वाबों को पंख लग गए. उन्होंने नोएडा का 35 हजार रुपये का 2BHK फ्लैट छोड़कर मसूरी में किराए पर घर ले लिया, जिसके लिए वो 15 हजार रुपये देते हैं.
मसूरी की ठंडी हवाएं, पहाड़ों की हरियाली और सुबह की चिड़ियों की चहचहाहट ने शुभम को एक नई ऊर्जा दी वह अपने लैपटॉप के साथ एक छोटी सी बालकनी में बैठकर काम करते हैं. शुभम को एहसास हुआ कि वह अब नोएडा की भीड़भाड़ वाली जिंदगी में वापस नहीं जा सकते हैं, वो अब यही पर घर लेकर बसना चाहता है. ये कहानी सिर्फ शुभम की नहीं है ज्यादातर लोग जिनको रिमोट वर्क की सुविधा है, वो शहर छोड़कर छोटे हिल स्टेशन पर बस रहे हैं.
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पहले हिल स्टेशन जैसे मसूरी, शिमला, या नैनीताल सिर्फ छुट्टियां मनाने की जगह हुआ करते थे, लेकिन अब ये जगहें शहरी प्रोफेशनल्स के लिए पूरे साल रहने का ठिकाना बन रही हैं. शहरी जिंदगी की भागदौड़, प्रदूषण और तनाव से दूर, हिल स्टेशन अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और ठंडी जलवायु के कारण IT पेशेवरों को आकर्षित कर रहे हैं. कोविड-19 महामारी के बाद, रिमोट वर्क और हाइब्रिड वर्क मॉडल ने IT उद्योग में क्रांति ला दी है, कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को स्थायी रूप से घर से काम करने की अनुमति दी है, जिससे पेशेवरों को अपनी पसंद के स्थान पर रहने की स्वतंत्रता मिली है. हिल स्टेशनों में इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार, से इनकी जिंदगी और आसान बन गई है. बड़े-बड़े बिल्डर हिल स्टेशन पर लग्जरी प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं.
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हिल स्टेशन शहरी क्षेत्रों की तुलना में स्वच्छ हवा, कम प्रदूषण और शांत वातावरण देते हैं. उदाहरण के लिए, कुल्लू और मनाली, जो हिमाचल प्रदेश के प्रमुख हिल स्टेशन हैं, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत जलवायु के लिए जाने जाते हैं। IT पेशेवर, जो लंबे समय तक तनावपूर्ण कार्य वातावरण में काम करते हैं, इन स्थानों पर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर माहौल पाते हैं.
मेट्रो सिटीज जैसे बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में रहने की लागत बहुत अधिक है, जबकि हिल स्टेशनों में किराए और संपत्ति की कीमतें अपेक्षाकृत कम हैं. उदाहरण के लिए, मुन्नार में चाय बागानों के बीच कॉटेज या घर किराए पर लेना शहरी फ्लैट्स की तुलना में किफायती हो सकता है. इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध ताजा उत्पाद और कम खर्चीला जीवन स्तर IT पेशेवरों को आकर्षित करता है.
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नैनीताल, देहरादून, शिमला, करनाल और ऋषिकेश जैसे हिल स्टेशनों में घरों की मांग में तेजी आई है, क्योंकि लोग शहरों की भागदौड़ से दूर शांत जगहों की तलाश में हैं, मैजिक ब्रिक्स के डेटा के मुताबिक 2024 में नैनीताल में 61%, देहरादून में 43%, शिमला में 34%, करनाल में 28%, और ऋषिकेश में 26% फीसदी घरों की डिमांड में तेजी देखी गई. ये बढ़ती दिलचस्पी दिखाती है कि लोग इन खूबसूरत जगहों पर हॉलिडे होम्स और लाइफस्टाइल इनवेस्टमेंट की ओर रुझान कर रहे हैं.