Zee एंटरटेनमेंट के एक बड़े निवेशक Invesco ने कंपनी के बोर्ड में बदलाव और पुनीत गोयनका को हटाने की मांग एक बार फिर से दोहराते हुए असाधारण आमसभा (EGM) बुलाने की मांग की है.
कंपनी के निवेशकों Invesco और OFI ग्लोबल चाइना फंड IIC का कहना है कि सोनी-जी के विलय का सौदा काफी 'अस्थिर तरीके' से हुआ है. Invesco और OFI ग्लोबल चाइना फंड IIC ने विलय के पहले ही लेटर लिखकर एमडी पुनीत गोयनका को पद से हटाने की मांग की थी. अब इनवेस्को ने फिर एक लेटर लिखकर यह मांग दोहराई है. Invesco Fund की जी एंटरटेनमेंट में 18 फीसदी हिस्सेदारी है.
लेटर भेजकर की मांग
पिछले हफ्ते एंटरटेनमेंट सेक्टर की दिग्गज कंपनी जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क ने परस्पर विलय का ऐलान किया था. पहली बार Invesco डेवलपिंग मार्केट्स फंड और OFI ग्लोबल चाइना फंड ने इसके पहले 12 सितंबर को ही एक लेटर जारी कर ऐसी मांग की थी. इस लेटर में मांग की गई थी कि जी के मैनेजिंग डायरेक्टर पुनीत गोयनका और इसके दो निदेशकों मनीष चोखनी, अशोक कुरियन को बोर्ड से बाहर किया जाए. इस लेटर के जारी होने के कुछ दिनों बाद ही Zee Entertainmentऔर Sony ने विलय का ऐलान कर दिया. इसके बाद Invesco ने 23 सितंबर को फिर एक लेटर लिखा. जिन दो सदस्यों को हटाने की मांग Invesco कर रही थी उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.
कंपनी ने यह दोहराया कि नॉन-इंडीपेंडेट डायरेक्टर्स को बाहर किया जाए और छह नए इंडीपेंडेंट डायरेक्टर बोर्ड में शामिल किए जाएं. Zee ने अभी दूसरे लेटर मिलने की पुष्टि नहीं की है.
पिछले हफ्ते हुआ विलय का ऐलान
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते बुधवार को Zee एंटरटेनमेंट ने Sony पिक्चर्स इंडिया में विलय के लिए करार किया है. Zee Entertainment (ZEEL) ने एक बयान में इस डील की जानकारी देते हुए कहा कि इस विलय के लागू होने के बाद पुनीत गोयनका अगले पांच साल तक एमडी एवं सीईओ बने रहेंगे.
Zee एंटरटेनमेंट ने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (SPNI) के साथ इस मर्जर डील पर दस्तखत किए हैं. इस मर्जर के बाद 52.93% नियंत्रक हिस्सेदारी सोनी के पास ही रहेगी. दूसरी तरफ ZEEL के पास 47.07 फीसदी हिस्सेदारी होगी. डील के मुताबिक बोर्ड के बाकी सदस्य रहेंगे या नहीं इसका फैसला सोनी करेगी.
(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)