दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी सौगात लेकर आ रहा है. दिसंबर में, DDA अपनी 'कर्मयोगी आवास योजना' शुरू करने जा रहा है, जिसका उद्देश्य नरेला क्षेत्र में बने रेडी-टू-मूव-इन फ्लैट्स को जल्दी बेचना है.
DDA की यह पहल सिर्फ किफायती आवास देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विंध्याचल क्षेत्र को शिक्षा और खेल हब के रूप में विकसित करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा भी है, जिसके तहत यहां संस्थानों और खेल सुविधाओं के लिए भूमि आवंटित की जा रही है, ताकि यह क्षेत्र आवास और संस्थागत विकास दोनों के लिए एक पसंदीदा जगह बन सके.
कहां मिल रहे हैं फ्लैट?
'कर्मयोगी आवास योजना' की शुरुआत सेक्टर A1 से A4 के पॉकेट 9 में फ्लैट्स की बिक्री से होगी, और शुरुआती प्रतिक्रिया को देखने के बाद ही अगले चरण तय किए जाएंगे. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह योजना कुल मिलाकर पॉकेट 9, 6 और 13 को कवर करेगी.
शुरुआत में बेचे जाने वाले पॉकेट 9 में कुल 1,168 यूनिट्स उपलब्ध हैं, जिनमें HIG के 272, MIG के 576, और EWS के 320 फ्लैट शामिल हैं. अधिकारियों के अनुसार, पॉकेट 9 की स्थिति अच्छी है, क्योंकि यह जी टी करनाल रोड और अर्बन एक्सटेंशन रोड-II के पास है, और पिछले एक साल में यहां की कनेक्टिविटी में काफी सुधार हुआ है.
इसके बाद के चरणों के लिए, पॉकेट 6 में 936 फ्लैट और पॉकेट 13 में 1,552 फ्लैट उपलब्ध होंगे, जिनमें सभी आय वर्गों के लिए पर्याप्त संख्या में यूनिट्स शामिल हैं.
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नरेला इलाके की चुनौतियां
नरेला, जिसे अब विंध्याचल कहा जाता है, द्वारका और रोहिणी के साथ डीडीए की तीन सबसे बड़ी उप-शहर परियोजनाओं में से एक है. हालांकि इसकी योजना 1980 के दशक के अंत में शुरू हुई थी, लेकिन इसमें बड़ा विकास वर्ष 2000 के बाद ही आया. डीडीए को यहां फ्लैट बेचने में हमेशा काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. एक समय में यहां 70,000 से अधिक फ्लैट्स का स्टॉक था, और 2023 के अंत तक भी 40,000 से ज्यादा फ्लैट बिक नहीं पाए थे.
खरीदारों के रुचि न दिखाने का का मुख्य कारण सीमित कनेक्टिविटी और बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहा है. हालांकि, हाल ही में हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के सुधारों के कारण अब डीडीए को उम्मीद जगी है. अधिकारियों का दावा है कि कुछ प्रमुख ढांचागत परियोजनाओं पर काम पूरा होने के कारण इस साल किफायती आवासों की बिक्री में तेजी आई है.
खास तौर पर, अगस्त में अर्बन एक्सटेंशन रोड-II का पूरा होना और दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के तहत रिठाला-नरेला-नाथूपुर (कुंडली) कॉरिडोर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलना, यहां की पहुंच को बहुत बढ़ा देगा. यह मेट्रो परियोजना अगले चार से पांच सालों में पूरी होने की उम्मीद है, जिससे डीडीए के इन आवासीय फ्लैट्स का आकर्षण और भी बढ़ सकता है.
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