बेंगलुरु में फ्लैट के बढते रेट को लेकर सोशल मीडिया पर अक्सर चर्चा होती रहती है. एक बार फिर रियल एस्टेट सेक्टर में महंगाई को लेकर Reddit पर बहस छिड़ी हुई है. इसकी शुरुआत एक यूज़र के अनुभव से हुई, जिसने अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट और रीसेल की कीमतों में बड़ा अंतर देखा.
यूज़र ने बताया कि वे बेंगलुरु के साउथ में एक बड़े बिल्डर के अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को देखने गए थे. उस प्रोजेक्ट के पहले फेज के सारे 3BHK अपार्टमेंट बिक चुके थे, जिनकी डिलीवरी मार्च 2026 तक होनी थी. वहीं, तीसरे फेज के लिए बिल्डर ने उसी तरह के 3BHK फ्लैट की कीमत 2.1 करोड़ रुपये बताई, जिसकी डिलीवरी 2030 तक ही मिल पाती. इस बीच, उन्होंने उसी सोसायटी के पहले फेज में रीसेल के लिए लिस्ट किए गए फ्लैट्स देखे, जिनकी कीमत लगभग 1.9 करोड़ रुपये थी. यूज़र के अनुसार, बेचने वाले इस कीमत पर भी बातचीत करने के लिए तैयार थे, यानी दाम और भी कम हो सकते थे.
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इसी बात को लेकर Reddit पर यह बहस चल रही है कि क्या बेंगलुरु का प्रॉपर्टी बाज़ार वाकई इतना महंगा है, जितना बिल्डर बता रहे हैं, जबकि रीसेल में कम कीमत पर भी अच्छे विकल्प मौजूद हैं. उस शख्स ने लिखा- 'बिल्डर एक ऐसे अपार्टमेंट के लिए ₹20 लाख ज़्यादा मांग रहा है जो रीसेल प्रॉपर्टी की तुलना में चार साल बाद मिलेगा. कीमतों का यह अंतर बिलकुल समझ से परे है.'
ये पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कई लोगों ने भी अपने ऐसे ही अनुभव और निराशा के बारे में पोस्ट किया है. एक यूज़र ने लिखा- "मैंने अपनी सोसायटी में भी यही देखा है. वे तीन साल बाद तैयार होने वाले अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स को रेडी-टू-मूव फ्लैट्स के बराबर कीमत पर बेच रहे हैं, जिसका कोई मतलब नहीं बनता."
एक और यूज़र ने लिखा, "पश्चिम बेंगलुरु के एक छोटे या मध्यम-स्तर के बिल्डर के साथ मेरा भी ऐसा ही अनुभव रहा. मुझे लगता है कि बिल्डर कीमतों को बढ़ाए रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मांग तेज़ी से घट रही है. वहीं, ऐसे रीसेलर्स जो लंबे समय तक रुक नहीं सकते, वे कम कीमत पर बेच रहे हैं."
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दूसरी ओर, कुछ लोगों ने बिल्डरों की इस रणनीति का बचाव किया, उन्होंने कहा कि अलग-अलग चरणों में कीमतों का बढ़ना इंडस्ट्री का सामान्य नियम है. एक यूज़र ने समझाया, "जब आप किसी प्रोजेक्ट के पहले चरण में घर खरीदते हैं, तो दूसरे चरण में उसी फ्लैट की कीमत लगभग हमेशा ज़्यादा होती है. बिल्डर इस तरह से दाम बढ़ाते हैं ताकि पहले के खरीदारों को रीसेल में फ़ायदा हो." उन्होंने यह भी बताया कि क्योंकि अब जल्द ही रजिस्ट्रेशन होने वाला है, जिसमें 10-15 लाख रुपये का और खर्च आएगा, कई मालिक इस खर्च से बचने के लिए फ्लैट बेच रहे हैं, जिससे रीसेल के सौदे ज़्यादा आकर्षक हो जाते हैं.
रियल एस्टेट कंसल्टेंसी से मिले बाज़ार के आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि बेंगलुरु में प्रॉपर्टी की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है. नाइट फ्रैंक (Knight Frank) की 'प्राइम ग्लोबल सिटीज़ इंडेक्स Q2 2025' रिपोर्ट में बेंगलुरु, प्राइम हाउसिंग की कीमतों में 10.2% की सालाना बढ़ोतरी के साथ दुनिया भर में चौथे स्थान पर रहा.
होमबाज़ार और एनारॉक के डेटा के अनुसार, साल 2024 की दूसरी छमाही में पूरे बेंगलुरु में प्रॉपर्टी की कीमतों में सालाना 12% की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, साउथ बेंगलुरु में तैयार प्रोजेक्ट्स की कीमतों में 21% तक की बढ़ोतरी देखी गई है.
आंकड़ों से पता चलता है कि अंडर-कंस्ट्रक्शन घरों की कीमतें और भी तेज़ी से बढ़ रही हैं. कुछ इलाकों में इनकी कीमत में सालाना 25% तक की बढ़ोतरी हुई है, जबकि तैयार हो चुके प्रोजेक्ट्स में यह बढ़ोतरी 19% रही है. प्रॉपर्टी की कीमतों में यह तेज़ी खासकर उत्तर और पूर्वी बेंगलुरु में ज़्यादा है, जहां IT हब और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है. साथ ही, बाज़ार में ज़्यादातर प्रीमियम प्रोजेक्ट्स ही लॉन्च हो रहे हैं.
Reddit पर हुई यह चर्चा बेंगलुरु के हाउसिंग मार्केट के एक विरोधाभास को उजागर करती है. एक तरफ, बिल्डर लगातार हर नए प्रोजेक्ट के साथ कीमतों को बढ़ा रहे हैं, क्योंकि उन्हें मांग बनी रहने की उम्मीद है. दूसरी तरफ, रीसेल करने वाले मालिक, जो रजिस्ट्रेशन जैसे अतिरिक्त खर्चों से बचना चाहते हैं, कम कीमत पर घर बेच रहे हैं. इसका नतीजा यह है कि खरीदारों के लिए बाज़ार की स्थिति काफ़ी भ्रमित करने वाली है, जहां अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स कभी-कभी तैयार घरों से भी ज़्यादा महंगे मिलते हैं.
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